24 घंटे की दुकानदारी पर अमरावती अधिक उत्साहित नहीं

वह कल्चर अभी नहीं आया इधर

* सुरक्षा के भी रिजन गिनाए व्यापारियों ने
अमरावती/ दि. 8-राज्य शासन द्बारा 24 घंटे दुकानदारी की अनुमति देने के विषय में अमरावती के व्यापारी, उद्यमी और व्यवसायी अधिक उत्साहित नजर नहीं आ रहे. शासन ने भले ही इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है.. किंतु व्यापारी अभी इसके लिए तैयार नहीं होने के संकेत अमरावती मंडल द्बारा संगठनों के पदाधिकारियोें से चर्चा दौरान मिले. उसी प्रकार कतिपय व्यापारी संगठनों ने सरकार की पहल का विरोध किया. कुछ ने कहा कि अमरावती में अभी नाइट कल्चर डेवलप नहीं हुआ है. आपात स्थिति की बात करें तो मेडिकल सुविधा और दवाईयां अवश्य उपलब्ध हो जाती है. किंतु कई व्यापारियों ने चर्चा दौरान कहा कि सुरक्षा का भी बडा कारण है. देर रात तक या सारी रात दुकानें खुली रखने पर दुकानों और आनेवाले ग्राहकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी ? इसके अलावा कुछ व्यापारियों ने होटल और रेस्तरां के ही धंधे बढने और 24 घंटे की परमिशन होटल व्यवसाय के लिए ही फायदेमंद रहने का दावा किया.

दिन में ही व्यापारी पर हमले, रात की क्या बात करें
महानगर व्यापारी संगठन के अध्यक्ष सुरेश जैन ने सरकार की नोटिफिकेशन को लेकर आशंका व्यक्त की. उन्होंने कहा कि मेट्रो शहरों की बात अलग है और अमरावती जैसे शहरों की बात अलग. अब आपको सारी रात दुकान खोलने के लिए अलग से परमीशन लेने की आवश्यकता नहीं है. किंतु सुरक्षा का मुद्दा अहम है. यहां तो दिन में ही व्यापारी पर हमले की घटनाएं हो रही है. पिछले दिनों दवा व्यापारी पवन लढ्ढा पर हुए हमले की घटना का सुरेश जैन ने उल्लेख किया. उन्होंने लेबर की उपलब्धि को लेकर भी सवाल खडा किया. सूरज जैन ने कहा कि कितने दुकानदारों अथवा प्रतिष्ठानों के पास 24 घंटे सेवा दे सके, ऐसे श्रमिक उपलब्ध है ? उन्होंने ग्राहकों के भी आधी रात को दुकान में सामान की खरीदी के लिए आने के बारे में अंदेशा व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि होटल और रेस्तरां खुली रह सकती है. बार और परमिट रूम को भी रात 1.30 बजे तक खुली रखने की शासन प्रशासन की अनुमति थी.् अब सारी रात या कह लीजिए 24 घंटे की परमीशन का लाभ कुछ मात्रा में होटल्स को हो सकता है.

सरकार का निर्णय सरासर गलत
सराफा व्यापारी असो. के अध्यक्ष राजेंद्र भंसाली ने कहा कि सरकार का 24 घंटे दुकानें, आफीसेस, होटल्स खुले रखने का निर्णय ही सरासर गलत डिसीजन है. अभी तो शासन व्यापारी वर्ग को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध नहीं करा पाती. आधी रात को कोई उपद्रवी चाकू छुरा लेकर दुकान में घुस गया तो उसकी सिक्युरिटी का जिम्मा कौन लेगा ? उन्होंने बताया कि सराफा कारोबार की बात करें तो व्यापारी प्राय: 8-9 बजे दुकान, प्रतिष्ठान बंद कर देते हैं. सुरक्षा कारणों से यह आवश्यक भी है. कीमती वस्तुएं, दागिने होने से रोज मेल भी जरूरी है. जिससे स्पष्ट है कि सराफा के अधिकांश दुकानदार सरकार की अनुमति के बावजूद 24 घंटे दुकानदारी खुली नहीं रखनेवाले. तीन पीढी से सराफा व्यवसाय कर रहे राजेंद्र भंसाली ने बताया कि होजियरी, कपडा के दुकानदार भी लेबर समस्या के कारण ऐसी परमीशन का लाभ लेंगे, इसमें शंका है. भंसाली के अनुसार कुछ प्रमाण में होटल और ऐसे व्यवसायों के लिए यह अनुमति कारगर या लाभदायी हो सकती है. मोटे तौर पर 24 घंटे व्यापार की अनुमति का निर्णय उन्हें गलत ही लगता है.

अमरावती में वह कल्चर अभी नहीं
चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विनोद कलंत्री ने भी सरकार की 24 घंटे की दुकान, प्रतिष्ठान खुले रखने की अधिसूचना के बारे में तत्काल कहा कि दोनों ही बाते हैं. अमरावती में अभी नाइट कल्चर का चलन नहीं है. दूसरा होटल, बार, परमिट रूम को इससे फायदा हो सकता है. बार और परमिट रूम के लिए 24 घंटे की अनुमति नहीं है. ऐसे में केवल खान- पान के शौकीन और देर रात तक मटरगश्ती पसंद करनेवाले लोगों को ही सरकार की उक्त परमीशन का फायदा संभावित है. कलंत्री ने कहा कि कपडा और अन्य बिजनेस को सारी रात खुला रखना व्यापारियों के लिए अभी तो उपयोगी नहीं लगता. सारी रात दुकानें, प्रतिष्ठान खुली रखने में लेबर के साथ- साथ बिजली का भी बडा खर्च बढेगा. उस बारे में व्यापारी जरूर सोच विचार करेंगे. पुलिस की जवाबदारी बढ जायेगी.

 

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