अदालती फैसले ओबीसी के पक्ष में,फिर भी दायर की पांच याचिकाएं
राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश (अण्णा) शेंडगे ने कहा

* जरांगे जैसे लोग दो जातियां में निर्माण कर रहे विवाद
अमरावती /दि. 28 – मराठा समाज ने शुरूआत में स्वतंत्र आरक्षण की मांग की थी, जिसे ओबीसी जनमोर्चा का विरोध नहीं हैे, लेकिन जरांगे पाटिल जैसे लोगो ने हमे ओबीसी संवर्ग से ही आरक्षण चाहिए, ऐसी जिद शुरू की जिसकेे सामने सरकार ने झुककर भले ही परिपत्रक जारी किया. लेकिन हाल ही में जयश्री पाटिल विरूद्ध राज्य सरकार के मामले में अदालत ने ओबीसी सवंर्ग से मराठा में समाज को आरक्षण नहीं दिया सकता है. इस बात स्विकार किया हैं. अगर अदालत बार-बार यह कहती हैं कि ओबीसी समाज में मराठा समाज को आरक्षण नहीं मिलता तो शासन जरांगे जैेसे लोगों की बातों में क्यों आ रह हैं? फिर भी हमने अदालत में परिपत्रक के खिलाफ 5 याचिका दायर की है, जिसका फैसला भी ओबीसी समाज के पक्ष में आएगा, यह विश्वास ओबीसी जनमोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा पूर्व विधायक प्रकाश (अण्णा) शेेंडगे ने जताया. स्थानीय जिलाधीश कार्यालय के सामने जारी ओबीसी जनमोर्चा के अन्नत्याग आंदोलन पंडला में रविवार की दोपहर 4.30 बजे प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया.
इस अवसर पर बोलते हुए प्रकाश (अण्णा) शेंडगे ने बताया कि, किसी गरीब मराठा को अगर आरक्षण मिलता हैं, तो हम उसका हमेशा ही समर्थन करते है. लेकिन अदालत के कई फैसलों में यह साबित हुआ है कि मराठा समाज इतना भी पिछडा नहीं कि उसे ओबीसी में शामिल किया जा सके, फिर भी जरांगे पाटिल ने शासन पर दबंगई कर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जैरो लोगों को अपने पंडाल मे आने के लिए मजबूर किया. पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शुक्रवार को अनशन पंडाल को भेंट दी. वे ओबीसी उपसमिति अध्यक्ष हैं. इस नाते उन्होेंने मामले में 15 अक्तुंबर तक बैठक का आश्वास देकर ओबीसी जनमोर्चा को आमंत्रित करने का विश्वास दिलाया हैं.
इस कारण शहर में आंदोलन कर रहे तुषार वाढणकर व चंद्रशेखर देशमुख का अनशन फिलहाल स्थगित किया जा रहा है. लेकिन अगर शासन ने अपना वादा नहीं निभाया और 15 अक्तुबर से पूर्व बैठक नहीं हुई तो कष्टकरी की मुंबई को भी बंद करने की तैयार ओबीसी जनामोर्चा की होगी. साथ ही ओबीसी महाएल्गार मोर्चा निकालकर पूरे राज्य को हिला देंगे. प्रेसवार्ता पश्चात अनशनवार्ता को नीबू-पानी पिलाकर उनका अनशन समाप्त किया गया. इस समय ओबीसी जनमोर्चा के उपाध्यक्ष डॉ. ज्ञानेश्वर गोरे (गोबरे), महासचिव प्रवीण पेटकर, ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के संजय वर्हेकर, एड. प्रभाकार वानखडे, अजय राउत इमास के अध्यक्ष इंजि. वासुदेव चौधरी, डॉ. श्रीराम कोल्हे, डॉ गणेश खारकर, संजय नागोणे, विंदा. पवार, संजय वाघुले, प्रा.रूपेश फसाटे, नाना आमले, मनेाज भेले, दिलीप पांडे, बालकृष्ण धर्माले आदि उपस्थित थें.





