कोविड के समय छोडे गए 128 कैदी अब तक जेल नहीं लौटे
पैरोल पर छुटे सभी कैदियों को जेल में हाजिर होने का आदेश

* जेल प्रशासन ने पुलिस आयुक्त से किया पत्रव्यवहार
अमरावती /दि.7 – कोविड-19 की महामारी के दौरान अमरावती सेंट्रल जेल में भीडभाड को कम करने के लिए सरकार ने विचाराधीन कैदियों सहित 7 वर्ष से कम अवधि वाली सजा प्राप्त कैदियों को जेल से पैरोल पर छोडने का आदेश जारी किया था. इसके बाद कोविड महामारी का दौर बितने के बाद कई कैदी नियमानुसार जेल वापिस लौट आए, परंतु अब भी अमरावती सेंट्रल जेल से छोडे गए 128 कैदी अपनी बची हुई सजा को पूरी करने के लिए जेल वापिस नहीं पहुंचे है. जिसके चलते जेल प्रशासन ने पुलिस विभाग से पत्रव्यवहार किया है. जिसके आधार पर पुलिस ने संबंधित कैदियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल में हाजिर करने की प्रक्रिया शुरु की है.
बता दें कि, अमरावती जिला मध्यवर्ती कारागार में करीब 1200 कैदियों को रखने की क्षमता है. जहां पर महिला कैदियों हेतु दो बैरक है. वहीं अन्य सभी बैरकों में पुरुष कैदियों को रखा जाता है. जेल में अक्सर ही क्षमता से अधिक कैदी रहते है. मार्च 2020 में हर ओर कोविड वायरस का संक्रमण फैलना शुरु हुआ था और अमरावती में 17 मार्च 2020 को कोविड संक्रमण के चलते पहली बार एक व्यक्ति की मौत हुई थी. उस समय पूरे देश में महाराष्ट्र को ही कोविड से सर्वाधिक प्रभावित राज्य माना गया था. राज्य में 3 मई 2020 तक 12 हजार 974 लोग कोविड संक्रमण की चपेट में आए थे. जिसमें से 548 संक्रमितों की मौत हुई थी. दिनोंदिन कोविड महामारी का संक्रमण बढता जा रहा था और कोविड से होनेवाली मौतों के आंकडे में भी वृद्धि हो रही थी. जिसे देखते हुए सरकार ने जमावबंदी लागू कर दी थी तथा 22 मार्च से ही देशभर में लॉकडाउन घोषित करते हुए यात्रि ढुलाई करनेवाली सभी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा सहित रेल सेवा और हर तरह के वाहनों की आवाजाही को बंद कर दिया गया था. साथ ही साथ सभी राज्यों की सीमाओं को सील करते हुए कोविड संक्रमण को रोकने हेतु सभी लोगों को अपने-अपने घरों पर रहने हेतु कहा गया था. इसके बावजूद अमरावती शहर सहित पूरे राज्य में कोविड का संक्रमण लगातार बढ रहा था. उस दौरान अमरावती सेंट्रल जेल के 68 कैदियों सहित कुछ कर्मचारियों में कोविड संक्रमण के लक्षण पाए गए थे. जिसके चलते कैदियों की नियमित जांच, मास्क का प्रयोग व सुरक्षित दूरी के नियम का कडाई के साथ पालन किया जा रहा था. साथ ही साथ जेल में आनेवाले नए कैदियों को अस्थाई जेल में 14 दिन क्वॉरनटाइन रखा जाता था और कोविड टेस्ट किए बिना उन्हें जेल में प्रवेश नहीं दिया जाता था. इसके बावजूद जेल में कोविड के मरीज लगातार बढ रहे थे. जिसके चलते सरकार ने कुछ नियमों व शर्तों के साथ जेल में बंद रहनेवाले कैदियों को अदालती आदेश के जरिए अस्थाई जमानत पर मुक्त करने का आदेश जारी किया था. इसके पश्चात करीब 19 से 20 माह बाद कोविड महामारी की तीव्रता कम हुई, तो छोडे गए कैदियों को वापिस कारागार में हाजिर रहने हेतु कारागार प्रशासन ने कैदियों से पत्रव्यवहार किया. जिसके चलते कई कैदी नियमानुसार खुद ही जेल में आकर हाजिर हो गए. परंतु वर्ष 2020 में अमरावती सेंट्रल जेल से छोडे गए 128 कैदी अब तक जेल में हाजिर नहीं हुए है. जिसके चलते अमरावती जेल प्रशासन ने शहर पुलिस आयुक्त से पत्रव्यवहार करते हुए अंतरिम व अस्थाई जमानत पर छोडे गए कैदियों को जेल में वापिस पहुंचाने का निवेदन किया है तभा उन 128 कैदियों के नाम व पते की सूची भी अमरावती शहर पुलिस को दी गई है. इसके आधार पर अब शहर पुलिस द्वारा उन सभी कैदियों की सघन तलाश की जा रही है.
* कोविड संक्रमणकाल के दौरान जीन कैदियों को अस्थाई जमानत पर जेल से छोडा गया था, उनमें से कई कैदी जेल में वापिस हाजिर हो चुके है. परंतु जो कैदी अब तक नियमानुसार जेल नहीं पहुंचे है, उनके बारे में शहर पुलिस विभाग से पत्रव्यवहार किया जा रहा है.
– प्रदीप इंगले
उपाधिक्षक, अमरावती मध्यवर्ती कारागार.





