युवा बेटे की हत्या में मां, प्रेमी को उम्रकैद

यवतमाल कोर्ट ने सुनाई सजा

* 5 वर्ष पूर्व नेर में हुआ था कमल चव्हाण का मर्डर
यवतमाल/ दि. 11 – नेर थाना अंतर्गत ग्राम मोझर में 5 वर्ष पूर्व 3 अगस्त 2020 की रात हुए कमल दमडू चव्हाण की जघन्य हत्या और शव को स्मशान भूमि में फेंक देने के प्रकरण में जिला न्यायाधीश क्रमांक 1 एस.यू बघेले ने मां और उसके प्रेमी दोनों आरोपियों को दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई. आरोपी नरेंद्र ज्ञानेश्वर ढेंगाले (45) और शोभा दमडू चव्हाण (50) को कुल 70 हजार रूपए जुर्माना भी किया गया. वह जुर्माने की राशि मृत कमल चव्हाण की तीनों बेटियों को देने के निर्देश न्यायालय ने दिए हैं.
इस्तगासे के अनुसार 3 अगस्त 2020 की रात को आरोपी शोभा दमडू चव्हाण का बेटा घर से बाहर गया तो लौटा नहीं. दूसरे दिन 4 अगस्त को दोपहर 1 बजे जवाई ने आकर बताया कि कमल चव्हाण का शव गांव की स्मशान भूमि में पडा है. वहां जाकर देखने पर कमल चव्हाण के गले, चेहरे पर तेज धार शस्त्र से वार कर उसकी हत्या किए जाने का मामला दर्ज किया गया.
मां ने दी शिकायत
कमल चव्हाण की मां शोभा ने पुलिस थाने में बेटे के मर्डर की शिकायत दी. पुलिस ने अपराध दर्ज कर हमलावरों की खोजबीन आरंभ की. साक्षीदारों पंकज कावरे ने हत्या का साक्षीदार होने का दावा कर कमल की मां शोभा और उसके प्रेमी नरेंद्र ढेंगाले द्बारा हत्या किए जाने और लाश स्मशान भूमि में लाकर डाल देने की जानकारी पुलिस को दी. जिससे पुलिस ने आरोपी नरेंद्र और शोभा को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया. जांच में खुलासा हुआ कि दोनों आरोपियों के 10 वर्षो से प्रेम संबंध थे. जिसमें कांटा बन रहे कमल चव्हाण को आरोपियों ने साजिश कर मार डाला और अपना गुनाह छिपाने शव स्मशान घाट पर डाल दिया.
पुलिस ने न्यायालय में दोषारोपपत्र दायर किया. नेर के थानेदार ज्ञानेश्वर घुगे और प्रशांत मसराम ने हत्याकांड की जांच की थी. अभियोजन पक्ष की ओर से 9 साक्षीदार पेश किए गये. प्रत्यक्षदर्शी पंकज कावरे कोर्ट में फितूर हो गया. शोभा चव्हाण ने भी कहा कि शिकायत नहीं दी है. परिस्थितिजन्य सबूतों और कडी दर कडी जोडकर सरकारी वकील मंगेश गंगलवार ने युक्तिवाद किया. जिसके आधार पर न्यायालय ने आरोपियों को कसूरवार माना. उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई. आरोपी नरेंद्र ढेंगाले को 70 हजार रूपए जुर्माना भी कोर्ट ने किया. इस मामले में पैरवी अधिकारी महेंद्र भोवते रहे.
* कावरे को नोटिस
कोर्ट ने इस मामले में प्रत्यक्षदर्शी बनने के बाद अदालत में बयान से मुकर जाने एवं फितूर हो जाने के कारण नोटिस देने का आदेश दिया है. नोटिस में पंकज कावरे से पूछा जायेगा कि उसने झूठी गवाही या साक्ष्य क्यों दी थी.

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