अंतत: ‘वे’ 2800 जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र रद्द

रद्द प्रमाणपत्रों की जिला प्रशासन ने सूची की जारी

* 19 अगस्त 2023 से 30 दिसंबर 2024 के दौरान जारी प्रमाणपत्रों का समावेश
* तहसीलदार की बजाय नायब तहसीलदार द्बारा जारी प्रमाणपत्रों को किया गया खारिज
अमरावती/ दि. 9 –जिले में विगत कुछ समय से फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों का मामला अच्छा खासा गूंज रहा है. वही अब राजस्व विभाग में अमरावती जिले में करीब 2800 जन्म मृत्यु प्रमाणपत्रों को खारिज कर दिया है. जिसके तहत 19 अगस्त 2023 से 30 दिसंबर 2024 के दौरान नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी द्बारा जारी किए गये जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया गया है. यह कार्रवाई राजस्व विभाग के आदेशानुसार की गई है. जिसकी जानकारी कल सोमवार की शाम मनपा प्रशासन ने अधिकृत प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए दी है.
मनपा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अमरावती महानगरपालिका के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को तहसील कार्यालय से एक़ पत्र प्राप्त हुआ है. इसके अनुसार, दिनांक 19 अगस्त 2023 से 30 दिसंबर 2024 तक स्थगित आदेश के अंतर्गत जारी किए गए जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों में से, जिन प्रमाणपत्रों को तहसीलदार अथवा तहसील दंडाधिकारी पद से निचले स्तर वालेअधिकारी यानि नायब तहसीलदार द्वारा जारी किया गया है, उन्हें रद्द कर दिया गया है. साथ ही रद्द किए गए प्रमाणपत्रों की सूची अमरावती महानगरपालिका की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की गई है. इन रद्द प्रमाणपत्रों का उपयोग अब किसी भी सरकारी योजना, पासपोर्ट आवेदन या अन्य आधिकारिक कार्यवाही के लिए नहीं किया जाएगा. अत: मनपा ने सभी नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे इन रद्द प्रमाणपत्रों का प्रयोग न करें. अमरावती महानगरपालिका शासन की यह गंभीर सूचना सभी के लिए लागू होगी.
* अब उन प्रमाणपत्रों का नहीं किया जा सकेगा प्रयोग
राजस्व विभाग के आदेशानुसार अब रद्द किए गये जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों का प्रयोग किसी भी सरकारी अथवा अर्ध सरकारी कामों हेतु नहीं किया जा सकेगा. ऐसे में संबंधितों द्बारा अब किसी भी सरकारी योजना के लिए अथवा पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए या फिर अन्य किसी भी काम के लिए 19 अगस्त 2023 से 30 दिसंबर 2024 के दौरान जारी जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए.

