नेहरु मैदान को लेकर ‘रणसंग्राम’
मैदान पर मनपा की इमारत बनाने को लेकर छिडी जुबानी जंग

* भाजपा सांसद डॉ. बोंडे व राकांपा विधायक संजय खोडके हुए आमने-सामने
* कांग्रेस नेता डॉ. सुनील देशमुख ने भी नेहरु मैदान पर इमारत के निर्माण के प्रस्ताव का जताया विरोध
अमरावती/दि.13 – राज्य में इस समय भले ही तीन प्रमुख दलों का समावेश रहनेवाली महायुति की सरकार है, परंतु अमरावती शहर में महायुति के घटक दलों में कोई आपसी समन्वय नहीं है, यह बात गत रोज नेहरु मैदान के विकास प्रकल्प को लेकर पूरी प्रखरता के साथ सामने आई. बता दें कि, विगत 10 अक्तूबर को मनपा मुख्यालय में मनपा के प्रमुख अधिकारियों के साथ हुई बैठक में अजीत पवार गुट वाली राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधायक संजय खोडके ने शहर के बीचोबीच राजकमल चौराहे के पास स्थित नेहरु मैदान में मनपा के प्रशासनिक कार्यालय को स्थलांतरित करने की बात कही थी. जिसके लिए नेहरु मैदान पर एक नई इमारत के निर्माण को लेकर विचार-विमर्श करना भी शुरु किया गया था. परंतु गत रोज महायुति में ही शामिल प्रमुख घटक दल भाजपा के सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने नेहरु मैदान पर मनपा की इमारत नहीं बनाने देने की आग्रही भूमिका लेते हुए राकांपा के विधायक संजय खोडके का सीधा विरोध करना शुरु किया. साथ ही शहर के मैदानों को बचाने के लिए कृति समिति स्थापित करने की घोषणा भी एक पत्रवार्ता के जरिए की. जहां एक ओर भाजपा व राकांपा के बीच इस मुद्दे को लेकर जबरदस्त गहमा-गहमी मची हुई है. वहीं कांग्रेस के नेता डॉ. सुनील देशमुख ने भी विधायक खोडके दंपति की कृति को शहर की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहर को बर्बाद करनेवाली कृति बताया है, यानि अब नेहरु मैदान की जगह को लेकर अच्छा-खासा राजनीतिक रणसंग्राम शुरु हो गया है. जिसे लेकर आगे चलकर क्या नतीजे सामने आते है, यह देखनेवाली बात होगी.
विशेष उल्लेखनीय है कि, जिले के पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की प्रमुख उपस्थिति में विगत 26 सितंबर को अमरावती महानगर पालिका में समीक्षा बैठक हुई थी, जिसमें महाराष्ट्र इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन के मार्फत शहर के विविध विकास प्रकल्पों के काम करने के लिहाज से करारनामे करने का निर्देश पालकमंत्री बावनकुले द्वारा दिया गया था. इसी बैठक में नेहरु मैदान के विकास, टाऊन हॉल के नूतनीकरण, शहर में मल्टीलेवल पार्किंग व अमरावती महानगर पालिका की नूतन प्रशासकीय इमारत के लिए विस्तृत प्रकल्प रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश भी दिए गए थे, ऐसा विधायक संजय खोडके का कहना रहा और उन्होंने पालकमंत्री के निर्देश पर मनपा द्वारा शुरु किए गए कामों के हो रहे विरोध पर आश्चर्य भी जताया. वहीं दूसरी ओर भाजपा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने गत रोज पत्रवार्ता बुलाते हुए कहा कि, नेहरु मैदान का अमरावती शहर के लिहाज से अपना एक ऐतिहासिक महत्व है. ऐसे में विकास की आड लेकर नेहरु मैदान सहित शहर के किसी भी मैदान को हडप करने के प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जिसके चलते इस समय महायुति में शामिल दो प्रमुख घटक दल ही एक-दूसरे के आमने-सामने खडे दिखाई दे रहे है. जबकि इस पूरे मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि, अमरावती शहर के मौजूदा जनप्रतिनिधि पूरी तरह से दिशाहिन नजर आ रहे है, जिन्हें यह समझ में ही नहीं आ रहा कि, कौनसा काम करना है और कौनसा काम नहीं करना है. मौजूदा जनप्रतिनिधियों द्वारा रेडीमेड कामों तक को पूरा नहीं कराया जा सका और अब वे अपने आर्थिक हितों को साधने हेतु केवल नए-नए प्रकल्प खोजने में मशगुल है. लेकिन जनप्रतिनिधियों के ऐसे प्रयासों को बिल्कुल भी सफल नहीं होने दिया जाएगा.

