चिखलदरा समेत अनेक गांव में बाघ की दहशत

6 दिन से क्षेत्र में लगातार दिखाई दे रहा है बाघ

* मेलघाट वन्यजीव विभाग के अधिकारियों की जानकारी
* सतर्कता के तौर पर रात की पेट्रोलिंग हुई शुरू
चिखलदरा/दि.19 – बाघ की दहशत के कारण चिखलदरा तहसील के हर गांव के नागरिक भयभीत दिखाई दे रहे है. बाघ द्बारा अब तक मेलघाट में 6 लोगों का शिकार किए जाने से सभी लोग भयभीत है. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में इन घटनाओं से बाघों की संख्या बढने की संंभावना जताई गई है. पिछले 6 दिनों से पट्टेदार बाघ का संचार चिखलदरा परिसर में लगातार जारी रहने की जानकारी मेलघाट वन्यजीव अधिकारियों ने दी है. इस कारण रात की पेट्रोलिंग भी बढाई गई है. चिखलदरा नगर परिषद में सुरक्षा की दृष्टिकोण से जगह-जगह फलक व बैनर लगवाए गए है.
हाल ही में कुछ दिन पूर्व बाघ के हमले में एक आदिवासी की मृत्यु हो गई थी. इस घटना से चिखलदरा और धारणी के नागरिकों में दहशत व्याप्त है. बाघ के हमलों के कारण अब आदिवासी भी जंगल में जाने से डरने लगे है. साथ ही शाम ढलते ही लोग अपने घरों में दरवाजे बंद कर बैठ रहे है. बाघ के हमलो की घटना के कारण आदिवासी मजदूरों ने गांव के बाहर के निर्माणकार्य स्थल पर मजदूरी करने जाने की तौबा कर ली है. यह नरभक्षी बाघ पिछले 6 दिनों से चिखलदरा परिसर में लगातार दिखाई दे रहा है. बाघ के इस संचार को देखते हुए मेलघाट वन्यजीव विभाग द्बारा रात की पेट्रोलिंग परिसर में बढाई गई है. पर्यटक व नागरिकों को सतर्क रहने की दृष्टि से हर पॉइंट पर बैनर व फलक भी लगाए गए है. वन अधिकारी यह भी देख रहे है कि यह वहीं नरभक्षी बाघ है अथवा कोई अन्य वन अधिकारियों ने यह भी कहा है कि मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में बाहर से कोई बाघ लाकर नहीं छोडा गया है. गत दिनों बाघ के हमले में हुई आदिवासी की मृत्यु की घटना की फॉरेन्सिक लैब देहरादून से रिपोर्ट नहीं आई है. चर्चा है कि चिखलदरा के अपर प्लेटो, शहापुर, मिशन बंगला, देवी पॉइंट समेत अन्य 1-2 स्थानों के होटल के पास भी पट्टेदार बाघ दिखाई दिया है.
* गुगामल वन्यजीव क्षेत्र में 30 से 32 बाघ
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि गुगामल वन्यजीव क्षेत्र में नर-मादा 30 से 32 बाघ है. इस कारण नरभक्षी बाघ की पहचान हुए बगैर उसे पकडना संभव नहीं है. इस कारण ग्रामवासियों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है. साथ ही चिखलदरा पर्यटन क्षेत्र में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए रात के पेट्रोलिंग श्ाुरू रहने की जानकारी भी उन्होंने दी. उन्होंने यह भी कहा कि नगर परिषद, पुलिस प्रशासन के अलावा वन विभाग क्षेत्र के नागरिकोंं के सहयोग से जनजागरण के लिए जगह-जगह बैठके भी ले रहा है.

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