मराठा-कुणबी जीआर को अंतरिम स्थगिती देने से हाईकोर्ट का इंकार

जीआर के खिलाफ दाखिल याचिका वाले मामले में राज्य सरकार को मिली बडी राहत

मुंबई/दि.7 – मराठा-कुणबी आरक्षण के संदर्भ में जारी जीआर के खिलाफ दायर याचिकाओं को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को आज उस समय बडी राहत मिली, जब मुंबई उच्च न्यायालय ने इस जीआर को अंतरिम स्थगिती देने से मना कर दिया. नागरिकों के अन्य पिछडा प्रवर्ग यानि ओबीसी संवर्ग के तहत मराठा आरक्षण देनेवाले अध्यादेश के समर्थन एवं विरोध में हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाएं दायर की गई थी. जिस पर आज सुनवाई हुई और अदालत ने 2 सितंबर 2025 को जारी अध्यादेश को अंतरिम स्थगिती देने से इंकार करते हुए राज्य सरकार को एक बडी राहत दी.
इस अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिकाओं में कहा गया था कि, विगत 2 सितंबर को जारी अध्यादेश के चलते मराठाओं को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण का लाभ मिलेगा. जिससे ओबीसी कोटे का मौजूदा आरक्षण कम हो जाएगा और इस संवर्ग में शामिल पिछडा प्रवर्ग के लोगों का काफी नुकसान होगा. यही वजह है कि, सरकार की ओर से यह अध्यादेश जारी किए जाने के बाद राज्य में अब तक 7 लोगों द्वारा आत्महत्या कर ली गई है. इस युक्तिवाद के साथ ही इन याचिकाओं पर जल्द से जल्द सुनवाई करने की मांग की गई थी. ऐसे में आज अदालत ने इन याचिकाओं पर सुनवाई की और कुछ याचिकाओं में रहनेवाली तकनीकी त्रुटियों को दूर करने का निर्देश देने के साथ ही हाईकोर्ट ने मराठा-कुणबी जीआर पर अंतरिम स्थगिती देने से इंकार कर दिया. इसे हाईकोर्ट की ओर से राज्य सरकार के लिए एक बडी राहत माना जा रहा है.
बता दें कि, मराठा आरक्षण आंदोलक मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्वतले मुंबई में मराठा समाज हेतु आरक्षण की मांग के लिए एक बडा आंदोलन किया था. जिसके बाद राज्य सरकार ने हैदराबाद गैजेटियर को लागू करने का निर्णय लिया था. जिसके आधार पर कुणबी मराठा समाज को ओबीसी संवर्ग के तहत आरक्षण दिया गया है. परंतु इस फैसले के खिलाफ ओबीसी नेताओं व संगठनों ने हाईकोर्ट में गुहार लगाते हुए अपनी याचिकाएं दायर की थी और मराठा-कुणबी जीआर को अंतरिम स्थगिती दिए जाने की मांग की थी. जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है.

* अस्पताल में भर्ती मनोज जरांगे की सुरक्षा व्यवस्था बढी
इसी बीच यह जानकारी भी सामने आई कि, छत्रपति संभाजी नगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती रहकर इलाज करवा रहे मराठा आंदोलक मनोज जरांगे पाटिल की सुरक्षा व्यवस्था को अचानक ही बढा दिया गया है. जिसके तहत अस्पताल में दो पुलिस अधिकारियों सहित 10 से अधिक पुलिस कर्मचारियों की 24 घंटे तैनाती की गई है. जिनमें दो महिला पुलिस कर्मियों का भी समावेश है. अस्पताल के मुख्य प्रवेशद्वार तथा जरांगे के वॉर्ड के समक्ष कडा बंदोबस्त तैनात किया गया है. विगत दो दिनों से मराठा आंदोलक मनोज जरांगे पाटिल को ओबीसी नेताओं के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. ऐसे में कोई अनुचित घटना घटित न हो तथा कानून व व्यवस्था को लेकर कोई समस्या पैदा न हो, इस बात के मद्देनजर जरांगे पाटिल की सुरक्षा को बढाया गया है.

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