सह्याद्री व्याघ्र प्रकल्प में लाए जाएगे ताडोबा और पेंच से 8 बाघ
केंंद्र सरकार ने दी अनुमति

कोल्हापुर/दि.12- सह्याद्री व्याघ्र प्रकल्प में बाघों की संख्या बढाने के लिए बडा निर्णय लिया गया है. पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्बारा महाराष्ट्र सरकार की मांग को मंजूरी देते हुए ताडोबा-अंधारी व पेंच व्याघ्र प्रकल्प क्षेत्र से 8 बाघ (3 नर और 5 मादा) पकडकर सह्याद्री में स्थलांतर करने की अनुमति दी गई है.
महाराष्ट्र वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वनसंरक्षक बेन क्लेमेंट ने इसकी पुष्टि की है. इन बाघो को पकडना और उनके स्थलांतर प्रक्रिया के दौरान बाघो को कम से कम परेशानी होने बाबत ध्यान रखने और उचित पशु वैद्यकिय सेवा उपलब्ध कर यह अभियान राज्य वन विभाग की देखरेख में पूरा करने की बात मंत्रालय के आदेश में स्पष्ट की गई है. इसके अलावा स्थलांतर के बाद लगातार देखरेख रख हर तीन महिने की रिपोर्ट केंद्र को प्रस्तुत करना अनिवार्य रहेगा. कोई भी अनर्थ होने पर अनुमति वापिस ले ली जाएगी, ऐसा भी इस आदेश में दर्ज किया गया है. वन्यजीव प्रेमी व संवर्धन क्षेत्र के विशेषज्ञों ने इस निर्णय का स्वागत किया है.
* सह्याद्री प्रकल्प में बाघो की संख्या बढेगी
सह्याद्री व्याघ्र प्रकल्प में 8 अलग-अलग बाघों की गतिविधियां पूरे साल में दर्ज किए जाने से सह्याद्री व्याघ्र प्रकल्प के बाघों के अस्तित्व पर मुहर लग गई है. यहां पर बाघ है, यह निश्चित हो गया है. अब पेंच और ताडोबा के 8 बाघो की इसमें बढोत्तरी होनेवाली है.
सह्याद्री में बाघों का अस्तित्व
कोल्हापुर, सातारा, और सांगली जिले के पहाडों की कतार में फैला सह्याद्री व्याघ्र प्रकल्प यह राज्य में नया व्याघ्र प्रकल्प माना जाता है. यहां बाघो का अस्तित्व है. लेकिन संख्या स्थिर नहीं है. शिकार प्रजाति की उपलब्धता, घना जंगल और उचित अधिवास रहने के बाद भी बाघों की गतिविधिया मर्यादी रही है.





