लॉरेंस गैंग के शार्प शूटर ‘राणा’ को पकडने गई थी पुलिस, खोदा पहाड, निकली चुहिया

परतवाडा में कल रात की घटना को लेकर ‘अमरावती मंडल’ की खोजी रिपोर्ट

* मुंबई क्राईम ब्रांच के जॉइंट सीपी ने ‘राणा’ के परतवाडा में होने की दी थी टिप
* अमरावती ग्रामीण व नागपुर पुलिस के दल ने एकसाथ मारा था छापा, एक गोली भी चलाई थी
* 13 लोगों को लिया था हिरासत में, एक का भी दूर-दूर तक नहीं निकला अपराध जगत से कनेक्शन
* अब सभी पुलिस अधिकारी मामले से अपना पल्ला झाड रहे, ‘डी-लिस्ट’ कर केस की फाइल होगी ‘क्लोज’
अमरावती/दि.3 – कल जहां एक ओर अचलपुर-परतवाडा के जुडवां शहर में हर तरफ दशहरा पर्व का उत्साह देखा जा रहा था, वहीं दूसरी ओर परतवाडा में रात करीब 10 बजे के आसपास उस समय हडकंप मच गया था, जब शहर के ब्राह्मणसभा व धामोडिया प्लॉट परिसर में एक के बाद एक पुलिस के कई वाहन सनसनाते हुए पहुंचे और पुलिस के जवानों ने दोनों जगहों पर स्थित दो मकानों में धडधडाते हुए प्रवेश करने के साथ ही वहां से 13 युवकों को अपनी हिरासत में लिया. इसके तहत ब्राह्मणसभा स्थित मकान से 7 और धामोडिया प्लॉट स्थित मकान से 6 परप्रांतिय युवक धरे गए. इस कार्रवाई को लेकर यह जानकारी सामने आई थी कि, यह सभी युवक बेहद खतरनाक रहनेवाले लॉरेंस बिश्णोई गैंग से वास्ता रखते है. जो शायद किसी बडी अपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए परतवाडा पहुंचे थे. लेकिन आज सुबह जैसे ही मुंबई पुलिस की क्राईम ब्रांच के दल ने परतवाडा पहुंचकर संबंधित युवकों के साथ पूछताछ की तो पता चला कि, इन युवकों में से किसी का भी लॉरेंस बिश्णोई गैंग के साथ कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही साथ इन युवकों का अपराध जगत से भी दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, बीती रात पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई ‘खोदा पहाड, निकली चुहिया’ वाली रही. जिसके चलते अब पुलिस की स्थिति ‘सांप-छछुंदर’ वाली हो गई है. जिसके लिए अब इस मामले को उगलना व निगलना मुश्किल साबित हो रहा है. यही वजह है कि, अब हर कोई इस घटना से अपना पल्ला झाडते हुए अपनी जिम्मेदारी से बचना चाह रहा है.
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर ‘दैनिक अमरावती मंडल’ द्वारा अपने स्तर पर की गई खोजी पडताल में पता चला कि, मुंबई क्राईम ब्रांच में जॉइंट कमिश्नर स्तर के एक पुलिस अधिकारी ने गत रोज नागपुर क्राईम ब्रांच को बताया था कि, लॉरेंस बिश्णोई गैंग का राणा नामक एक शार्प शूटर इस समय अमरावती के निकट स्थित परतवाडा में है. यही सूचना उस पुलिस अधिकारी द्वारा अमरावती ग्रामीण पुलिस को भी दी गई थी. साथ ही साथ उस शार्प शूटर का परतवाडा में लोकेशन साझा करते हुए यह भी बताया गया था कि, राणा नामक उक्त शार्प शूटर बेहद सटीक निशानेबाज है और वह पुलिस को देखते ही तुरंत गोली भी चलाता है. ऐसे में यह सूचना मिलते ही नागपुर क्राईम ब्रांच का एक दल नागपुर से परतवाडा के लिए रवाना हुआ. इसी बीच अमरावती ग्रामीण पुलिस की अपराध शाखा का एक दल भी परतवाडा के लिए निकला. खास बात यह है कि, दोनों पुलिस घटकों को एक-दूसरे के परतवाडा पहुंचने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी तथा दोनों पुलिस घटकों की क्राईम ब्रांच का पहली बार आमना-सामना परतवाडा में ही हुआ. इस समय दोनों अपराध शाखाओं के दलों में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों