धारणी में एक और माता मृत्यु, 20 वर्षीय नवप्रसूता ने तोडा दम
हरिसाल गांव की निवासी थी रुपाली अजय धांडे

* सात माह की थी गर्भवती, देर रात घर पर हुई थी प्रसूति
* मृत बच्चा पैदा होने के साथ ही रुपाली की तबीयत बिगड गई
* आज सुबह धारणी के उपजिला अस्पताल में कराया गया भर्ती
* इलाज के दौरान रुपाली धांडे की हुई मौत, परिसर में मातम
धारणी /दि.4- आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को चुस्त-दुरुस्त करने हेतु प्रतिवर्ष करोडों रुपयों की निधि खर्च करने के साथ ही आदिवासियों में अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धति को लेकर जनजागृति करने हेतु अभियान चलाने को लेकर बडे-बडे दावे किए जाते है. लेकिन इसके बावजूद मेलघाट के माथे से कुपोषण सहित माता-मृत्यु व बाल मृत्यु का कलंक मिटने का नाम ही नहीं ले रहा. ताजा मामला धारणी में एक और माता मृत्यु के तौर पर सामने आया है. जब आज सुबह हरिसाल गांव निवासी रुपाली अजय धांडे नामक 20 वर्षीय नवप्रसूता महिला की धारणी के उपजिला अस्पताल में मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक हरिसाल गांव निवासी रुपाली अजय धांडे नामक 20 वर्षीय विवाहिता इससे पहले भी एक बार गर्भवती हुई थी, परंतु तब महज तीन माह में उसका गर्भपात हो गया था. वहीं दूसरी बार वह 7 माह की गर्भवती थी, परंतु कल देर रात करीब 3.30 बजे के आसपास रुपाली धांडे को अचानक ही घर पर रहते समय प्रसव वेदना होनी शुरु हुई और घर पर ही उसकी प्रसूति भी हो गई. इस समय रुपाली ने मृत बच्चे को जन्म दिया था. बच्चे के गर्भ से बाहर आते ही रुपाली की तबीयत अचानक ही बिगडनी शुरु हो गई. जिसके चलते उसे उसके परिजनों ने हरिसाल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाकर भर्ती कराया. जहां से रुपाली को तुरंत ही धारणी के उपजिला अस्पताल में रेफर किया गया. जहां पर उसे ऑक्सीजन व सलाइन लगाते हुए उसका इलाज करना शुरु किया गया, लेकिन कुछ ही समय के भीतर रुपाली धांडे ने दम तोड दिया. इसके साथ ही मेलघाट में अर्भक मृत्यु व माता मृत्यु के आंकडों में एक-एक मामले और जुड गए. इस घटना के चलते पूरे परिसर में अच्छा-खासा हडकंप व्याप्त है. साथ ही मेलघाट में स्वास्थ्य सेवाओं को और भी अधिक चुस्त-दुरुस्त व प्रभावी बनाए जाने की जरुरत प्रतिपादित की जा रही है.