एक भी प्रमाणपत्र रद्द नहीं होने दिया जायेगा!
* विधायक सुलभा खोडके ने प्रशासनिक लापरवाही पर अपनाई गंभीर भूमिका
इस पूरे मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अमरावती निर्वाचन क्षेत्र की विधायक सुलभा खोडके ने मनपा एवं तहसील कार्यालय के बीच समन्वय का अभाव रहने पर तीव्र संताप व्यक्त किया. साथ ही कहा कि मनपा व तहसीलदार कार्यालय की लापरवाही का खामियाजा आम जनता बिल्कुल भी नहीं भुगतेगी. विधायक सुलभा खोडके ने यह भी कहा कि 19 अगस्त 2023 से 30 दिसंबर 2024 के दौरान अमरावती मनपा क्षेत्र में जारी 1654 जन्म प्रमाणपत्र एवं 55 मृत्यु प्रमाणपत्र में से एक भी प्रमाणपत्र को रद्द नहीं होने दिया जायेगा. साथ ही इस मामले में संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेकर दोबारा जांच पडताल करवाते हुए उन सभी प्रमाणपत्रों को पुन: नियमित करवाया जायेगा. इसके अलावा विधायक सुलभा खोडके ने यह भी कहा कि यदि जरूरत पडती है तो इस तरह की अक्षम्य लापरवाही बरतनेवाले अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी की जायेगी. लेकिन अधिकारियों की गलतियों की वजह से आम नागरिकों को बिल्कुल भी मुश्किलों व दिक्कतों में नहीं डाला जायेगा.                                                                                                              19 अगस्त 2023 से 30 दिसंबर 2024 की कालावधि में जारी व स्थगिती दिए गये जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों को रद्द किए जाने की जानकारी मनपा सहित नगर पंचायतों व नगर परिषदों को दी गई है. साथ ही जिन लोगों के पास इस कालावधि में जारी किए गये जन्म- अथवा मृत्यु प्रमाणपत्र है, वे अब उन प्रमाणपत्रों का प्रयोग किसी भी सरकारी अथवा अर्ध सरकारी काम हेतु नहीं कर सकेंगे.
– विजय लोखंडे,
तहसीलदार, अमरावती.
अमरावती मनपा क्षेत्र में 19 अगस्त 2023 से 30 दिसंबर 2024 की कालावधि के दौरान जारी 1709 जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्रों को रद्द किया गया है. यह कार्रवाई राजस्व विभाग के आदेशानुसार की गई है. इन प्रमाणपत्रों की पडताल अप्रैल 2025 में की गई थी. साथ ही अब रद्द किए गये प्रमाणपत्र धारकों के नामों की सूची मनपा की वेबसाइड पर नागरिकों के अवलोकन हेतु उपलब्ध करा दी गई है.
डॉ. विशाल काले,
वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी, अमरावती मनपा
मनपा में दोबारा जमा कराने होंगे दस्तावेज
जिन लोगों के जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों को राजस्व प्रशासन एवं तहसीलदार के आदेश पर रद्द किया गया है. वे सभी लोग मनपा के जन्म- मृत्यु विभाग में सभी आवश्यक दस्तावेज दोबारा जमा कराते हुए नये सिरे से जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र हासिल कर सकते हैं. मनपा द्बारा सभी दस्तावेजोेंं की गहन जांच पडताल के बाद आवश्यक प्रक्रिया का पालन करते हुए जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किए जायेंगे.
– शिल्पा नाईक,
अतिरिक्त आयुक्त, अमरावती मनपा
प्रशासनिक गलती का खामियाजा भुगतना पड रहा है आम नागरिकों को
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि जिलाधीश में सरकारी नियमानुसार सभी तहसीलदारों को विलंबित जन्म- मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए थे. परंतु कई तहसीलदारों ने खुद पर काम का बोझ कम करने के लिए इन प्रमाणपत्रों को जारी करने से संबंधित काम का जिम्मा अपने अधीनस्थ नायब तहसीलदारों को दे दिया है. जिसके बाद नायब तहसीलदारों के हस्ताक्षर से जारी जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों को लेकर ही अच्छा खासा हंगामा मचा तथा फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होने को लेकर काफी बवाल भी काटा गया. यह साफ तौर पर एक प्रशासनिक लापरवाही व गलती थी. जिसे सुधारने की बजाय प्रशासन ने एक झटके के साथ नायब तहसीलदारों द्बारा जारी जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्राेंं को रद्द करने का निर्णय ले लिया. जिसका खामियाजा अब संबंधित प्रमाणपत्र धारकों यानी आम नागरिकों को भुगतना होगा. जिनका इस बात से कोई लेना-देना भी नहीं था कि प्रमाणपत्र तहसीलदार द्बारा जारी किया गया है या फिर उस पर नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर है. उन लोगों ने तो सरकारी नियमानुसार तहसीलदार कार्यालय में जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए आवेदन किया था. अब उनके प्रमाणपत्र पर तहसीलदार की बजाय नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर है तो इसमें उन प्रमाणपत्र धारकों की कोई गलती नहीं है. बल्कि इसके लिए संबंधित तहसीलदारों को जिम्मेदार माना जाना चाहिए.
उन प्रमाणपत्र धारकों के भविष्य पर उठे सवाल
यहा यह विशेष उल्लेखनीय है कि तहसील कार्यालय द्बारा नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर से जारी विलंबित जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों को रद्द करने के साथ ही यह भी कहा गया है कि ऐसे प्रमाणपत्रों का किसी भी काम के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता और यदि ऐसे प्रमाणपत्रों का किसी भी सरकारी काम के लिए प्रयोग होता पाया जाता है तो ऐसे प्रमाणपत्रों को तुरंत वहीं पर जमा कर लिया जाए. चूंकि इसमें से अधिकतर प्रमाणपत्र जन्म के दाखिले हैं. जिनका निश्चित तौर पर संंबंधितों द्बारा शालाओं में प्रवेश के लिए प्रयोग किया गया होगा. ऐसे में सवाल उठता है कि यदि इन प्रमाणपत्रों को रद्द किया जाता है, तो क्या उन प्रमाणपत्रों के आधार पर शालाओं में भी एडमीशन भी रद्द कर दी जायेगी. इसके अलावा कई लोगों ने ऐसे प्रमाणपत्रों का विविध सरकारी योजनाओं के लाभ पाने के लिए भी प्रयोग किया है. ऐसे में अब उन लाभार्थियों ने भी इस बात को लेकर संभ्रम देखा जा रहा है कि उन्हें संबंधित योजनाओं का लाभ मिलना जारी रहेगा अथवा नहीं. कुल मिलाकर स्थिति काफी पेशोपेश वाली है और इसका हाल फिलहाल कोई समाधान मनपा एवं जिला प्रशासन के पास नहीं है.

 

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