जिला परिषदों के अध्यक्ष पद के आरक्षण का ड्रॉ घोषित
‘ताईंचा जिल्हा’ अमरावती में ‘ताई’ ही बनेगी जिप अध्यक्ष

* अमरावती जिप सहित संभाग में रहेगा महिला राज
* सर्वसाधारण प्रवर्ग (महिला) हेतु निकला आरक्षण का ड्रॉ
अमरावती/दि.12 – अमरावती जिला परिषद सहित जिले की 14 पंचायत समितियों हेतु कराए जानेवाले आगामी आम चुनाव के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी नवीन अधिसूचना के अनुसार आज आरक्षण का ड्रॉ घोषित किया गया. जिसके चलते अमरावती जिला परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद सहित 12 पंचायत समितियों तथा आदिवासी क्षेत्र की 2 पंचायत समितियों में सभापति पदों के लिए आरक्षण निश्चित किया गया है. जिसके तहत अमरावती जिला परिषद के अध्यक्ष पद को सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है. इससे जिले के सर्वोच्च पद पर महिला नेतृत्व के उदय की राह खुलेगी. यह निर्णय स्थानीय राजनीति के समीकरण को काफी हद तक बदलने वाला है.
बता दें कि, सरकार द्वारा चिखलदरा और धारणी जैसे आदिवासी बहुल तहसीलों के लिए विशेष आरक्षण की योजना बनाई गई है. जिसके तहत एक पंचायत समिति का सभापति पद अनुसूचित जनजाति तथा एक सभापति का पद अनुसूचित जनजाति की महिला प्रवर्ग के लिए आरक्षित रहेगा. इससे मेलघाट क्षेत्र के आदिवासी समाज की महिलाओं को नेतृत्व में आने का ऐतिहासिक अवसर मिलेगा. वहीं सामान्य क्षेत्र की 12 पंचायत समितियों में में अनुसूचित जाति हेतु 1, अनुसूचित जाति (महिला) हेतु 2, अनुसूचित जनजाति हेतु 1, नागरिकों का पिछड़ा वर्ग हेतु 2, नागरिकों का पिछड़ा वर्ग (महिला) हेतु 2, सर्वसाधारण प्रवर्ग हेतु 2 तथा सर्वसाधारण (महिला) हेतु 2 सभापति पद आरक्षित रहेंगे.
ऐसे में जिला परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पदों सहित पंचायत समितियों के सभापति पदों हेतु निकाले गए आरक्षण के ड्रॉ को देखते हुए कहा जा सकता है कि, इसका स्थानीय राजनीति पर जमकर असर पडेगा. साथ ही इसे कई नवोदित महिला नेताओं को राजनीति में आने का अवसर मिलेगा. आदिवासी समाज की महिलाओं का सशक्त नेतृत्व आगे आएगा. इसके अलावा आरक्षण के मौजूदा ड्रॉ के चलते जिला परिषद में सत्ता समीकरण के पूरी तरह बदलने की संभावना भी देखी जा रही है. जिसके चलते जिला परिषद व पंचायत समिति के आगामी चुनाव रोचक और प्रतिस्पर्धी होंगे. इसके साथ ही यह भी कहा जा सकता है कि, यह आरक्षण योजना, सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. जिसके जरिए आगामी चुनाव में महिलाओं और आदिवासी समाज की भागीदारी बढ़ने से लोकतंत्र अधिक सशक्त और समावेशी बनेगा.
* अकोला व वाशिम में भी रहेगा महिला राज, एसटी महिला हेतु निकला ड्रॉ
– यवतमाल व बुलढाणा में जिप का अध्यक्ष पद सभी के लिए ‘ओपन’
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक समूचे राज्यभर की जिला परिषदों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पदों हेतु निकाले गए आरक्षण के ड्रॉ के तहत अकोला एवं वाशिम जिला परिषद का अध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति (महिला) के लिए आरक्षित हुआ है. वहीं यवतमाल व बुलढाणा जिला परिषदों में अध्यक्ष पद को सर्वसाधारण प्रवर्ग हेतु खुला रखा गया है.
* राज्य की 34 जिप में आरक्षण की स्थिति
ठाणे – सर्वसाधारण (महिला)
पालघर – अनुसूचित जनजाति
रायगढ़ – सर्वसाधारण
रत्नागिरी – ओबीसी (महिला)
सिंधुदुर्ग – सर्वसाधारण
नाशिक – सर्वसाधारण
धुले – ओबीसी (महिला)
नंदूरबार – अनुसूचित जनजाति
जालना – ओबीसी (महिला)
पुणे – सर्वसाधारण
सातारा – ओबीसी (महिला)
सांगली – सर्वसाधारण (महिला)
कोल्हापुर – सर्वसाधारण (महिला)
अमरावती – सर्वसाधारण (महिला)
अकोला – अनुसूचित जनजाति (महिला)
वाशिम – अनुसूचित जनजाति (महिला)
गडचिरोली – सर्वसाधारण (महिला)
* मतदाता सूचियों का होगा पुनरीक्षण
भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक करके मतदाता सूची की सटीकता सुनिश्चित की है. किसी भी पात्र नागरिक का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा. प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाता निर्धारित किए गए हैं. सभी जरूरी दस्तावेज नागरिकों को आसानी से प्रस्तुत करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.