में इस बात को लेकर अच्छा-खासा डर था कि, राणा नामक शार्प शूटर पुलिस पार्टी को देखते ही गोली चलाता है. ऐसे में कल तीसरे प्रहर के आसपास परतवाडा पहुंचे दोनों क्राईम ब्रांच के अधिकारियों ने अंधेरा होने का इंतजार किया और जब दशहरे पर आम लोगों के सोना बांटने का काम थोडा सुस्त हुआ तथा लोगबाग सोने की तैयारी करने लगे तब पुलिस ने ब्राह्मणसभा कॉलोनी निवासी अंकुश नामक व्यक्ति के घर पर छापा मारा. जहां पर एक कमरे में मौजूद करीब चार युवकों को पुलिस ने धर दबोचा और इसी दौरान कथित राणा की ओर से खुद पर होनेवाले संभावित फायर के खतरे से निपटने हेतु पुलिस के दल ने अपने डर को दूर भगाने और सामनेवाले को डराने के लिहाज से एक राउंड गोली भी चलाई. पता चला है कि, पुलिस की ओर से दी जानेवाली चेतावनीयों और चलाई गई गोली की आवाज को सुनकर कमरे में मौजूद चारों युवक बुरी तरह से डरे हुए थे, जो दरवाजा खोलने के लिए भी तैयार नहीं थे. जिसके चलते पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोडकर भीतर प्रवेश किया और उन चारों युवकों को अपनी हिरासत में लिया. जानकारी के मुताबिक इन चारों युवकों से मौके पर ही बेहद कडाई के साथ की गई पूछताछ के दौरान उन युवकों ने अपने कुछ साथी धामोडिया प्लॉट स्थित मकान में किराए पर रहने की जानकारी दी. जिसके बाद पुलिस के दल ने कश्यप पेट्रोलपंप के पीछे धामोडिया प्लॉट स्थित मकान पर भी छापा मारकर वहां से कुछ युवकों को अपनी हिरासत में लिया. जिसके चलते पकडे गए युवकों की संख्या करीब 13 पर जा पहुंची थी. जिनसे रात करीब 2-3 बजे तक परतवाडा पुलिस थाने में पूछताछ करने के साथ ही इस बारे में मुंबई पुलिस को भी सूचित किया गया. जिसके चलते मुंबई पुलिस के क्राईम ब्रांच का दल आज सुबह करीब 7 बजे के आसपास परतवाडा पहुंचा. जिसने बीती रात हिरासत में लिए गए सभी युवकों से पूछताछ करनी शुरु की, तो पता चला कि, इसमें से कोई भी युवक ‘राणा’ नामक शार्प शूटर नहीं है और इनमें से एक भी युवक का लॉरेंस बिश्णोई गैंग तो दूर, अपराध जगत से भी कोई वास्ता नहीं है. यह जानकारी सामने आते ही छापामार कार्रवाई को अंजाम देनेवाले पुलिसवालों के हाथ-पांव फूल गए. क्योंकि तब तक यह घटना स्थानीय मीडिया सहित नैशनल मीडिया में भी सुर्खियां बन चुकी थी.
दैनिक अमरावती मंडल द्वारा की गई खोजी पडताल में यह जानकारी भी सामने आई कि, गत रोज छापामार कार्रवाई करने से पहले ब्राह्मणसभा कॉलनी निवासी अंकुश नामक मकान मालिक युवको को परतवाडा पुलिस थाने बुलाया गया था. जिससे उसके यहां रहनेवाले किराएदार युवकों के बारे में पूछताछ की गई थी, तब अंकुश ने पुलिस को बताया था कि, उसके यहां पर रहनेवाले युवक कुछ दवाओं की बिक्री का काम करते है और वे लोग इससे पहले भी करीब 6 माह पहले उसके यहां पर किराए का कमरा लेकर रह चुके है. जिनके बारे में कभी किसी तरह का कोई संदेह नहीं हुआ था. खास बात यह भी रही कि, पुलिस ने अंकुश के घर से जिन चार युवकों को हिरासत में लिया उनकी निशानदेही पर धामोडिया प्लॉट से जिन अन्य युवकों को उठाया गया, वे वाकई जडी-बुटी वाली दवाओं की बिक्री करनेवाले युवक निकले. जिसमें से एक के भी खिलाफ कोई एक भी अपराधिक मामला कहीं पर भी दर्ज रहने की कोई जानकारी सामने नहीं आई. ऐसे में इन युवकों का लॉरेंस बिश्णोई गैंग जैसे खतरनाक माफिया गैंग के साथ संबंध निकलना तो बेहद दूर की बात है. जिसके चलते अब यह मामला पुलिस पर ही उलटता दिखाई दे रहा है.
