उपहारों के वितरण की परंपरा
जिला बैंक सत्तारूढ पक्ष का दावा

* किसानों को कर्जमाफी का प्रस्ताव पारित
अमरावती/ दि. 23-जिला बैंक की वार्षिक सर्वसाधारण सभा आगामी 30 सितंबर को होने जा रही है. बैंक के सभासदों को उपहार देने की परंपरा अनेक वर्षो से चली आ रही है. इसलिए सभासदो को उपहार देने के प्रस्ताव पर अध्यक्ष बच्चू कडू और उपाध्यक्ष अभिजीत ढेपे सहित 7 संचालकों ने मान्यता दी. किंतु विरोधी गट के 11 संचालकों ने उपहार प्रस्ताव का विरोध किया. यह स्पष्टीकरण जिला बैंक के सत्तारूढ पक्ष ने किया है.
आज दोपहर आयोजित प्रेस वार्ता में जिला बैंक पदाधिकारियों ने उक्त बात स्पष्ट करते हुए दावा किया कि सभासदों को गिफ्ट देने की परंपरा अत्यंत पुरानी है. आज के विरोधी संचालक जब सत्ता में थे तो तब उन्होंने इस प्रकार उपहारों का वितरण किया था. सत्तापक्ष ने पूछा कि क्या उस समय उपहार देना गलत रहा ?
नाबार्ड ऑडिट मेें आपत्ति नहीं
सत्तापक्ष ने स्पष्ट किया कि उपहारों के लिए होलसेलर से कम से कम कीमत मेें खरीदी की जाती है. विपक्ष के दौर में भी यही पध्दति अपनाई जाती थी. उसी प्रकार पिछले दो वर्षो में नाबार्ड के ऑडिट में भी उपहार वितरण पर कोई आक्षेप नहीं लिया गया. उपाध्यक्ष अभिजीत ढेपे ने विपक्ष के कोटेशन न मंगाने के आरोप को भी खारिज किया. ढेपे ने कहा कि बैंक के अध्यक्ष बच्चू कडू पूरे राज्य में किसान कर्ज माफी के लिए आंदोलन रत है. ऐसे में बैंक के कामकाज पर इस प्रकार आरोप उठाना सरासर गलत है.
सभा में किसान कर्जमाफी का प्रस्ताव पारित किया गया. जिसमें संचालक सर्वश्री ए.एस. देशमुख, वीरेंद्र जगताप, एस.एन. भारसाकले, एस.बी. साबले, बी.बी. वानखडे, डी.एस. काले, एस. बी. गावंडे, पी.बी. अलोने, आर. वी. गायगोले, सौ. एम.एस. वानखडे मार्डीकर ने प्रस्ताव पर दस्तखत किए है.





