वाह रे अमरावती का विकास, दिन में 5-5 बार बिजली हो रही गुल

अखबार के कार्यालय भी बिजली की आंख-मिचौली से अछूते नहीं

* लगातार घटते-बढते वोल्टेज से कम्प्युटर, जनरेटर व कैमरे हो रहे खराब
अमरावती/दि.10 – जहां एक ओर सत्ताधारी दल से जुडे नेताओं व स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अमरावती शहर के विकास को लेकर बडी-बडी बाते की जाती है. वहीं दूसरी ओर अमरावती में मूलभूत सुविधाओं की भी सही ढंग से ठीकठाक व्यवस्था नहीं है. इसका ताजा उदाहरण हाल-फिलहाल के दिनों के दौरान रोजाना ही बिजली की आंख-मिचौली को कहा जा सकता है. क्योंकि दिनभर के दौरान करीब 5 से 7 बार बिजली का अचानक गुल हो जाना और कई-कई घंटों तक विद्युत आपूर्ति का ठप रहना मानों रोजाना की ही बात हो गई है. जिससे आम नागरिकों सहित व्यापारियों को भारी असुविधा का सामना करना पड रहा है. साथ ही इससे अखबार के कार्यालय भी अछूते नहीं है. जिनका काम विद्युत आपूर्ति के ठप होने के साथ ही रुक जाता है. साथ ही बिजली के आते-जाते समय लगातार घटते-बढते वोल्टेज के चलते अखबार कार्यालयों के कम्प्युटर, जनरेटर, प्रिंटर व कैमरे भी जलकर खराब हो रहे है.
पश्चिम विदर्भ क्षेत्र के अग्रणी हिंदी दैनिक अमरावती मंडल व प्रमुख मराठी दैनिक आपली मातृभूमि के मुख्य कार्यालय शहर के बीचोबीच खापर्डे बगीचा जैसे प्रमुख स्थल पर स्थित है. जिसके पास ही इर्विन अस्पताल सहित कई निजी अस्पताल व कुछ प्रमुख सरकारी कार्यालय भी है. परंतु अमरावती मंडल व आपली मातृभूमि के कार्यालय सहित खापर्डे बगीचा परिसर की विद्युत आपूर्ति भी महावितरण द्वारा दिन में 5-5 बार बिना किसी पूर्वसूचना के खंडित की जा रही है. जिसके चलते अच्छी-खासी रफ्तार में चलनेवाला कामकाज एक झटके के साथ अचानक ही ठप हो जाता है. वहीं एक बार गुल हुई बिजली दुबारा वापिस कब आएगी और इसके कितनी देर बाद फिर गुल हो जाएगी, इसका भी कोई अता-पता नहीं रहता. यह आए दिन की समस्या हो गई है. साथ ही बिजली की इस लुकाछुपी के बीच वोल्टेज में अचानक ही उतार-चढाव आने के चलते दैनिक अमरावती मंडल व आपली मातृभूमि के कार्यालय के कम्प्युटर, प्रिंटर, जनरेटर एवं स्टुडिओ में लगे कैमरे व लाईट भी जलकर खराब हो रहे है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, बारिश के मौसम दौरान महावितरण द्वारा मेंटेनन्स की वजह को आगे करते हुए आए दिन बत्ती गुल रखी जाती है, परंतु अब बारिश का मौसम बित चुका है और वातावरण भी पूरी तरह से खुला हुआ है. लेकिन इसके बावजूद महावितरण के मेंटेनन्स का काम खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा. जब भी बत्ती गुल होती है, तो इस बारे में पूछताछ करने पर महावितरण के अभियंताओं व अधिकारियों द्वारा मेंटेनन्स का काम जारी रहने का रटा-रटाया जवाब दे दिया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि, आखिर महावितरण के काम की गुणवत्ता क्या है.
* अन्य मूलभूत सुविधाओं का भी पूरी तरह से बंटाढार
ऐसा नहीं है कि, अमरावती शहर में समस्या केवल बिजली की अनियमित आपूर्ति को लेकर ही है, बल्कि शहर में लगभग सभी मूलभूत सुविधाओं का कमोबेश यही हाल है. जिस तरह से विद्युत आपूर्ति हमेशा ही अनियमित रहती है, उसी तरह जलापूर्ति का भी कोई भरोसा नहीं है. एक-एक दिन की आड में होनेवाली जलापूर्ति किस दिन ठप रहेगी, इसका कोई ठिकाना नहीं है. लगभग यही स्थिति शहर की साफसफाई की भी है. जिसके चलते शहर में हर रोज कचरे व गंदगी की समस्या व्याप्त दिखाई देती है. जिसकी साफसफाई कब होगी, यह भगवान भरोसे है. ऐसे में सवाल पूछा जा सकता है कि, आखिर अमरावती शहर का कोई वाली है भी अथवा नहीं.
* विधायकों से भी शिकायत का कोई फायदा नहीं
खास बात यह भी है कि, महावितरण की ओर से चलाई जा रही बिजली की आंख-मिचौली को लेकर अखबार कार्यालयों सहित स्थानीय व्यापारियों द्वारा अब तक स्थानीय विधायक सुलभा खोडके व विधान परिषद सदस्य संजय खोडके के पास कई बार शिकायते दर्ज कराई जा चुकी है. उन्होंने हर बार इस बारे में महावितरण के अधिकारियों से बातचीत भी की. परंतु इसका भी अब तक कोई फायदा नहीं हुआ और बिजली की आंख-मिचौली बदस्तुर जारी ही है.

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