न्यू आज़ाद गणेशोत्सव मंडल में नेत्रदान

देहदान पर जागरूकताहरिना फाउंडेशन के प्रयास को मिला भरपूर प्रतिसाद

अमरावती -अमरावती में प्रसिद्ध विदर्भ के राजा की स्थापना करनेवाले न्यू आज़ाद गणेशोत्सव मंडल में गणेश आरती के बाद, हरीना फाउंडेशन के अंतर्गत हरिना नेत्रदान समिति द्वारा नेत्रदान, अंगदान और देहदान पर जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस पहल को गणेश भक्तों और स्थानीय नागरिकों का भारी समर्थन मिला।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हरिना फाउंडेशन के अध्यक्ष मनोज राठी, कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रकांत पोपट, कार्यकारी समिति सदस्य प्रो. मुकेश लोहिया और प्रो. मोनिका उमक थे, जिन्होंने नेत्रदान, अंगदान और देहदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर उपाध्यक्ष रामप्रकाश गिल्डा, नेत्रदान प्रमुख शरद कासट, सदस्य सुरेश वसानी भी उपस्थित थे।गणेशोत्सव मंडल की ओर से संस्थापक अध्यक्ष दिनेश बूब, उनके भाई डॉ. राजेश बूब, रितेश बूब, साथ ही अमित मोतीवाला, भाईलाल सोमैया, प्रमोद अग्रवाल, रमेश परमार, संतोष साहू, गोपाल धुत और अन्य सदस्यों ने कार्यक्रम में उपस्थित होकर अपना सहयोग प्रदान किया।कार्यक्रम में नेत्रदान, अंगदान और देहदान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई:-मृत्यु के 6 घंटे के भीतर नेत्रदान अवश्य किया जाना चाहिए।डॉक्टर की टीम के आने से पहले मृतक के परिजनों द्वारा बरती जाने वाली प्राथमिक सावधानियां*एसी बंद कर देना चाहिए।*सिर के नीचे तकिया रखें या सिर को थोड़ा ऊपर रखें।*आँखों को अपने हाथ से बंद करें (यदि खुली हों)।*आँखों पर गीला रूमाल या गीली रुई रखें।*अंगदान केवल ब्रेन डेड मरीज़ों से ही संभव है।*देहदान मृत्यु के बाद कोई भी कर सकता है।*मानव शरीर के 9 अंगों का दान किया जा सकता है, जिससे 9 लोगों की जान बचाई जा सकती है।हरिना फाउंडेशन की एक समाज सेवा पहल और इस पहल के माध्यम से समाज में नेत्रदान, अंगदान और देहदान की आवश्यकता के प्रति सकारात्मक जागरूकता पैदा की गई। हरिना फाउंडेशन ने प्रत्येक व्यक्ति से इस कार्य में आगे आने की अपील की।अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: शरद कासट (नेत्रदान प्रमुख) – 98231 63331* चंद्रकांत पोपट (अध्यक्ष) – 95921 44444* रामप्रकाश गिल्डा (उपाध्यक्ष) – 93702 85710नेत्रदान सबसे बड़ा दान है – इस मंत्र को अपनाकर समाज को प्रकाश देने वाली यह पहल निश्चित रूप से प्रेरणादायक रही है।

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