यदि तत्काल उपाय किए जाएं तो दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है

भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुखदेव पवार की प्रशासन से मांग

परतवाडा /दि.13 – परतवाड़ा से चांदूर बाजार राजमार्ग पर कुरल पूर्णा में पूर्णा नदी पर भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाला समाप्त हो चुका और क्षतिग्रस्त सूचना फलक, जो यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रहा है, एक खतरनाक पुल है जो इन भारी बारिश और बरसात के दिनों में चालू रहता है जब नदियाँ उफान पर होती हैं.
पूर्णा नदी अमरावती जिले की एक बड़ी नदी है और यहाँ नदी का तल चौड़ा और विस्तृत है. जब नदी उफान पर होती है और ऐसे समय में इस पुल पर अनियंत्रित भारी यातायात भी चल रहा होता है, तो उसी समय अचानक भारी ट्रक या कंटेनर इस पुल पर आने से खतरे की प्रबल संभावना होती है. जब भारी वाहन पुल के ऊपर से गुजरते हैं, तो भूकंप जैसा कंपन महसूस होता है और पुल हिलता है, जिससे पुल पर मौजूद लोग बहुत डर जाते हैं. इस पुल की भयावह स्थिति को देखते हुए लोनिवि के अधीक्षक अभियंता को इस ओर ध्यान देना चाहिए. इस पुल में इस्तेमाल की गई सामग्री पुरानी है और एक्सपायर हो चुकी लगती है और ऐसी खस्ता हालत में अगर यह पुल टूट जाए या कोई दुर्घटना हो जाए, तो जानमाल के नुकसान की प्रबल संभावना है. यह जिम्मेदारी कौन स्वीकार करेगा, ऐसी गंभीर समस्या की ओर ध्यान दिलाने के लिए, इस क्षेत्र के युवा कार्यकर्ता नीलेश बम्बलकर और छोटूभाऊ सातपुते ने पुल पर एक बड़े भारी वाहन के गुजरने के दौरान इस समस्या का अनुभव किया और इसे जिला प्रशासन के सामने रखा. हालाँकि इस क्षेत्र के लोगों की एक जायज मांग है कि एक स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए. इस समस्या पर तुरंत विचार किया जाना चाहिए और समस्या का समाधान किया जाना चाहिए और भविष्य में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक विकल्प बनाया जाना चाहिए, ऐसी मांग भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के ग्रामीण जिलाध्यक्ष सुखदेव पवार ने की है.

Back to top button