जस्टिस गवई पर हमले का अकोला में कडा निषेध

अकोला/ दि. 7- सवोच्च न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश पर बुटफेक मामले में अकोला में तीव्र निषेध व्यक्त किया गया है. राष्ट्रवादी शरद पवार गुट की ओर से सोमवार सांयकाल बसस्थानक चौक में काले झंडे दिखाकर जोरदार प्रदर्शन किया गया. सर्वोेच्च न्यायालय में देश के प्रधान न्यायाधीश भूषण गवई पर बूट फेंकने की प्रयास किया गया, ऐसी धक्कादायक जानकारी सुबह प्राप्त हुई. इस समय प्रधान न्यायाधीश एक मामले की सुनवाई ले रहे थे. यह मामला 60 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने किया. सुरक्षा रक्षकों ने तत्काल आरोपी को पकडा . इस समय आरोपी ने यह घोषणा की थी कि सनातन धर्म का अपमान हिन्दुस्थान सहन नहीं करेगा.
इस दौरान इस घटना का प्रसार अकोला में हुआ है. इस मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार गुट की ओर से तीव्र निषेध किया गया है. देश में विपरित परिस्थिति निर्माण की जा रही है. यह देश का वातावरण दूषित करने का यह षडयंत्र है. देश के प्रधान न्यायधीश से ऐसा व्यवहार किया जाता है. यह भारतीय लोकशाही के लिए गंभीर चिंता का विषय है. भारत के इतिहास में इस प्रकार की घटना कभी घटित नहीं हुई. इस कृत्य का कठोर शब्दों में राष्ट्रवादी द्बारा स्पष्ट किय गया . न्यायपालिका देश की सर्वोच्च संस्था है. इस संबंध में अपमान सहन नहीं किया जा सकता. समाज में शांतता, सदभावना, और संविधान का सम्मान रखने का आवाहन राष्ट्रवादी की ओर से किया गया.
इस घटना का विरोध में मदन लाल धींग्रा चौक में राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद वार गुट के महानगर में पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर जोरदार प्रदर्शन किया. इस समय घटना के विरोध में घोषणाबाजी की गई. इस समय महानगराध्यक्ष रफीक सिद्दकी, प्रदेश संगठक सचिव जावेद जकरिया, कार्याध्यक्ष देवानंद टाले, युसूफ अली, पश्चिम विधानसभा अध्यक्ष मेहमूद खान पठान के नेतृत्व में ये आंदोलन किया गया.
इस समय सुनील वनारे, मिलिंद गवई, पापाचंद पवार, अॅड संदीप तायडे, बाबासाहब घुमरे, आनंद वैराले, शेख रमजान, अंसार अली, मोहम्मद साफिक, रजिक इंजीनियर, अल्ताफ खान, मो. सानिफ, चंदू चांदखां, उमेश खंडारे, नरेंद्र देशमुख, रेहान सिद्दिकी, शाहीद सिद्दीकी, भाउराव साबले, वसीम खान, रमेश नाईक, सोहेल खातीब, अमन घरडे सहित राष्ट्रवादी क ेपदाधिकारी व कार्यकर्ता बडी संख्या में उपस्थित थे.