* उनकी वह कल्पना ही पूरी तरह से हास्यास्पद
– डॉ. बोंडे ने प्रस्ताव के खिलाफ बुलाई पत्रवार्ता
गत रोज राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल बोंडे ने एक पत्रवार्ता बुलाते हुए शहर के बीचोबीच स्थित नेहरु मैदान में मनपा मुख्यालय की नई इमारत बनाए जाने के प्रस्ताव का पूरजोर विरोध करते हुए कहा कि, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की यह कल्पना ही अपने-आप बेहद हास्यास्पद है और शहर के एक भीडभाड वाले इलाके से मनपा की मुख्य प्रशासकीय इमारत को हटाकर उसी भीडभाड वाले इलाके में स्थित दूसरी जगह पर स्थलांतरित करने का क्या तुक है, यह समझ से परे है. सांसद डॉ. बोंडे ने यह भी कहा कि, मनपा की नई प्रशासकीय इमारत के लिए विद्यापीठ मार्ग पर प्रशस्त जगह उपलब्ध रहने के बावजूद इस काम के लिए अचानक ही नेहरु मैदान का चयन करने का निर्णय क्यों लिया जा रहा है, इसकी गहराई में जाने की जरुरत है. साथ ही सांसद डॉ. बोंडे ने नेहरु मैदान के ऐतिहासिक महत्व को प्रतिपादित करते हुए कहा कि, स्वातंत्र्यपूर्व काल के दौरान इसी मैदान में अमरावतीवासियों ने स्वराज्य की शपथ ली थी और इसी मैदान पर देशगौरव नेताजी सुभाषचंद्र बोस के हाथों उद्घाटित स्व. नानासाहेब गोखले स्मृति भवन है. साथ ही साथ इस मैदान पर शहीद स्मृति स्थल भी है. ऐसे में नेहरु मैदान एकतरह से अमरावती शहर के लिए एक ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत है. जिसे सहेजा व संजोया जाना चाहिए. क्योंकि शहर के बीचोबीच स्थित इस छोटे से और बहुउपयोगी मैदान के साथ अमरावती वासियों का भावनात्मक रिश्ता भी है. जिसे ध्यान में रखते हुए भाजपा द्वारा किसी को भी यह मैदान हडप नहीं करने दिया जाएगा, बल्कि नेहरु मैदान सहित शहर के सभी मैदानों को बचाए रखने हेतु भाजपा द्वारा एक कृति समिति गठित की जाएगी. क्योंकि शहर में पहले ही खुले मैदानों की संख्या बेहद कम है. ऐसे में शहर के सभी मैदानों को भावी पीढी के लिए बचाकर रखने की सख्त जरुरत है.
इस पत्रवार्ता में भाजपा के पूर्व शहराध्यक्ष व पूर्व जिला पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटिल, प्रदेश प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी, पूर्व महापौर किरण महल्ले तथा प्रदेश पदाधिकारी किरण पातुरकर व दिनेश सूर्यवंशी भी उपस्थित थे.

* विरोध समझ से परे, पालकमंत्री के निर्देश पर निर्णय
– विधायक संजय खोडके ने स्पष्ट की अपनी भूमिका
इस पूरे मामले को लेकर अपनी ओर से स्थिति स्पष्ट करते हुए अजीत पवार गुट वाली राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य संजय खोडके ने कहा कि, शहर के विकास से संबंधित विविध प्रकल्पों को जनविकास की दृष्टि से गतिमान करने के लिए पालकमंत्री बावनकुले की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ही नेहरु मैदान की जगह पर मनपा मुख्यालय हेतु नई इमारत के निर्माण को लेकर निर्देश जारी किया गया था. ऐसे में भाजपा से वास्ता रखनेवाले पालकमंत्री के निर्देश पर शुरु होने जा रहे काम का भाजपा के ही स्थानीय नेताओं द्वारा किया जा रहा विरोध समझ से परे है और यदि उन्हें वाकई इस काम का विरोध करना था, तो उन्होंने उस बैठक में उपस्थित रहते समय पालकमंत्री के सामने ही अपना विरोध दर्ज कराना था. परंतु ऐसा करने की बजाए केवल अपनी राजनीति को चमकाने के लिए भाजपा के स्थानीय नेताओं द्वारा सोशल मीडिया एवं पत्रवार्ता के जरिए बेसिर-पैर के आरोप लगाए जा रहे है.
