बडे कचरा ठेका में कुछ गलत हुआ तो चुप नहीं बैठेंगे
नेहरू मैदान पर कांग्रेस भी बीजेपी के साथ

* नाम लिए बगैर विधायक खोडके से मांगा खुलासा
* ऐतिहासिक धरोहर को म्यूजियम बनाकर संवारे
* शेखावत, इंगोले, चिमोटे का आवाहन
अमरावती/ दि. 14-महापालिका द्बारा बुलाए गये सबसे बडे कचरा ठेके में पारदर्शिता और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा न होने पर, शिकायत आने पर कांग्रेस अवश्य तगडा विरोध करेगी. जरूरत पडी तो आंदोलन औैर कोर्ट कचहरी भी की जायेगी. यह ऐलान शहर जिलाध्यक्ष बबलू शेखावत ने आज दोपहर संवाददाता सम्मेलन में किया. वे पत्रकार परिषद को संबोधित कर रहे थे. शेखावत के साथ इस समय तीनों पूर्व महापौर विलास इंगोले, मिलिंद चिमोटे, अशोक डोंगरे सहित पूर्व सभापति और नगरसेवक उपस्थित थे. ठेके को लेकर अनियमितता और विजीलैंस कमिटी की सिफारिशों के अनुरूप शर्ते न होने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी.
बबलू शेखावत ने कहा कि प्रशासक राज में महापालिका में कई प्रकार की अनियमितता होती रही है. सफाई के बडे ठेके में ऐसा नहीं होने दिया जायेगा. पारदर्शिता के साथ कठिन शर्ते रहने पर, शिकायत आने पर कांग्रेस जरूर आवाज उठायेगी. महापौर रह चुके मिलिंद चिमोटे ने कहा कि स्वस्थ प्रति स्पर्धा होनी चाहिए. कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार ही महापालिका ने टेंडर प्रक्रिया शुरू की है. आज उसकी प्री बीड मीटिंग हुई है. टेंडर को लेकर अनियमितता नहीं होने दी जायेगी.
टैक्स और कचरे के लिए आंदोलन
कांग्रेस ने शहरवासियों पर लगाए गये भारी भरकम टैक्स के विरोध में 10 आंदोलन किए जाने की जानकारी देते हुए बबलू शेखावत ने बताया कि हमारे बालासाहब भुयार ही शहर की साफ सफाई के मुद्दे पर कोर्ट गये. जिसके कारण महापालिका हरकत में आयी है. शेखावत ने कहा कि महापालिका में मनमानी चल रही है. जिसका कांग्रेस बराबर विरोध करती आ रही है. अनेक आंदोलन करने के साथ कांग्रेस नेताओं ने मुकदमें झेले हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रशासक राज में महापालिका की 50 वर्ष पुरानी इमारत पर 25 करोड फूंके गये. इनसे केवल अधिकारियो के केबिन सुसज्जित किए गये. जबकि शहर के नागरिक मूलभूत सुविधाओं, सडकें , नालियों, साफ सफाई के लिए तरस रहे हैं. मनपा अपने आपको आर्थिक रूप से कमजोर बताती है. पत्रकार परिषद में पूर्व नगरसेवक किशोर बोरकर , महिला अध्यक्ष जयश्री वानखडे, समीर जवंजाल, मुन्ना राठोड, रफू पत्रकार , वैभव देशमुख, संकेत कुलट, नीलेश गोहे, संकेत साहू आदि उपस्थित थे.
* नेहरू मैदान पर बनाएं म्युझियम
पूर्व महापौर विलास इंगोले ने नेहरू मैदान पर खेलकूद करने का बचपन याद करते हए इस मैदान को 1928 में गोखले जी द्बारा तत्कालीन नगर परिषद के हवाले करते हुए शिक्षा हेतु उपयोग किए जाने की शर्त रखी थी. गोखले के वशंज द्बारा 16 वर्ष पहले वह ऐतिहासिक पत्र भी महापालिका के शिक्षा विभाग को सौंपे जाने की जानकारी देते हुए इंगोले ने बताया कि आज जो सत्तारूढ है. उन्हें शासन से फंड लाकर नेहरू मैदान का डेवलपमेंट करना चाहिए. यहां पं. नेहरू की जनसभा हुई थी. इसलिए इसे नेहरू मैदान कहा जाता है. यह अंबानगरी की ऐतिहासिक धरोहर होने की बात भी इंगोले ने कही.
नेहरू मैदान का हो डेवलपमेंट
नेहरू मैदान पर महापालिका का कार्यालय बनाए जाने का कडा विरोध करते हुए का्रंग्रेस ने नाम लिए बगैर विधायक संजय खोडके पर निशाना किया. उन्होंने कहा कि पालकमंत्री के खुलासे के बाद अब स्पष्ट होना चाहिए कि किसके निर्देश पर शहर का बीचोंबीच स्थित महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक मैदान मनपा कार्यालय कम कमर्शियल काम्प्लेक्स के लिए दिया जा रहा था ? उसी प्रकार टाउन हॉल भी गडप करने की साजिश रहने का आरोप कांग्रेस ने किया.
टाउन हॉल बंद क्यों
कांग्रेस ने टाउन हॉल को मरम्मत के नाम पर पिछले 5 वर्षो से संस्थाओं और संगठनों को कार्यक्रम हेतु देने पर लगाई गई रोक को साजिश बताया. कांग्रेस ने याद दिलाया कि यह सभागार पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के शहीदोें के सम्मान में बनाया गया है. उसका भी कमर्शियल मार्केट मेें रूपांतर करने की कोशिशें हो रही है.





