दीपावली लक्ष्मी पूजन 21 अक्टूबर को

पश्चिमी देशों में दीपावली 20 अक्टूबर को

अकोला /दि.9 – निर्णय सिंधु अलग-अलग ऋषियों के मत देते हुए पृष्ठ क्रमांक 300 पर लिखता है अंतिम निर्णय देते हुए दीपावली पूजन में प्रदोष मुख्य है. रात्रि के समय को लक्ष्मी के स्वागत के लिए बताया है, दोपहर 12 से 3 का समय पितरों की पूजा के लिए बताया है. 2 दिन प्रदोष समय में अमावस्या आने पर दूसरे दिन की लक्ष्मी पूजन को महत्व दिया है. धर्म सिंधु में पृष्ठ क्रमांक 177, 178, एकम तिथि की वृद्धि दूसरे दिन प्रदोष समय में अमावस्या तथा साढे तीन प्रहर से अधिक अमावस्या सूर्योदय से, इसको महत्व देते हुए दूसरे दिन की लक्ष्मी पूजन को योग्य बताया है. एक घटी यानी की 24 मिनट ऐसे कई प्रकार के निर्णय दिए हैं परंतु अंतिम निर्णय में चाहे 1 मिनट ही अधिक क्यों ना हो दूसरे दिन की अमावस्या को लक्ष्मी पूजन में योग्य बताया है.
विट्ठल सोमन ने सुलभ ज्योति शास्त्र में इसी विषय को बहुत ही सरल तरीके से स्पष्ट किया है इसी आधार पर अकोला तथा अकोला के पूर्वी देशों में गुवाहाटी कोलकाता इत्यादि में 101% दीपावली 21 अक्टूबर को आर्य सत्य की तरह प्रमाणिक है पश्चिमी देशों में जैसे कि अमेरिका 20 अक्टूबर को दीपावली रहेगी. इसी संदर्भ में अकोला पुरोहित संघ की सभा बालाजी मंदिर में ली गई.
बैठक में दीपावली के मुहूर्त इस प्रकार बताए गए- गादी बिछाना – दोपहर 2:27 से 4:00 बजे तक. कलम में स्याही भरना – दोपहर 12:38 से 2:27 तक. दोपहर 3:00 से 4:00 बजे तक. लक्ष्मी पूजन – स्थिर लग्न मेंवृश्चिक – सुबह 8:17 से 10:32 तककुंभ – दोपहर 2:27 से 4:02 तकवृषभ श्याम 7:17 से 9:16लोकाचार के अनुसार सिंह लग्न अर्धरात्रि 1:43 से 3:53 तक.दिन के चौघड़िया – चंचल सुबह 9:13 से 10:40 तक लाभ सुबह 10:40 से 12:06 तकअमृत 12:6 से01:33 तकशुभ दोपहर 2:59 से 4:26 तक रात्रि के चौघड़िया लाभ 7:26 से 8:59 शुभ 10:33 से 12:7 अमृत 12:7 से 1:40 चंचल 1:40 से 3: 27मुख्य प्रदोष समय – सायंकाल 5:51 से रात्रि 8:51 तक विट्ठल सोमनके ग्रंथ के आधार पर. रात्रि 9 के बाद के मुहूर्त लोकाचार के आधार पर दिए गए हैं, 21 अक्टूबर को अमावस्या 5:54 तक रहेगी, परंतु जैसे एकादशी सुबह 6:00 बजे समाप्त होने पर भी दिनभर उपवास करते ठीक वैसे ही अमावस्या का रहेगा.
सभा में सर्वश्री पंडित सचिन शर्मा दीपक शर्मा गोपाल शर्मा प्रमोद तिवारी रतन तिवारी श्याम अवस्थी लाला तिवारी राजू भाई जाडा आलोक शर्मा सुमित तिवारी भैरव शर्मा हेमंत शर्मा एवं पंडित रवि कुमार शर्मा उपस्थित थे.

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