अगले पांच वर्ष में 1.25 लाख उद्योजकों को प्रोत्साहित करेगी सरकार

50 हजार नवउद्यमियों को मान्यता देने का भी लक्ष्य तय

* राज्य सरकार ने उद्योजकता को गतिमान करने लिया बडा फैसला
पुणे/दि.9 – राज्य में नवउद्यमों व उद्योजकता को गतिमान करने हेतु राज्य सरकार ने महाराष्ट्र स्टार्टअप, उद्योजकता व नाविण्यता नीति 2025 को मंजूर किया है. राज्य के कई क्षेत्रों में विकसित हुए नवउद्यमों व उद्योजकता परिसंस्थाओं को समूचे राज्य में विकसित करने हेतु प्रादेशिक नवोपक्रम व उद्योजकता केंद्रों की स्थापना की जाएगी. जिसके तहत अगले पांच वर्षों में 1 लाख 25 हजार उद्योजकों को प्रोत्साहन देने के साथ ही 50 हजार नवउद्यमियों को मान्यता देने का लक्ष्य तय किया गया है.
जानकारी के मुताबिक 31 मई 2025 तक राज्य में 29 हजार 147 मान्यताप्राप्त नवउद्यमी है. जो देश के कुल नवउद्यमियों की तुलना में 18 फीसद है. यह देश में सर्वाधिक प्रमाण है. वहीं अब कौशल्य, रोजगार, उद्योजकता व नाविण्यता विभाग ने महाराष्ट्र स्टार्टअप, उद्योजकता व नाविण्यता नीति 2025 प्रकाशित की है. जिसके चलते निधि की उपलब्धता, विस्तारीकरण, मूलभूत सुविधाओं में वृद्धि व समुचित सहायता पर ध्यान केंद्रीत करते हुए अगले पांच वर्ष के दौरान राज्य में सर्वसमावेशक, क्रियान्वयन केंद्रीत, नवउद्यमी परिसंस्था की निर्मिति करने और अगली पीढी के उद्योजकों हेतु वैश्विक केंद्र के तौर पर राज्य का स्थान सुनिश्चित करने का लक्ष्य तय किया गया है.
इस नीति के अंतर्गत स्थापित किए जानेवाले प्रादेशिक नवोपक्रम व उद्योजकता केंद्रों के जरिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला, अंतर्राष्ट्रीय सहकार्य, कौशल्य प्रशिक्षण व निवेश की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही प्रादेशिक स्तर पर जलद निर्णय प्रक्रिया हेतु अधिकारों का विकेंद्रीकरण कर व्यवस्था तैयार की जाएगी. इसके अलावा कौशल्य, रोजगार, उद्योजकता व नवोपक्रम जिला कार्यकारी समिति का सक्षमीकरण कर जिला वार्षिक योजना अंतर्गत नवोपक्रम व नवउद्यमी से संबंधित कार्यक्रमो हेतु आरक्षित रहनेवाली 3.5 फीसद नवोपक्रम निधि का लाभ दिया जाएगा. साथ ही साथ जिले की परिसंस्थाओं को गतिमान करने हेतु जिलास्तर पर नवोपक्रम पाठ्यवृत्ति (फेलोशिप) प्रदान की जाएगी और प्रत्येक जिले का रुपांतरण ग्रोथ हब में किया जाएगा.

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