जिला परिषद के चुनाव का मार्ग प्रशस्त

नागपुर और औरंगाबाद खंडपीठ ने ठुकराई अर्जियां

* दिवाली से पहले लग जायेगी आचार संहिता

नागपुर/ दि. 20 बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर और औरंगाबाद खंडपीठ ने प्रदेश में जिला परिषदों की गट रचना और आरक्षण पध्दति को चुनौती देनेवाली याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दी. जिससे मिनी मंत्रालय के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. अमरावती मंडल शुक्रवार को समाचार दे चुका है कि दिवाली से पहले मिनी मंत्रालय के चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो जायेगी. दिवाली बाद तुरंत नवंबर में चुनाव होंगे.
उच्च न्यायालय में याचिका प्रलंबित होने से चुनाव लेने में आयोग को दिक्कतें आ रही थी. शुक्रवार के निर्णय से वह सभी दिक्कतें दूर हो गई है. अब केवल कोल्हापुर सर्किंट बेंच में एक याचिका बाकी है. उसका भी निर्णय अगले सप्ताह आ सकता है. जिससे कहा जा रहा है कि चुनाव का मार्ग प्रशस्त होगा और नवंबर में प्रत्यक्ष चुनाव होंगे.
* क्या थे ऐतराज
कुछ गांव एक गट से दूसरे गट में शामिल करने अथवा हटाने से जनसंख्या के मापदंड, भौगोलिक रचना, यातायात और 2017 की गट , गण रचना आदि मुद्दों पर कोर्ट में अर्जियां दायर की गई थी.
* क्या कहा सरकार ने
सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि चुनाव प्र्रक्रिया शुरू होने के बाद वह किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं कर सकती. सर्वोच्च न्यायालय के भी इस बारे में स्पष्ट निर्देश है. प्रभाग रचना कानूनी प्रक्रिया के अनुसार हुई है.
* अनेक फैसलोें के उदाहरण
नागपुर खंडपीठ में न्या. अनिल किलोर और न्या. रजनीश व्यास के सामने कई याचिकाएं के उदाहरण दिए गये. उसमें संजय वदतकर विरूध्द महाराष्ट्र राज्य, राष्ट्रपाल पाटिल विरूध्द महाराष्ट्र राज्य इशान सुखदेवे विरूध्द महाराष्ट्र राज्य और राम प्रसाद छोटेलाल गाथे विरूध्द जिलाधिकारी अमरावती आदि याचिकाओं का निपटारा किया गया.

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