विधायक संजय खोडके के मुताबिक शहर के बीचोबीच रहने के बावजूद नेहरु मैदान पूरी तरह से उपेक्षित एवं दुरावस्था का शिकार है. जहां पर किसी भी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है और भविष्य में भी इस जगह का प्रयोग किसी विधायक कार्य हेतु होने की संभावना नहीं है. क्योंकि इसे लेकर अब तक कोई भी नियोजन अथवा प्रावधान नहीं किया गया. इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए विगत दिनों पालकमंत्री बावनकुले की प्रमुख उपस्थिति के बीच मनपा में हुई समीक्षा बैठक में मनपा के इतिवृत्त में दर्ज मुद्दा क्रमांक 14 के विषयानुसार महाराष्ट्र राज्य इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन के मार्फत शहर के विविध विकास कामों व प्रकल्पों को पूरा करने के लिहाज से करारनामा करने का निर्देश खुद जिला पालकमंत्री बावनकुले द्वारा दिया गया था. इसी बैठक में नेहरु मैदान के विकास, टाऊन हॉल के नूतनीकरण व शहर के लिए मल्टीलेवल पार्कींग को विकसित करने के साथ ही मनपा की नई प्रशासकीय इमारत के लिए डीपीआर तैयार करने का निर्देश जारी किया गया था. जिसके आधार पर विगत 10 अक्तूबर को मनपा में हुई बैठक में आयुक्त सौम्या शर्मा के साथ विस्तृत व सकारात्मक चर्चा हुई. जिसके पश्चात मनपा प्रशासन द्वारा जिलाधीश के पास प्रस्ताव भेजने हेतु आवश्यक नियोजन की बात कही गई. परंतु पालकमंत्री के साथ मनपा में हुई समीक्षा बैठक में उपस्थित रहनेवाले सांसद डॉ. बोंडे ने इतने दिनों तक इस विषय को लेकर कुछ भी नहीं कहा, परंतु 10 अक्तूबर को हुई बैठक के बाद अचानक ही सांसद बोंडे ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए इसका विरोध करना शुरु किया. जिसका सीधा मतलब है कि, अब इस विषय को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा राजनीति की जा रही है.

* शहर की ऐतिहासिक विरासत को बर्बाद करनेवाली कृति
– पूर्व पालकमंत्री डॉ. देशमुख ने विधायक खोडके दंपति पर साधा निशाना
मनपा मुख्यालय की इमारत को नेहरु मैदान पर स्थलांतरित किए जाने के प्रयास को लेकर इस समय जहां एक ओर महायुति में शामिल भाजपा व अजीत पवार गुट वाली राकांपा के नेताओं के बीच जमकर तनातनी मची हुई है. वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, विधायक खोडके दंपति की यह कृति अमरावती शहर की ऐतिहासिक विरासत को बर्बाद करनेवाला कृत्य है. पूर्व पालकमंत्री डॉ. देशमुख के मुताबिक अमरावती शहर के बीचोबीच स्थित एकमात्र व ऐतिहासिक नेहरु मैदान पर अब स्थानीय जनप्रतिनिधि की वक्रदृष्टि पड गई है. मौजूदा जनप्रतिनिधि के कामकाज के तरीके को देखते हुए कहा जा सकता है कि, वे केवल ‘बातों का बाजार’ ही सजाते है और काम के नाम पर नतीजा शून्य रहता है. इससे पहले भी खोडके दंपति ने गाडगे नगर से राजपूत ढाबा तक उडानपुल, एकेडॅमिक हाईस्कूल के मैदान पर सुसज्जित हॉकी स्टेडियम, सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय परिसर में वर्क फ्रॉम टाऊन हेतु इमारत जैसी अनेकों लोकलुभावन घोषणाएं की है. जिसमें से एक भी काम की अब तक शुरुआत नहीं हुई, जिसका सीधा मतलब