मनपा के जोननिहाय स्वच्छता ठेके रद्द!

नागपुर हाईकोर्ट ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला

* फैसले की प्रतिलिपी व ब्यौरा मिलना बाकी
* 21 दिन में नई निविदा जारी करने का दिया निर्देश
* शहर के पांच जोन का ठेका था तीन संस्थाओं के पास
* तीन पूर्व पार्षदों ने ठेके के खिलाफ दायर की थी याचिका
* एक साल चली सुनवाई के बाद ठेका रद्द का हुआ निर्णय
अमरावती/दि.7 – अमरावती महानगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत साफसफाई के कार्य हेतु जोननिहाय पद्धति से आवंटित स्वच्छता ठेकों को आज बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ द्वारा रद्द करने का आदेश दिया गया है. साथ ही हाईकोर्ट ने अमरावती मनपा को यह निर्देश भी दिया कि, अगले 21 दिनों के भीतर नई निविदा प्रक्रिया पर अमल करते हुए साफसफाई हेतु नई एजेंसियों का चयन किया जाए, ऐसी जानकारी आज दोपहर बाद सामने आई है. जिसके चलते मनपा सहित शहर में अच्छा-खासा हडकंप मचने की पूरी संभावना है. ऐसे में अब हाईकोर्ट के फैसले की प्रतिलिपी व विस्तृत ब्यौरा मिलने का इंतजार किया जा रहा है.
बता दें कि, किसी समय अमरावती मनपा क्षेत्र में प्रभागनिहाय ठेका पद्धति पर अमल किया जाता था. जिसे कालांतर में रद्द करते हुए शहर में जोननिहाय ठेका पद्धति को अमल में लाया गया और पांच जोन के लिए ठेके आवंटित किए गए थे. जिसके तहत श्री नागरिक सेवा सहकारी बेरोजगार संस्था, क्षितीज बेरोजगार संस्था तथा गोविंदा बेरोजगार संस्था नामक तीन संस्थाओं को शहर के अलग-अलग प्रभागों में साफसफाई करने का ठेका दिया गया था. जिसमें से क्षितीज संस्था के पास जोन क्रमांक 3 की साफसफाई का जिम्मा था, वहीं श्री नागरिक संस्था के पास जोन क्रमांक 1 व 5 तथा गोविंदा संस्था के पास जोन क्रमांक 2 और 4 ऐसे दो-दो जोन के साफसफाई के ठेके थे. पता चला है कि, पांच-पांच प्रभागों का समावेश रहनेवाले प्रत्येक जोन की साफसफाई का ठेका 35 लाख रुपए प्रति माह की दर पर दिया गया था यानि पांचों जोन में साफसफाई के काम हेतु मनपा द्वारा प्रति माह पौने दो करोड रुपए खर्च किए जाते है. हालांकि इसके बावजूद शहर के विभिन्न प्रभागों में साफसफाई की व्यवस्था का नितांत अभाव रहने तथा शहर में जगह-जगह कचरे व गंदगी के ढेर लगे रहने की शिकायते अक्सर ही सामने आय करती थी.
खास बात यह भी रही कि, करीब दो-ढाई वर्ष पहले शहर की साफसफाई हेतु अमल में लाई गई जोननिहाय ठेका पद्धति का शुरु से ही अमरावती शहर में जमकर विरोध किया जा रहा था और इस ठेके के खिलाफ शहर के पूर्व महापौर संजय नरवणे तथा पूर्व स्थायी सभापति बालासाहेब भुयार एवं पूर्व पार्षद धीरज हिवसे द्वारा करीब एक वर्ष पहले बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई पूरी करते हुए हाईकोर्ट ने आज दोपहर बाद अपना फैसला सुनाया. इस समय न्या. अनिल किलोर व न्या. रजनीश व्यास की दो सदस्यीय खंडपीठ ने अमरावती मनपा क्षेत्र में चल रहे साफसफाई के जोननिहाय ठेकों को तुरंत प्रभाव से रद्द करने का आदेश जारी करते हुए अमरावती महानगर पालिका को यह निर्देश भी दिया कि, आगामी 21 दिनों के भीतर अमरावती मनपा द्वारा साफसफाई को लेकर नई निविदा प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए और नए सिरे से साफसफाई के ठेके जारी किए जाए. इस फैसले का विस्तृत ब्यौरा एवं प्रतिलिपी अभी मिलना बाकी है. इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ एड. श्रीरंग भंडारकर द्वारा अदालत के समक्ष युक्तिवाद किया गया.

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