प्रारुप प्रभाग रचना पर 23 आपत्तियां दर्ज

आक्षेप दर्ज करानेवालो में कई पूर्व पार्षद भी शामिल

* प्रभागों में नाम उल्लेख नहीं रहनेवाले क्षेत्रों को लेकर दर्ज कराई गई आपत्ति
* प्रारुप रचना के तहत अन्य प्रभागों से जुडे कुछ क्षेत्रों को वापिस जोडने का दिया गया सुझाव
* 15 सितंबर तक चलेगा आपत्तियों व आक्षेपों का सिलसिला, फिर जिलाधीश करेंगे सुनवाई
अमरावती/दि.10 – अमरावती महानगर पालिका के आगामी चुनाव हेतु मनपा प्रशासन द्वारा विगत 3 सितंबर को घोषित की गई प्रारुप प्रभाग रचना को लेकर किसी भी तरह की आपत्ति या आक्षेप रहने पर उसे दर्ज कराने हेतु मनपा प्रशासन द्वारा 15 सितंबर तक समय तय किया गया है. ऐसे में अब प्रारुप प्रभाग रचना को लेकर अलग-अलग प्रभागों से आपत्ति व आक्षेप मिलने शुरु हो गए है. जिसके तहत आज दोपहर 3 बजे तक मनपा प्रशासन को कुल 23 आपत्ति व आक्षेप प्राप्त हो चुके हैं. खास बात यह है कि, प्रारुप प्रभाग रचना को लेकर आपत्ति व आक्षेप दर्ज करानेवालों में मनपा के कई पूर्व पार्षदों का भी समावेश है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक गवलीपुरा परिसर निवासी पूर्व पार्षद शेख हमीद शद्दा ने प्रारुप प्रभाग रचना को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. उल्लेखनीय है कि, गवलीपुरा परिसर पहले प्रभाग क्रमांक 15 छाया नगर-गवलीपुरा प्रभाग का हिस्सा हुआ करता था. जिसे मौजूदा प्रारुप रचना के तहत इस प्रभाग से हटाकर विलास नगर प्रभाग के साथ जोड दिया गया है. ऐसे में पूर्व पार्षद शेख हमीद शद्दा ने गवलीपुरा को छाया नगर-गवलीपुरा प्रभाग के साथ ही जोडे रखने हेतु अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.
इसके साथ ही प्रभाग क्रमांक 5 महेंद्र कॉलोनी-न्यू कॉटन मार्केट के पूर्व पार्षद धीरज हिवसे ने भी प्रारुप प्रभाग रचना में एक ‘क्लरीकल मिस्टेक’ यानि लिपीकीय गलती रहने की ओर ध्यान दिलाते हुए अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. पूर्व पार्षद धीरज हिवसे के मुताबिक प्रभाग का परिसीमन तय करते समय गौतम निकालजे के घर की बजाए प्रथमेश गवई के घर का उल्लेख हुआ है. जबकि प्रथमेश गवई का घर इस प्रभाग की सीमा से काफी दूर है. ऐसे में इस प्रभाग की सीमा गौतम निकालजे के घर तक होनी चाहिए. इसके अलावा धीरज हिवसे ने पिछली बार की तुलना में इस बार नैसर्गिक सीमा के आधार पर किए गए प्रभाग के परिसीमन पर संतोष व्यक्त किया.
इसके अलावा पूर्व पार्षद अजय गोंडाणे ने प्रभाग क्रमांक 10 बेनोडा-भीमटेकडी-दस्तूर नगर व प्रभाग क्रमांक 11 रुक्मिणी नगर-फ्रेजरपुरा की रचना व परिसीमन को लेकर आक्षेप दर्ज कराते हुए कहा कि, इनदोनों प्रभागों के तहत 4 गलियों को एक प्रभाग काटकर दूसरे प्रभाग के साथ जोड दिया गया है. जिससे प्राकृतिक सीमा का भी उल्लंघन हो रहा है. ऐसे में उन चार गलियों को दुबारा पहले की तरह पुराने प्रभाग के साथ जोडा जाएं.
इसके साथ ही पूर्व पार्षद प्रदीप उर्फ बंडू हिवसे ने प्रभाग क्रमांक 12 स्वामी विवेकानंद कॉलोनी में शामिल कई रिहायशी इलाको का प्रभाग रचना के तहत उल्लेख नहीं रहने को लेकर आपत्ति जताई है. पूर्व पार्षद हिवसे के मुताबिक प्रभाग क्रमांक 12 में बेलपुरा, किरण नगर नं. 1 व नं. 2, डहाणे नगर, भगवान नगर, कमल कॉलोनी व मोती नगर परिसर का उल्लेख नहीं किया गया है. ऐसे में अंतिम प्रभाग रचना घोषित करते समय इन सभी रिहायशी इलाको का इस प्रभाग में समावेश किया जाएं, ऐसी मांग उन्होंने की है.
इसी तरह पूर्व पार्षद जयश्री देवराव कुर्‍हेकर ने प्रभाग क्रमांक 12 स्वामी विवेकानंद कॉलोनी में किरण नगर नं. 1 व नं. 2, प्रसाद कॉलोनी व विदर्भ हाउसिंग सोसायटी को पूरी तरह से शामिल किए जाने का सुझाव देते हुए मौजूदा प्रारुप रचना को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. इसके अलावा प्रारुप प्रभाग रचना को लेकर भाजपा के शहर कार्यकारिणी सदस्य तुषार वानखडे (नमूना गली नं. 3), पारिजात सहकारी संस्था के सचिव सुरेश नांदुरकर (नेमानी गोडाउन), घनश्याम डकरे (स्वागतम कॉलोनी), प्रथमेश रविकांत गवई (विलास नगर) व विजय नरेंद्र पवार (एमआईडीसी रोड) द्वारा भी मनपा प्रशासन के समक्ष अपने आपत्ति व आक्षेप दर्ज कराए गए है.                            इनके अतिरिक्त पूर्व नगरसेवक प्रमोद पांडे, विजय पवार, रविन्द्र जोशी, प्रशांत कवाने, रमेश फटिंग, विकास पांडे, सागर तिवारी, संजय दुपारते, अतुल देशमुख, आशा दरने, आनंद दरने, इकबाल साहिल मो. फारूक, प्रफुल्ल लोखंडे और प्रवीण मनोहर वाकोडे ने भी अपने क्षेत्र के प्रभागों के प्रारूप रचना पर एतराज महापालिका के चुनाव विभाग के पास दर्ज कराए हैं.
बता दें कि, मनपा प्रशासन द्वारा आगामी 15 सितंबर तक प्रारुप रचना को लेकर आम नागरिकों के आपत्ति व आक्षेप स्वीकार किए जाएंगे. जिसके उपरांत सभी आपत्तियों व आक्षेपों पर जिलाधीश अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत सक्षम अधिकारी द्वारा सुनवाई की जाएगी. जिसके उपरांत जिलाधीश कार्यालय एवं मनपा प्रशासन द्वारा अपनी सिफारिशों के साथ अंतिम प्रभाग रचना का प्रस्ताव संभागीय आयुक्त कार्यालय के मार्फत नगर विकास विभाग को भेजा जाएगा. जहां से यह प्रस्ताव अंतिम मान्यता व मंजूरी के लिए राज्य निर्वाचन आयोग के पास भेजा जाएगा और फिर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अंतिम प्रभाग रचना घोषित करने के साथ ही मनपा चुनाव की अधिसूचना भी घोषित की जाएगी.

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