करोडों के प्लॉट को हडपने की किराएदार की कोशिश विफल

दो माह में जगह खाली करने का कोर्ट का आदेश

* एड. लक्ष्मीकांत पुरोहित द्वारा पैरवी
अमरावती/ दि. 9 -शहर के बीचोबीच स्थित करोडों के प्लॉट को हडपने की किराएदार की कोशिश को विफल कर प्लॉट को उसके मूल मालिकों को खाली कर वापिस करने का आदेश अदालत द्बारा दिया गया है. इस मामले में एड. लक्ष्मीकांत पुरोहित ने पैरवी की है. उन्हें एड. दिशा पांडे ने सहयोग दिया. इस निर्णय से शहर में दूसरों की संपत्ति पर अवैध कब्जा कर बैठे लोगों में खलबली मची हुई है.
शहर के बिलकुल मध्य भाग में रेलवे पुल से सटी हुई सरैया परिवार की करीब 40,000 फुट से ज्यादा जगह है. जिसे लाला की चाल के नाम से जाना जाता है. इसमें करीब 100 से ज्यादा पुराने मकान और खुली जगह है. इसी जगह में रेलवे पुल से सटा 2675 चौरस फुट का खुला प्लॉट राजेश सरैया के दादा शिवनारायण सरैया ने प्रतिवादी नरेश नत्थूलाल गुप्ता और मनोहर श्यामलाल गुप्ता के पिता को मात्र 8 रूपए महीने से लकडी की टाल चलाने के लिए दिया था. कालांतर में इसका भाडा बढकर 36 रूपए महीना हुआ. इतनी बडी जगह का इतना नाममात्र का किराया भी किराएदार ने वर्षो से नहीं दिया था. राजेश पवनकुमार सरैय्या और उसके भाइयों नीरज और पंकज ने अपने वकील लक्ष्मीकांत पुरोहित के माध्यम से नोटिस जारी कर प्लॉट खाली करने को कहा . प्रतिवादी द्बारा भी कोर्ट में दावा दाखिल किया. दोनों ही पक्षों के बीच सुनवाई शुरू हुई. इस समय जमीन पर कब्जा करनेवाले व्यक्ति ने अंतत सबूत के आधार पर माना की उसने जमीन पर अतिक्रमण करते हुए अपना कब्जा रखा हुआ था. सुनवाई के बाद अदालत ने शिकायतकर्ता के हक में फैसला सुना कर दावा खर्च के साथ प्रतिवादी को 2 माह के भीतर प्लॉट का कब्जा शिकायतकर्ता सरैय्या परिवार को देने के आदेश दिए. प्लॉट की कीमत करोडों में होने से नुकसान भरपाई की रकम भी लाखों में होने की संभावना है.

Back to top button