आत्महत्या न करें, घर बार लेकर कलेक्ट्रेट धमकें

संयुक्त किसान मोर्चा के राकेश टिकैत का आवाहन

* जमीन हडपने चल रही किसान के विरूध्द साजिश
* जेसीबी का असल जवाब हमारा ट्रैक्टर
अमरावती/ दि. 18-विदर्भ के किसानों की न रूक रही आत्महत्याओं से संयुक्त किसान मोर्चा न केवल दु:खी है. बल्कि मोर्चे के हर आंदोलन में मंच से इस पर गहरा शोक और क्षोभ व्यक्त किया गया है. आज भी किसान आत्महत्या का विचार त्याग कर अपनी परेशानी, ऋण संबंधी मांग के लिए अपना घर बार लेकर कलेक्ट्रेट अथवा तहसील अथवा एसडीओ कार्यालय धमक जाएं. किसान मोर्चा उनका पूरा साथ समर्थन करेगा. किसानों के घरों को तोडने या कब्जाने के लिए जेसीबी लाने पर उसका जवाब ट्रैक्टर से देने का ऐलान संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक राकेश टिकैत ने किया. वे जिला सहकारी बैंक के कार्यालय में मीडिया को संबोधित कर रहे थे. इस समय मोर्चा के राष्ट्रीय और स्थानीय पदाधिकारी उनके साथ मौजूद थे. जिनमें किसान सभा के अशोक धवले, राजन क्षीरसागर, कृषि तज्ञ पी. साईनाथ, वीजू कृष्णन, युध्द वीर सिंह, ताजिंदर सिंह वीर्क, रामिंदर सिंह पटियाला आदि मौजूद थे. किसानों से किया गया कर्जमाफी का वादा महाराष्ट्र की महायुति सरकार को पूर्ण करना ही होगा, यह दावा कर टिकैत ने भावी तीखे आंदोलन के संकेत दिए.
* जमीन हडपने की साजिश
राकेश टिकैत और किसान संगठनों के पदाधिकारी तीन दिवसीय विदर्भ दौरे पर आए हैं. बुधवार को वर्धा जिले में आत्महत्या ग्रस्त दो किसान परिवारों से उन्होंने भेंट की सांत्वना दी. उपरांत जनसभा को संबोधित किया. मोझरी और तिवसा में भी सभाओं को संबोधित कर यह लोग आज अमराावती पहुंचे. जिला बैंक के सभागार में कपास उत्पादक किसानों से संवाद कर संवाद दाता सम्मेलन को संबोधित किया. राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि बहुराष्ट्रीय कंपनियाेंं के दबाव मेें पूंजीपतियों की सरकारें केवल कृषकों की भूमि हडपने के षडयंत्र में लगी है. परियोजनाओं और सडकों के नाम पर भूमि कब्जाई जा रही है. किसानों को एमएसपी न बढाकर साजिशन परेशान किया जा रहा है.् ताकि वह अपनी जमीन बेच दे और मजदूर बन जाए. किंतु संयुक्त किसान मोर्चा ऐसा नहीं होने देगा.
ट्रैक्टर वाला युवा कृषक हमारे साथ
राकेश टिकैत ने दावा किया कि मोर्चा ने दिल्ली में 13 महीनों तक आंदोलन कर केन्द्र सरकार को झुकाया और ट्रैक्टर वाले युवा किसानों को भी जागृत किया. अब ट्रैक्टर किसानों का दोहरा हथियार बन गया है. मोर्चे में भी काम आता है और खेती किसानी में भी. विदर्भ के किसानों की खातिर ऐसे ट्रैक्टर मोर्चे की हमारी तैयारी रहेगी. साथ ही यहां के किसानों को आत्महत्या से परावृत्त करने का हमारा आवाहन और संकल्प है. यहां के किसान को आत्महत्या की नौबत आए तो वह बोरिया बिस्तर लेकर ग्राम पंचायत या तहसील या एसडीओ अथवा कलेक्ट्रेट पहुंच जाए. उसके आंदोलन का हम समर्थन करेंगे, न्याय दिलायेंगे.
1 लाख किसान आत्महत्या प्रतिवर्ष
राकेश टिकैत ने दावा किया कि पिछले 20-25 वर्षो से प्रतिवर्ष 1 लाख से अधिक किसान मौत को गले लगा रहे हैं. सरकार आत्महत्या के आंकडे भी छिपा रही है. 2023 और 24 के आंकडे नहीं दिए जाने की जानकारी डॉ. अशोक ढवले ने दी. वहीं उन्होंने कहा कि कपास पर हटाया गया 11 प्रतिशत आयात शुल्क दोबारा लगाना होगा. उन्होंने यह शुल्क 50 प्रतिशत करने और कृषकों का कपास 8150 की एमएसपी पर सीसीआई द्बारा खरीदी की मांग उठाई.
धर्म और जातिगत विभाजन
टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की न्यायोचित मांगे पूरी न करने और आंदोलन को खत्म करने जाति तथा धर्म के आधार पर विभाजन की नीति अपनाती आयी है. उन्होंने आरोप किया कि जनवरी 2021 के बाद सरकार ने किसाना मोर्चा से सीधे बात ही नहींं की. उन्होनें दावा किया कि कांग्रेस हो या बीजेपी मोर्चा तो किसान हित की बात करता है और उसी के समर्थन में आंदोलन करता है. उन्होंने कर्नाटक का उदाहरण दिया. जहां पिछले दिनों विमान तल के लिए किसानों की जमीन के जबरन अधिग्रहण को विफल किया गया.
जब निरूत्तर हुए टिकैत
टिकैत ने कहा कि कोई बैंक या वित्तीय संस्था किसी किसान की जमीन नीलाम करेगी तो उसकी तारीख मोर्चा को बता दें. मोर्चा के लोग दिल्ली से आकर नीलामी को रूकवायेंगे, नीलामी हो चुकी हो तो रद्द करवायेंगे. किंतु महाराष्ट्र में ऐसे किसी प्रकरण की जानकारी पूछने पर टिकैत निरूत्तर हो गये. टिकैत ने मान्य किया कि महाराष्ट्र में अब तक किसी किसान की खेती या जमीन नीलाम नहीं की गई है. इस समय मोर्चा के अमरावती संयोजक अशोक सोनारकर, गुरमीत सिंह मेहमा, राजेंद्र भावके, अनिल त्यागी, एड. शिव सिंह, उध्दव शिंदे, किशोर धमाले, गोपीनाथ कांबले, सुशीला मोराले, मामी दला बिकसापति, मंदाला वेंकना, दासू बालेसाहेब, सुखविंदर सिंह औलक, सतीश आजाद, शशि कांत, प्रत्युष श्रीवास्तव, माधुरी खडसे, विलास भोंगाडे, डॉ. अजीत नवले आदि मौजूद थे.
नागपुर से लूंगा हिन्दू का सर्टिफिकेट
राकेश टिकैत ने बीजेपी पर नाम लिए बगैर धर्म और जाति के आधार पर किसान आंदोलन को विभाजित करने का अभियोग किया. उन्होंने कहा कि नजदीक आ गया हूूॅ तो नागपुर से अपने हिन्दू होने का प्रमाणपत्र लेता जाउंगा. उनका इशारा नागपुर स्थित संघ मुख्यालय की ओर रहा.

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