महिला वकीलों के यौन शोषण का गंभीर प्रकरण

क्या होगा उन दो न्यायाधीशों का?

* विशेष कोर्ट में ट्रायल पूर्ण
* न्या. बोरकर भेजेगी उच्च न्यायालय को अहवाल
* विधि सर्कल में चर्चा व अटकलों का दौर
अमरावती/दि.4- महिला वकीलों के यौन शोषण के डेढ वर्ष पुराने किंतु गंभीर प्रकरण में विशेष न्यायालय द्बारा सुनवाई पूर्ण कर लिए जाने का समाचार है. अब फाइनल आर्गुमेंट हो जाने की खबर विधि सूत्रों ने अमरावती मंडल को दी और बताया कि दोनों आरोपी जजों का भविष्य विशेष फैमिली कोर्ट न्यायाधीश बनकर के हाथ है. वे शीघ्र अपना रिव्यु उच्च न्यायालय के सुपुर्द करनेवाली है. जिसके आधार पर हाईकोर्ट उक्त न्यायाधीशों पर एक्शन ले सकता है.
तीन तरह के एक्शन?
अमरावती मंडल को विधि सूत्रों ने बताया कि न्यायाधीश बनकर की रिपोर्ट पर उच्च न्यायालय का संबंधित पैनल तीन प्रकार की कार्रवाई कर सकता है. जिसमें पहला ऑप्शन जजेस को बरखास्त करना है. दूसरा उनका डिमोशन किया जा सकता है, तीसरा उनकी भविष्य की पदोन्नति को रोका जा सकता है. इन ऑप्शन्स पर विचार और चर्चा यहां कोर्ट क्षेत्र में विधि के जानकार कर रहे हैं.
भेलांडे और चौधरी ने की पैरवी?
जजेस की ओर से खबर है कि एड. भेलांडे और परभणी केे एड. चौधरी ने विशेष अदालत में पक्ष रखा. साक्षीदारों की क्रॉस एक्झामिनेशन की. उल्लेखनीय है कि जजेस पर महिला वकीलों द्बारा लगाए गए गंभीर आरोपों की ट्रायल की शुरूआत दो माह पहले परभणी में शुरू की गई थी. पश्चात पक्षकारों के अनुरोध पर यह केस अमरावती स्थानांतरीत किया गया. करीब डेढ माह से न्या. बनकर मैडम इस मामले में सुनवाई कर रही है.
जजेस की भी गवाही
सूत्रों पर यकीन करें तो गंभीर प्रकरण में 32 साक्षीदार विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किए गए. जिनमें कुछ न्यायाधीशों का भी गवाह के रूप में समावेश रहने की जानकारी हैं. 5-7 युवतियों सहित न्याय क्षेत्र के कर्मचारियों को भी साक्षीदार के रूप में प्रस्तुत किया गया था. खबर यह भी है कि 5-7 लोग इस मामले में तटस्थ रहे. इस बीच अब फाइनल आरगुमेंट हो गए हैं. जांच पूर्ण हो गई है. न्या. बनकर के रिव्युव पर हाईकोर्ट आगे का निर्णय करनेवाली है. जिस पर अमरावती के समस्त विधि क्षेत्र की निगाहें टिकी है.

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