इस बीच यह जानकारी भी सामने आई कि, मुंबई क्राईम ब्रांच के जिस जॉइंट कमिश्नर ने नागपुर पुलिस सहित अमरावती ग्रामीण पुलिस को परतवाडा में लॉरेंस बिश्णोई गैंग का ‘राणा’ नामक शार्प शूटर छिपा रहने की टिप दी थी, अब उसी अधिकारी ने इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड लिया है. साथ ही साथ नागपुर क्राईम ब्रांच ने भी अब इस मामले से दूरी बना ली है. वहीं अमरावती ग्रामीण पुलिस की एलसीबी द्वारा यह कहते हुए अपना बचाव करने का प्रयास किया जा रहा है कि, बाहर से गुप्त सूचना मिलने पर अमरावती ग्रामीण पुलिस ने आवश्यक कदम उठाए थे, ताकि खुंखार अपराधी को पकडने के साथ ही किसी संभावित अनर्थ को टाला जा सके. ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि, लॉरेंस बिश्णोई गैंग को लेकर इस तरह की गलत सूचना क्यों और कैसे जारी हुई. फिलहाल पुलिस द्वारा इस सवाल का जवाब खोजा जा रहा है.
* कहीं गैंगों की आपसी रंजिश का नतीजा तो नहीं?
उल्लेखनीय है कि, अलग-अलग गैंगों के बीच हमेशा ही अलग-अलग किस्म की प्रतिद्वंदिता व रंजिश चलती रहती है. जिसके चलते किसी एक गैंग द्वारा अपने प्रतिद्वंदी गैंग को लेकर बेसिर-पैर की खबरे भी उडाई व फैलाई जाती है. या फिर कभी-कभी खुद किसी गैंग द्वारा भी अपने किसी सदस्य को लेकर ऐसी खबरे फैला दी जाती है, ताकि पुलिस का ध्यान किसी खास मामले की जांच से भटकाया जा सके. ऐसे में बहुत हद तक संभव है कि, संभवत: लॉरेंस गैंग या उसके किसी प्रतिद्वंदी गैंग ने जानबुझकर ‘राणा’ नामक शार्प शूटर को लेकर मुंबई पुलिस तक गलत जानकारी पहुंचाई. जिसके बाद मुंबई पुलिस की ओर से नागपुर एवं अमरावती ग्रामीण पुलिस को सूचना दी गई और दोनों पुलिस की क्राईम ब्रांच ने ‘बडी मछली’ हाथ लगने की चाहत के तहत गत रोज परतावाडा में जबरदस्त छापामार कार्रवाई की. साथी ही कथित शार्प शूटर की ओर से होनेवाली संभावित फायरिंग से खुद बचाने के लिए खुद ही हवा में एक गोली भी चला दी. लेकिन आखरी में पूरा मामला ‘टायं-टायं फिस्स’ हो गया. जिसके चलते अब हर कोई अपना पल्ला झाडता दिखाई दे रहा है.
* अमरावती ग्रामीण पुलिस ने प्रेसवार्ता बुलाना भी मुनासिब नहीं समझा
उल्लेखनीय है कि घरफोडी, बकरी चोरी, वायर चोरी व दुपहिया चोरी जैसी छिटपुट वारदातों सहित अवैध शराब विक्री के आरोपियों को पकडने के बाद ग्रामीण पुलिस द्वारा बडी शान से पत्रवार्ता बुलाते हुए अपनी खुद की पीठ थपथपाई जाती है. परंतु बीती रात परतवाडा में पहली बार ग्रामीण एलसीबी की ओर से इतना बडा ऑपरेशन किया गया. लेकिन इसे लेकर पत्रवार्ता बुलाते हुए जानकारी देना तो दूर, ग्रामीण पुलिस की ओर से कोई प्रेसनोट भी जारी नहीं किया गया. साथ ही ग्रामीण पुलिस के अधिकारी इस पूरे मामले को लेकर जानकारी देने से बचते हुए भी दिखाई दिए. अलबत्ता ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद ने आज सुबह दैनिक अमरावती मंडल से बातचीत करते हुए यह जरुर स्वीकार किया था कि, कल रात परतवाडा में एक खतरनाक गैंग के सदस्यों को पकडने हेतु छापामार कार्रवाई की गई थी. जिसमें पुलिस ने वार्निंग शॉट के तौर पर एक राउंड फायर किया था, यह एक तरह से हवाई फायर था. जिससे किसी को कोई चोट या नुकसान नहीं हुआ है. साथ ही पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद ने यह भी स्पष्ट किया कि, कार्रवाई के दौरान उन युवकों के पास से किसी भी तरह का कोई घातक हथियार बरामद नहीं हुआ था. हालांकि उन युवकों से इस बारे में बेहद कडाई के साथ पूछताछ की जा रही है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि, इस मामले को लेकर पुलिस की ओर से आगे चलकर क्या जानकारी दी जाती है.

 

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