पहले नगर पालिका या जिला परिषद?

निर्वाचन आयोग ने दोनों चुनाव की शुरु की तैयारी

मुंबई /दि.30 – राज्य में पहले जिला परिषद, फिर नगर पालिका और अंत में महानगर पालिका के चुनाव कराए जाएंगे, ऐसी स्थिति दिखाई दे रही थी, परंतु इस समय राज्य में हर ओर अतिवृष्टि व बाढ वाले हालात है. जिसके चलते यदि ग्रामीण क्षेत्रों में जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव कराने में कोई दिक्कत आती है, तो पहले नगर पालिका के चुनाव कराने की तैयारी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा की गई है. जिसके चलते चुनाव को लेकर अपेक्षित क्रम के बदलने को लेकर राजनीतिक क्षेत्र में उत्सुकता देखी जा रही है.
जिला परिषद चुनाव की दृष्टि से मतदाता सूचियों का कार्यक्रम राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित किया गया है. जिस पर नागरिकों के आपत्ति व आक्षेप मंगाने के साथ ही उन पर निर्णय देते हुए 27 अक्तूबर को अंतिम मतदाता सूचियां घोषित की जाएगी. जिसके बाद जिला परिषद के गटों व पंचायत समितियों के गणों का आरक्षण घोषित कर नवंबर माह के मध्य में प्रत्यक्ष चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने की संभावना है. इसके चलते अब तक यह माना जा रहा था कि, दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह में जिला परिषद का चुनाव होगा. परंतु इस समय राज्य के करीब 20 से अधिक जिलो में अतिवृष्टि व बाढ के चलते स्थिति गंभीर है. विशेषकर ग्रामीण इलाको में तो हालात और भी अधिक बिकट है. जिसके चलते ग्रामीण इलाको में फिलहाल चुनाव करवाना काफी मुश्किल दिखाई दे रहा है.

– चुनाव की तारीखे घोषित करने का अधिकार राज्य निर्वाचन आयोग को है. निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक दलों सहित जिलाधिकारियों से बातचीत कर तथा राज्य की स्थिति को देखते हुए स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव का क्रम निश्चित किया जाएगा, ऐसा माना जा रहा है. 31 जनवरी 2026 से पहले सभी स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव करवाने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिए गए है.
– अतिवृष्टि व बाढ से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में जिला परिषद व पंचायत समितियों के चुनाव करवानेलायक कोई स्थिति नहीं है, ऐसा लगभग सभी राजनीतिक दलों का कहना है. जिसमें सत्ताधारी व विपक्षी राजनीतिक दलों का सभी समावेश है.

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