बिना पर्ची के कफ सिरप बेचना बना मेडीकल वालों के लिए सिरदर्द

एफडीए द्वारा मेडिकल स्टोर्स पर भेजे जा रहे डमी ग्राहक

* केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसो. ने तुगलकी कार्रवाई पर जताया संताप
* सभी मेडिकल स्टोर्स को बंद कर देने की दी चेतावनी
अमरावती /दि.11 – हाल ही में एक कंपनी द्वारा उत्पादित कफ सिरप का सेवन करने के चलते राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में कुछ बच्चों की मौत हो जाने के मामले सामने आए थे. जिसके चलते कफ सिरप के प्रयोग को लेकर पूरे देश में जबरदस्त हडकंप मच गया था तथा अन्न व औषधी प्रशासन विभाग ने संबंधित कंपनी के कफ सिरप की विक्री को प्रतिबंधित करने के साथ ही किसी भी तरह की कफ सिरप की विक्री डॉक्टर की पर्ची के बिना नहीं करने का फर्मान भी जारी किया था. साथ ही साथ अब एफडीए द्वारा अति सक्रियता दिखाते हुए मेडिकल स्टोर्स पर बिना पर्ची के कफ सिरप खरीदने हेतु डमी ग्राहक भेजे जा रहे है. जिन्हें मेडिकल स्टोर्स द्वारा बिना पर्ची के कफ सिरप दिए जाते ही एफडीए द्वारा ऐसे मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. जिसके चलते सभी मेडिकल स्टोर्स संचालक बेहद त्रस्त हो गए है और अब केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसो. की ओर से चेतावनी दी गई है कि, यदि एफडीए द्वारा तुरंत ही अपनी इस तुगलकी कार्रवाई को नहीं रोका जाता है, तो सभी मेडिकल स्टोर्स के संचालक अपने-अपने दवा विक्री प्रतिष्ठानों को बंद रखने हेतु मजबूर हो जाएंगे.
इस संदर्भ में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसो. के अध्यक्ष सौरभ मालानी ने जानकारी देते हुए बताया कि, अव्वल तो जिस कंपनी के कफ सिरप की वजह से मध्य प्रदेश व राजस्थान में बच्चों की मौत जैसी दुखद घटना हुई, उस कंपनी के माल की सप्लाई अमरावती शहर सहित जिले में होती ही नहीं. इसके अलावा भले ही फार्मसी के नियमानुसार बच्चों को बिना पर्ची कफ सिरप बेचने की मनाई है, लेकिन यदि कोई बालिग व्यक्ति बिना पर्ची के कफ सिरप मांगता है, तो स्वास्थ सेवा की प्रतिबद्धता के चलते एक-दो सवाल पूछकर दवा विक्रेताओं द्वारा उसे कफ सिरप दे दिया जाता है, यह अपने-आप में कोई बहुत बडी या गंभीर बात नहीं है. लेकिन इसके बावजूद मेडिकल स्टोर्स संचालकों को एफडीए प्रशासन द्वारा जानबुझकर और बेवजह परेशान किया जा रहा है. सौरभ मालानी का यह भी कहना रहा कि, कोई दवा विक्रेता अपने घर में किसी दवाई का निर्माण या उत्पादन नहीं करता, बल्कि हम तो केवल व्यापारी है. ऐसे में दवा की गुणवत्ता कैसी है और उसमें कौनसे घटक मिले हुए है, इस पर नजर रखने की जिम्मेदारी ड्रग कंट्रोलर की होती है. परंतु मूल मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने हेतु एफडीए द्वारा दवा विक्रेताओं को अपनी कार्रवाई का निशाना बनाया जा रहा है.

* हमने तो खुद ही कई कंपनियों का माल किया रिटर्न
‘दैनिक अमरावती मंडल’ को जानकारी देते हुए केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसो. के अध्यक्ष सौरभ मालानी ने यह भी बताया कि, मध्य प्रदेश व राजस्थान की दुखद घटनाओं के सामने आते ही अमरावती शहर सहित जिले में कफ सिरप की सप्लाई करनेवाली कई कंपनियों ने खुद ही स्थानीय होलसेल दवा विक्रेताओं से संपर्क साधते हुए अपने कुछ लॉट वापिस भेजने की बात कही थी. जिसके चलते कई दवा विक्रेताओं ने संबंधित कंपनियों को उनका माल रिटर्न भी कर दिया है और अब तक सौभाग्य से अमरावती में किसी भी तरह की कोई दुखद घटना भी घटित नहीं हुई है. लेकिन इसके बावजूद दवा विक्रेताओं को बेवजह ही निशाना बनाया जा रहा है.

* कोविड के समय हम अच्छे थे, और अब हमसे समस्या है
इसके साथ ही केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसो. के अध्यक्ष सौरभ मालानी ने यह भी कहा कि, कोविडकाल के दौरान अमरावती शहर सहित जिले के सभी थोक व रिटेल दवा विक्रेताओं ने सरकार व प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया था और आधी रात को भी अपने प्रतिष्ठान खोलते हुए मरीजों की जरुरत के लिहाज से दवाएं उपलब्ध कराई थी, तब होलसेल ट्रेडर्स व मेडीकल दुकानदार एफडीए के लिए बेहद अच्छे थे. लेकिन आज उसी एफडीए द्वारा हमें बिना वजह चोर व खलनायक साबित किया जा रहा है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाए और यदि एफडीए ने अपनी मनमानी को बंद नहीं किया, तो जरुरत पडने पर अमरावती शहर सहित जिले के सभी मेडिकल प्रतिष्ठानों को बंद करते हुए आंदोलन भी किया जाएगा.

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