अमरावती जलापूर्ति योजना 2.0 को मिली गति
नई टंकियों, शुद्धिकरण प्लांट व पाईप-लाइन का काम 18% पूर्ण

30 माह में काम पुरा करने का लक्ष्य
अमरावती/दि.13 – अमरावती व बडनेरा शहर को पर्याप्त और निरंतर जलापूर्ति किए जाने के लिए अटल मिशन फॉर रिजुवेशन एंड अर्बन ट्रांसफोर्मशन (अमृत 2.0) के तहत मंजूर 985.49 करोड रूपए की अमरावती जलपूर्ति योजना अब गति पकड चुकी हैं. इस महत्वकांक्षी योजना के तहत नई पानी की टंकियों का निर्माण, महादेव खोरी में तीसरे जलशुद्धिकरण केंद्र का निर्माण और सिंभोरा डैंम से राजुरा स्थित मुख्य जलशुद्धिकरण केंद्र तक 55 किे.मी. लंबी नई लोहे की पाइप-लाइन बिछाने का काम अब 18% से अधिक पूर्ण हो चुका हैं.
महाराष्ट्र जीवन प्राधिकारण (मजीप्रा) के उपविभागीय अभियंता संजय लेवरकर ने बताया कि संपूर्ण योजना का लक्षित उद्ेश्य समय पर पूरा किया जाएगा. और काम की गुणवत्ता पर भी शत-प्रतिशत ध्यान दिया जा रहा हैं. पाइप-लाइन और जलापूर्ति के ठेकेदार इर्ंगल इंफ्रा इंडिया लिमिटेड ने सिंभोरा डैंम से अमरावती (तपोवन) तक पाइप-लाइन बिछाने काम तेज कर दिया हैं. यह कार्य आगामी 30 माह के भीतर पुरा किया जाएगा. वर्तमान में शहरवासियों को औसतन प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही हैं. 30 वर्ष पुरानी जलापूर्ति योजना की पुरानी पाइप-लाइन अब पुरी तरह क्षमता खो चुकी हैं. और बढती जनसंख्या के अनुपात में जलापूर्ति करना मुश्किल हो रहा था.
सिंभोरा डैंम पर स्थित पंप हाउस की पुरानी मशनरी भी बार-बार खराब हो रही हैं. इस कारण संपूर्ण पाइप-लाइन कों नई और आधुनिक प्रणाली में बदलने का कार्य चल रहा हैं. पर्याप्त जलापूर्ति करने के लिए सिंभोरा डैम में 97.60 दशलक्ष घनमीटर पानी आरक्षित रखने का प्रस्ताव जलसंपदा विभाग को दिया गया है. इसमें से 58.00 दशलक्ष घनमीटर पानी का आरक्षण मंजूर हो चुका हैं. शेष पानी का आरक्षण आवश्यकता पडने पर पुरा किया जाएगा. तिसरे जलशुद्घिकरण प्लांट और जलकुंभ के लिए शहर में तीसरे जलशुद्धिकरण प्लांट के लिए महादेव खोरी की जमीन की हस्तांतरण प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी हैं.इससे प्लांट निर्माण को भी गति मिल गई हैं. इसीके साथ ही शहर में 15 नए जलकुंभों का निर्माण भी निर्धारित समय पर पुरा करने का दावा महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने किया हैं.
वित्तीय व्यवस्थाएं और कर्ज
अमृत 2.0 योजना की कुल लागत 985.150 करोड रूपए में केंद्र सरकार का हिस्सा 328, 46 करोड, राज्य सरकार का हिस्सा 361.37 करोड, मनपा का हिस्सा 295.64 करोड हैं. हालांकि खराब वित्तीय स्थिति के कारण मनपा अपनी हिस्सेदारी प्रदान करने में असमर्थ रही इसके चलतें मजीप्रा ने 8% ब्याज दर से कर्ज लेकर मनपा का हिस्सा भरा ताकि योजना का कार्य प्रभावित न होें और राज्य सरकार की निधी भी निर्बाध रूप से जारी रह सको.





