ई-चालान का फेक मैसेज व लिंक भेजकर की जा रही जालसाजी

साइबर ठगबाजों ने अमल में लाया नया पैंतरा

* वॉटस्एप पर भेजे जा रहे चालान के फर्जी मैसेज
* ‘एपीके’ फाईल पर क्लिक करते ही अकाउंट हो जाता है खाली
* ऑनलाइन ठगबाजी से बचने हेतु सावधानी व सतर्कता जरुरी
अमरावती /दि.18 – इन दिनों साइबर अपराधियों द्वारा नए-नए तरीकों का प्रयोग करते हुए नागरिकों के साथ ठगबाजी व जालसाजी की जा रही है. जिसके तहत अब साइबर अपराधियों ने सीधे ट्रैफिक चलान के नाम पर जालसाजी का एक अनोखा फंडा शुरु किया है. इस तरीके के तहत लोगों को वॉटस्एप पर पुलिस विभाग के नाम से यातायात नियमों का उल्लंघन किए जाने के चलते चालान का मैसेज भेजा जाता है और फिर दंड वसूली के नाम पर लोगों के मोबाइल से बैंक खाते के डिटेल्स चुराते हुए उनके बैंक खातों को खाली कर देने का काम किया जाता है. इसी के तहत अमरावती शहर के रामपुरी कैंप परिसर में रहनेवाली एक महिला को यातायात नियमों के उल्लंघन को लेकर ई-चालान के संदेश के साथ एक ‘एपीके’ फाईल भेजी गई. जिस पर क्लिक करते ही उस महिला के बैंक अकाउंट से 57 हजार 700 रुपए साफ हो गए.
इस संदर्भ में फिर्यादी महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक विगत 22 अगस्त को उसके वॉटस्एप पर यातायात नियमों के उल्लंघन को लेकर एक नोटिस का मैसेज आया था और मैसेज के साथ एक ‘एपीके’ फाईल भी थी. उस लिंक पर क्लिक करते ही उस महिला का मोबाइल हैक हो गया. उक्त मोबाइल क्रमांक महिला के नागपुर स्थित बैंक के खाते से जुडा हुआ है. इसके बाद जब उक्त महिला 12 सितंबर को खरीददारी करने हेतु बाजार गई और उसने ऑनलाइन पेमेंट के लिए अपने फोन का प्रयोग किया, तो लेन-देन का व्यवहार ही नहीं हो रहा था. ऐसे में उक्त महिला ने अपने बैंक खाते का बैलेंस चेक किया, तो उसे खाते में केवल 200 रुपए ही रहने की बात समझ में आई. जिसके बाद उक्त महिला ने अपनी बैंक में जाकर पूछताछ की, तो पता चला कि, 23 अगस्त को उसके अकाउंट से 57 हजार 400 रुपए विड्रॉल कर लिए गए थे. यह पता चलते ही उक्त महिला को अपने साथ हुई जालसाजी व ठगबाजी का अंदाजा हुआ. जिसके बाद उसने तुरंत ही साईबर पुलिस थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई. इससे यह स्पष्ट हो गया कि, इन दिनों साइबर अपराधियों ने लोगों के साथ ठगबाजी व जालसाजी करने के लिए एक अनोखा फंडा अमल में लाना शुरु किया है. ऐसे में सभी लोगों को साइबर ठगबाजी व जालसाजी से बचे रहने के लिए सावधान व सतर्क रहना जरुरी है.

* चालान वॉटस्एप पर कभी नहीं आता
इस बारे में अमरावती शहर सहित ग्रामीण पुलिस द्वारा सभी नागरिकों को सावधान व सतर्क रहने हेतु कहा गया है. साथ ही यह भी बताया गया है कि, यातायात विभाग के चालान सहित सरकार के किसी भी विभाग के दंड व शुल्क की चालान वॉटस्एप पर कभी भी नहीं आती. जिसके चलते इस तरह की लिंक की हमेशा अनदेखी करनी चाहिए और ऐसी लिंक को टच करते हुए कभी भी ओपन नहीं करना चाहिए.
– इसके साथ ही पुलिस द्वारा बताया गया कि, इन दिनों साइबर अपराधियों द्वारा वॉटस्एप पर यातायात नियमों का उल्लंघन किए जाने के संदेश के साथ ही एक एपीके फाइल भी भेजी जा रही है. इस एपीके फाइल को ओपन करने से मोबाइल में घुसपैट होकर बैंक खाते के ब्यौरे सहित व्यक्तिगत जानकारी व संवेदनशील डेटा के चोरी होने का खतरा रहता है, यानि दंड भरने के बहाने सीधे बैंक खाते से रकम उडाने हेतु साइबर अपराधियों द्वारा जाल बिछाया जा रहा है.

* लिंक पर क्लिक करते ही मोबाइल का कंट्रोल साईबर अपराधियों के पास
यातायात पुलिस के नाम से मोबाइल पर फर्जी चालान भेजकर नागरिकों के साथ जालसाजी करने के मामले इन दिनों लगातार बढने लगे है. साइबर अपराधियों द्वारा ‘आरटीओ ट्रैफिक चालान डॉट एपीके’ नामक फाइल वॉटस्एप तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए नागरिकों को भेजी जाती है. इस फाइल को डाउनलोड करते ही मोबाइल में वायरस घुस जाता है और उस मोबाइल का नियंत्रण सीधे साईबर अपराधियों के हाथों में चला जाता है. जो उक्त मोबाइल से व्यक्तिगत व बैंकिंग संबंधी जानकारी को चुराकर संबंधित व्यक्ति के बैंक अकाउंट को खाली कर देते है. यह जानकारी देने के साथ ही साईबर पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक अनिकेत कासार ने ऐसी जालसाजी से बचने हेतु नागरिकों को सावधान व सतर्क रहने के लिए कहा है.

* ऐसे होती है जालसाजी
इस तरह की जालसाजी के मामलों में साईबर अपराधियों द्वारा ट्रैफिक ई-चालान के संदर्भ में वाटस्एप अथवा टेलिग्राम अकाउंट पर एक लिंक भेजी जाती है, जिसे देखकर लगता है कि, यह संदेश आरटीओ अथवा यातायात पुलिस की ओर से भेजा गया है. जिसके चलते लोगों को कोई संदेह भी नहीं होता और उस लिंक पर क्लिक करने या उस फाइल को डाउनलोड करने के साथ ही उस व्यक्ति के मोबाइल का पूरा पर्सनल व बैंकिंग संबंधी डेटा साईबर अपराधियों द्वारा चुरा लिया जाता है और उस व्यक्ति के बैंक खाते में जमा रहनेवाली पूरी रकम को उडा लिया जाता है.

* यह सावधानी जरुरी
– मोबाइल पर किसी भी जरिए आए ई-चालान संदेश की पुलिस व आरटीओ के अधिकृत एप के जरिए पूरी तरह से पडताल करें.
– पुलिस व आरटीओ के अधिकृत एप का ही प्रयोग करें.
– ऐसे संदेश आते ही यातायात पुलिस कार्यालय में जाकर जानकारी हासिल करें.
– संदेश के साथ आए लिंक पर बिल्कुल भी क्लिक ना करें.
– किसी भी ‘एपीके’ फाइल को डाउनलोड ना करें.

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