‘सुरमयी श्याम’ में भक्ति, गजल और उपशास्त्रीय संगीत से श्रोता हुए मंत्रमुग्ध

गायक सुरेश और शशांक दंडे ने रसीकों का जीता दिल

* राष्ट्रीय गणेशोत्सव मंडल का आयोजन
वाशिम/ दि. 13 – राष्ट्रीय गणेश मंडल की ओर से लोकमान्य तिलक सभागृह में ‘सुरमयी श्याम’ भक्ति, गजल एवं उपशास्त्रीय संगीत का आयोजन किया गया था. सुरेश दंडे और सारेगामाप फेम शशांक दंडे ने वाशिंग के श्रोताओ का अपनी मधुर वाणी से दिल जीत लिया.
कार्यक्रम की शुरूआत सुरेश दंडे द्बारा ‘ओंकार स्वरूपा सदगुरू समर्था’, ‘बाजे रे मुरलिया बाजे ’, राम का गुणगान करिए और ‘अबीर गुलाल उधळीत रंग’ जैसे भक्ति संगीत के साथ हुई. पश्चात उन्होंने सुरेश भट की विख्यात गजल ‘नाही म्हणावयाला आता असे करूया’ को गहरी तन्यता से प्रस्तुत किया. सुरेश दंडे ने मेहंदी हसन की गजल ‘रंजिश ही सही दिल दुखाने के लिए आ’ के हर शेर का मर्म श्रोताओं तक पहुंचाते हुए पेश किया. वही जगजीत सिंग की लोकप्रिय गजलों से श्रोताओं का दिल जीत लिया. गायक शशांक दंडे जो ‘झी सारेगामाप – स्वप्न स्वरांचे, नव तारूण्याचे’ से घर-घर में प्रसिध्द हुए, ने ‘स्वरगंगेच्या काठावरती वचन दिले तु मला’ इस गीत को भावपूर्ण अंदाज में प्रस्तुत किया. ‘मधुबन में राधिका नाचे रे’ और ‘ लागा चुनरी में दाग ’ जैसी उपशास्त्रीय रचनाएं भी उन्होंने दमदार तरीके से गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. संचालन आकाशवाणी के विख्यात उदघोष नितिन भट ने किया. तबले पर शीतल मांडवगडे, सिंथेसाइजर पर प्रवीण जोंधले और वायलीन पर हरीश लांडगे ने मधुर संगत से गायन को और समृध्द किया. इस संगीतमय संध्या की सफलता के लिए मंडल के अध्यक्ष अनिल कुलकर्णी, सचिव योगेश देशपांडे और सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने अथक प्रयास किए.

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