है कि, विधायक खोडके दंपति द्वारा एक के बाद एक घोषणाएं करते हुए अमरावती की जनता को मुर्ख बनाया जा रहा है. अपनी इसी प्रवृत्ति के तहत अब खोडके दंपति ने ऐतिहासिक नेहरु मैदान पर मनपा की नई इमारत के निर्माण का शगुफा छोडा है. जबकि हकीकत यह है कि, अमरावती महानगर पालिका की नई इमारत के लिए विद्यापीठ मार्ग पर जगह आवंटित है. लेकिन इसके बावजूद मनपा की नई इमारत के निर्माण का मामला विगत पांच वर्षों से अधर में लटका पडा है और मनपा में हर बार किसी भी मंत्री की बैठक के समय इस मुद्दे को लेकर पूरी प्रमुखता के साथ चर्चा भी होती है. साथ ही साथ कुछ समय पहले तक विद्यापीठ रोड पर बननेवाली मनपा की नई इमारत की प्रतिकृति को भी मनपा की मौजूदा इमारत में रखा गया था. जिसे लेकर भी बडी-बडी घोषणाएं की गई थी. लेकिन इन सबके बावजूद अब स्थानीय जनप्रतिनिधियों की आंखें अमरावती शहर के लिए ऐतिहासिक विरासत रहनेवाले नेहरु मैदान पर आकर टिक गई है. ताकि इस मैदान पर मनपा की इमारत को बनाने के साथ ही व्यवसायिक संकुल भी बनाया जा सके. साथ ही साथ मनपा की मौजूदा इमारत वाली जगह पर भी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स साकार किया जा सके और इन दोनों कामों के जरिए अपने आर्थिक हितों को साधा जा सके.
पूर्व मंत्री डॉ. देशमुख ने यह भी कहा कि, मनपा की मौजूदा इमारत के नूतनीकरण हेतु इससे पहले के आयुक्तों के कार्यकाल में 5 से 7 करोड रुपए का खर्च भी किया गया था. इस बात को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए, क्योंकि वह रकम भी आम जनता के गाढे पसीने की कमाई थी. इसके अलावा डॉ. देशमुख ने यह भी कहा कि, विधायक खोडके दंपति फिलहाल पूरी तरह से दिशाहिन हो चुके है, यह बात राजकमल चौक के रेलवे उडानपुल वाले मामले को देखकर पूरी तरह से स्पष्ट हो गई है. पूर्व मंत्री डॉ. देशमुख के मुताबिक जो जनप्रतिनिधि पांच वर्षों के दौरान रेडीमेड मंजूर कराकर दिए गए चित्रा चौक से इतवारा बाजार होते हुए नागपुरी गेट की ओर जानेवाले उडानपुल का काम पूरा नहीं करा सके, वर्ष 2018 में निर्माण कार्य शुरु हुए जिला स्त्री अस्पताल का निर्माण पूरा कर अब तक उसका स्थलांतरण नहीं करवा सके, वे अब नए-नए और बडे-बडे आर्थिक प्रकल्प खोजने में मशगुल है. ताकि ऐसे कामों का जमकर आर्थिक लाभ उठाया जा सके. पूर्व मंत्री डॉ. देशमुख ने यह भी कहा कि, नेहरु मैदान केवल एक खुली जगह नहीं है, बल्कि यह अमरावती के सामाजिक, क्रीडा व सांस्कृतिक जीवन का केंद्र है. इस मैदान पर आज तक अनेकों बडे-बडे नेताओं की सभाएं हुई है. साथ ही यहां पर महापौर चषक क्रीडा स्पर्धाएं, महिला बचत गटों के सम्मेलन, दीपावली के पटाखा बाजार, गणेशोत्सव व दुर्गोत्सव के समय मूर्ति विक्री केंद्र, बैल पोला की यात्रा एवं नवरात्रौत्सव के दौरान पाकिंग की सुविधा जैसी व्यवस्थाएं होती है. परंतु इसके बावजूद ऐसे ऐतिहासिक व सार्वजनिक उपयोग वाले मैदान को बिल्डरों के हवाले करने का प्रयास सीधे तौर पर शहर की भावनाओं एवं सार्वजनिक हितों के साथ बेईमानी है, जिसके कदापी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.





