सीताफल की खुशबू से महका बाजार

भरपूर आवक से जमकर हो रही बिक्री

अमरावती / दि. 23 – वरूड का मुलताई चौक इन दिनों सीताफल की मीठी खुशबू से महक उठा है. हर साल की तरह इस साल भी सीजन शुरू होते ही यहां का बाजार सजाया गया है. महाराष्ट्र मध्यप्रदेश की सीमा से लगे इस इलाके में जंगलों से तोडे गये सीताफल की भरपूर आवक होती है. आदिवासी समाज सुबह सवेरे यहां पहुंचता है और देर रात तक कारोबार चलता है. यह सीजन लगभग 2 महीने तक रहता है और आदिवासी परिवारों की आजीविका का मुख्य सहारा बनता है. सीताफल का स्वाद नवरात्र से पहले हर किसी को भाता है. यह फल न केवल स्वादिष्ट है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है. इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी और पोटेशियम पाया जाता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है. हृदय को स्वास्थ्य रखता है और रक्तचाप नियंत्रित करता है.
* सीताफल खाने से पाचन क्रिया अच्छी होती है
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सीताफल पाचन क्रिया सुधारने, हडियों को मजबूत करने और वजन बढाने में सहायक है. यह त्वचा और आखों के लिए भी फायदेमंद है. मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा नियंत्रित करने में मदद करता है. विटामिन बी 6 की मौजूदगी दमा (अस्थमा) के रोगियों को राहत देती है. प्रसव के बाद और मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं में रक्त की कमी पूरा करने में यह फल उपयोगी है. विशेषज्ञों की सलाह है कि सीताफल सुबह या दोपहर के समय खाना बेहतर होता है, जबकि रात को इसे खाने से बचना चाहिए. क्योंकि इसकी प्राकृतिक शर्करा नींद में बाधा डाल सकती है.

* सेहत के लिए लाभदायक
सीताफल वास्तव में स्वास्थ्य का खजाना है. इसमें विटामीन, प्रोटीन मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. यह आंखों, हदय, दमा और अशक्तता से ग्रस्त लोगों के लिए बेहद लाभकारी फल है.
डॉ. प्रवीण चौधरी, बालरोग विशेषज्ञ, वरूड

 

Back to top button