सीजेआई गवई पर हमले के प्रयास पर संतप्त हुआ समाजमन

सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने घटना का किया निषेध

* घटना को न्या. गवई सहित देश की न्याय व्यवस्था पर हमला बताया
अमरावती /दि.6- देश के मुख्य न्यायमूर्ति भूषण गवई पर आज दोपहर सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने जूता फेंकते हुए हमला करने की कोशिश की. यह घटना उस समय हुई जब सीजेआई गवई की अध्यक्षता वाली बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी. उस समय एक वकील डेस्क के पास गया और जूता निकालकर सीजेआई पर फेंकने की कोशिश की. कोर्ट में मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने वकील को पकड़ा और साथ ले गए. बाहर जाते वक्त वकील ने नारा लगाया कि सनातन का अपमान नहीं सहेंगे. इस घटना के सामने आते ही आज अमरावती का समाजमन काफी उद्वेलित होता दिखाई दिया तथा सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस घटना की एक सूर में निंदा करते हुए इसे सीजेआई गवई सहित देश की सर्वोच्च अदालत एवं न्याय व्यवस्था पर हुआ हमला बताया. साथ ही साथ देश की न्यायिक संस्था का अपमान करनेवाले व्यक्ति के खिलाफ त्वरीत दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की मांग भी उठाई.

* अब तक के इतिहास की सबसे निंदनीय घटना
इस घटना के संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जिले के सांसद बलवंत वानखडे ने कहा कि, यह अब तक के इतिहास की सबसे निंदनीय व दुस्साहसी घटना है. जिसके पीछे निश्चित तौर पर कोई न कोई राजनीतिक शक्ति जरुर है. अत: इस पूरे मामले की सघन जांच की जानी चाहिए. इसके साथ ही सांसद वानखडे ने यह भी कहा कि, सीजेआई भूषण गवई शाहू-फुले-आंबेडकर की विचारधारा पर चलते हुए सर्वधर्म समभाव के सिद्धांत पर भरोसा रखते है और संविधान के प्रति आस्था रखते हुए देश की न्यायिक व्यवस्था को नई गति प्रदान कर रहे है. उन जैसे व्यक्ति पर हमला करनेवाला निश्चित ही विकृत मानसिकता से ग्रस्त कहा जा सकता है.
Dr. Rajendra Gavai
* घटना बेहद निंदनीय, सभी शांति व धैर्य बनाए रखे
सीजेआई भूषण गवई के छोटे भाई व रिपाइं नेता डॉ. राजेंद्र गवई ने इस पूरे मामले को लेकर अपनी बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, जो कुछ भी हुआ वह अपने-आप में निश्चित तौर पर बेहद निंदनीय है. परंतु इस घटना को लेकर अब किसी ने भी संतप्त तरीके से अपनी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए और कानून व व्यवस्था को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए, बल्कि हम सभी ने शांति व धैर्य बनाए रखना चाहिए. क्योंकि हम सभी शाहू-फुले-आंबेडकर के विचारों पर आस्था रखते है और हमारा देश के संविधान पर पूरा भरोसा भी है.

* बेहद निंदनीय घटना
राकांपा नेता व विधान परिषद सदस्य संजय खोडके ने सीजेआई भूषण गवई पर हुए हमले के प्रयास की घटना का कडे शब्दों में निषेध करते हुए कहा कि, देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था में सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे मुख्य न्यायमूर्ति के साथ हुई इस घटना के चलते देश के संविधान व न्याय पालिका का अपमान हुआ है. यह हमला करनेवाला व्यक्ति निश्चित तौर पर विकृत मानसिकता का शिकार है, जिसे कडी से कडी सजा मिलनी चाहिए.

* यह तो सरासर अराजकता का माहौल
जिले की वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री एवं पूर्व मंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने कहा कि, भाजपा ने देश में जिस तरह से अराजकता का माहौल बना दिया है, आज की घटना उसका जीता-जागता सबूत है. यह भाजपा की कुत्सित सोच एवं चाल का जीवंत उदाहरण है. जिसके जरिए इस बार सीजेआई भूषण गवई सहित सुप्रीम कोर्ट एवं संविधान को निशाना बनाने का प्रयास किया गया है. परंतु सनातन की आड लेकर इस तरह की घटना को अंजाम देनेवाले शायद यह भूल गए कि, सनातन कभी किसी को नीचा नहीं दिखाता और सनातन में इस तरह की घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है.
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* भाजपा द्वारा फैलाए गए जहर का असर
कांग्रेस नेता व पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने सीजेआई गवई पर हुए हमले को भाजपा द्वारा देश में फैलाए गए जहरिले वातावरण का असर बताया. साथ ही कहा कि, यह सीधे-सीधे देश में सीजेआई गवई के सम्मान एवं न्यायिक संस्थाओं के महत्व को कम करने का प्रयास है. जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि, भविष्य में ऐसी घटनाओं की कभी पुनरावृत्ति न हो.

* देश की न्यायिक गरिमा पर आघात
अमरावती की राकांपा विधायक सुलभा खोडके ने इस घटना को बेहद निंदनीय बताते हुए कहा कि, यह घटना देश की न्यायिक गरिमा पर आघात है और हमलावर की विकृत मानसिकता को दर्शाती है. विधायक सुलभा खोडके ने यह भी कहा कि, सीजेआई भूषण गवई न केवल अमरावती के गौरव है, बल्कि पूरे देश के मुख्य न्यायाधीश है. अत: उनके पद की गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है. ऐसे में इस तरह की घटनाओं की न केवल कडी निंदा की जानी चाहिए, बल्कि ऐसी घटनाओं की सघन जांच भी होनी चाहिए.

