उपशक्तिपीठ की जागृत देवस्थान अंबाडा की श्री तारादेवी माता

अंबाडा/दि.1 – मोर्शी तहसील का अंबाडा गांव धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा के कारण संपूर्ण विदर्भ में प्रसिध्द है. गांव की श्री तारादेवी माता का प्राचिन मंदिर लाखों श्रध्दालुुओं का श्रध्दास्थान है. यहां भी नवरात्रि में भक्तों का रेला उमडा है. माता तारादेवी को उपशक्तिपीठ की जागृत और साक्षात देवी माना जाता है. देवी का रोज अलग अलंकार किया जाता है. भक्तों को नए रूप में देवी दर्शन देती है. कार्यक्रम तथा अनुष्ठानों में गांव के युवा और महिला वर्ग सक्रिय सहभाग लेते है. मंगलवार को समस्त विदर्भ से हजारो दर्शनार्थी अंबाडा उमडते है. मंदिर में अखंड ज्योति प्रज्वलित की गई है. रोज आरती, भजन, किर्तन धार्मिक प्रवचन और देवी जागरण सहित भक्तों के लिए महाप्रसाद का आयोजन है. गांव के प्रत्येक बडे उत्सव, सांस्कृतिक समारोह अथवा संकट में ग्रामिणों का पहला आधार तारा माता है.
* 350 वर्षों का सती रेणुका माता मंदिर
टाकरखेडा संभु- भातकुली तहसील के टाकरखेडा संभू की सती रेणूका माता की स्थापना लगभी 350 वर्ष पूर्व की गई. यह जागृत देवस्थान पंचक्रोशी में नागरिकों का श्रध्दास्थान है. नवरात्री उत्सव में देवी दर्शन हेतु भक्त बडी संख्या में उमडते हैं. पंचकमेटी द्बारा मंदिर का कामकाज देखा जाता है. प्रभाकर बापु देशमुख की अध्यक्षीय कार्यकारिणी में मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था इसके बाद गजानन बोबडे, दिलीप महादेव वानखडे ने भी अध्यक्ष पद संभाला.यह 7 दिन देवी का उत्सव मनाया जाता है. विविध कार्यक्रम और अनुष्ठान होते है. गांव में देवी की शोभायात्रा भी निकाली जाती है. गत 54 वर्षों से पुंडलीक महाराज जयंती भी मनाई जा रही है. शिवराव देशमुख, कृष्णराव चितोडे, सुधाकर सातनुरकर, नारायण अडीवकर आदि ने जयंती का यह कार्यक्रम शुरू किया.