* सनातन के नाम पर ऐसी घटनाओं का कतई समर्थन नहीं
शिंदे गुट वाली शिवसेना के नेता व पूर्व पालकमंत्री जगदीश गुप्ता ने इस घटना को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, कुछ दिन पहले सीजेआई भूषण गवई द्वारा भले ही एक मामले में विवादास्पद टिप्पणी की गई थी, लेकिन बाद में उन्होंने अपने उस बयान को लेकर खेद भी जताया था. ऐसे में सनातन के मुताबिक पश्चाताप के बाद वह विषय वहीं समाप्त हो गया था. वैसे भी सनातन का काम समाज के सभी घटकों को आपस में जोडे रखना है. अत: सनातन का नाम लेते हुए किसी पर हमला करने या समाज को तोडने जैसे किसी कृत्य का बिल्कुल भी समर्थन नहीं किया जा सकता. यह घटना निश्चित तौर पर निंदनीय है.

* हमलावर के खिलाफ हो कडी कार्रवाई
भाजपा नेता व पूर्व मंत्री प्रवीण पोटे पाटिल ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यजनक बताते हुए कहा कि, देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे किसी भी व्यक्ति पर हमले का कतई समर्थन नहीं किया जा सकता. यह सीधे-सीधे देश की न्यायिक व्यवस्था पर हुआ हमला है. अत: इस मामले की सघन जांच करते हुए हमलावर व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए. साथ ही इस गंभीर घटना को लेकर किसी भी तरह की राजनीति भी नहीं होनी चाहिए. क्योंकि यह संविधान एवं न्यायिक व्यवस्था की अस्मिता से जुडा हुआ मामला है.

* यह तो संविधान व न्याय पालिका का अपमान
कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत ने इस घटना की कडे शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि, निश्चित तौर पर इस घटना के पीछे कुछ देशद्रोही ताकतों का भी हाथ हो सकता है. अत: इस पूरे मामले की सघन तरीके से जांच होनी चाहिए. साथ ही साथ सीजेआई भूषण गवई पर हमले का प्रयास करनेवाले व्यक्ति के खिलाफ कडी कार्रवाई की जानी चाहिए.

* विकृत सोच वाले व्यक्ति का कृत्य
पूर्व महापौर विलास इंगोले ने इस घटना को बेहद आश्चर्यजनक व धक्कादायक बताते हुए कहा कि, यह अपने-आप में बेहद दुर्भाग्यजनक घटना है. जिसकी जितनी निंदा की जाए, कम है. इस पूरे मामले की सघन जांच की जानी चाहिए और दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्दे सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

* पूर तरह से निंदनीय घटना
भाजपा शहराध्यक्ष डॉ. नितिन धांडे ने इस घटना को पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा कि, सनातन के नाम पर ऐसी किसी भी घटना का कतई समर्थन नहीं किया जा सकता. क्योंकि सनातन में ऐसे कृत्य के लिए कोई स्थान नहीं है. यह घटना साफ तौर पर हमलावर व्यक्ति की विक्षिप्त एवं पूर्वाग्रहदूषित मानसिकता को दर्शाती है. जिसके खिलाफ जल्द से जल्द कडी कार्रवाई होनी चाहिए.
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* यह तो कोई विरोध का सही तरीका नहीं
भाजपा के पूर्व शहराध्यक्ष किरण पातुरकर ने कहा कि, इस तरह की घटना का कतई समर्थन नहीं किया जा सकता. यह सीधे-सीधे देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था में सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे व्यक्ति पर हुआ हमला है. जो निश्चित रुप से निंदनीय घटना है. यदि किसी न्यायाधीश द्वारा कोई विवादास्पद टिप्पणी की गई है, तो उसका विरोध करने का यह बिल्कुल सही तरीका नहीं है. साथ ही पातुरकर ने यह भी कहा कि, न्यायाधीशों ने भी अदालतों के भीतर व बाहर विवादास्पद टिप्पणीयां करने से बचना चाहिए.

* घटना निंदनीय, मामले की सघन जांच जरुरी
भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी प्रा. दिनेश सूयवंशी ने इस घटना को पूरी तरह से निंदनीय बताते हुए कहा कि, भारत का सनातन ऐसी घटनाओं का कतई समर्थन नहीं करता, बल्कि सनातन द्वारा हमेशा सहिष्णुता का संदेश दिया जाता है. जिसमें किसी के भी अपमान करने का कोई स्थान नहीं है. जिसके चलते सीजेआई गवई पर हुआ हमला कतई समर्थनीय नहीं है. साथ ही मौजूदा हालात को देखते हुए इस बात की भी जांच की जानी चाहिए कि, कहीं यह सनातन को बदनाम करने का कोई षडयंत्र तो नहीं. क्योंकि इन दिनों सनातन विचारधारा को अलग-अलग तरीके से निशाना बनाए जाने के कई मामले सामने आ चुके है. अत: इस पूरी घटना की सघन जांच होना बेहद जरुरी है.

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