जिप की मतदाता सूची से पांच तहसीलों के कई गांव गायब

7 तहसीलों से मिली शिकायते, 20 हजार मतदाताओं में रोष

* निर्वाचन विभाग के कामकाज पर उठ रहे सवालिया निशान
अमरावती /दि.15 – जिला परिषद व पंचायत समितियों के बहुत जल्द चुनाव होनेवाले है. जिसके लिए तैयार की गई प्रारुप मतदाता सूचियों में से कई तहसीलों के गांव के गांव ही गायब दिखाई दे रहे है. प्रारुप मतदाता सूची को लेकर आपत्ति व आक्षेप दर्ज कराने की अंतिम तिथि मंगलवार 14 अक्तूबर को खत्म हो गई. इस दौरान मोर्शी, वरुड, दर्यापुर, अंजनगांव सुर्जी व धामणगांव रेलवे तहसीलों से बडे पैमाने पर शिकायते प्राप्त हुई. जहां के करीब 20 हजार मतदाताओं पर मतदान से दूर रहने की नौबत आन पडी है.
जिला परिषद व पंचायत समितियों की प्रारुप मतदाता सूची 8 अक्तूबर को प्रकाशित हुई. जिसे 1 जुलाई की अर्हता दिनांक को आधार मानकर विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची को विभाजित कर तैयार किया गया था. इस सूची को लेकर कई राजनीतिक दलों की ओर से आपत्ति दर्ज कराए जाने के बावजूद उसे ही आधारभूत मानकर प्रशासन ने एक बडी गडबडी कर डाली. जिसके चलते अब जिन गांवों के नागरिकों के नाम मतदाता सूची से गायब हुए है, उनमें प्रशासन को लेकर जबरदस्त रोष निर्माण हुआ है और अलग-अलग गांवों के नागरिकों की ओर से संबंधित क्षेत्रों के तहसीलदारों के पास पहुंचकर अपनी शिकायते दर्ज कराई जा रही है. यह शिकायते अब जिला निर्वाचन निर्णय अधिकारी यानि जिलाधीश तक भी पहुंची है. जिसके चलते निर्वाचन विभाग के कामकाज को लेकर सवालिया निशान उपस्थित हो रहे है.
मतदाता सूचियों को लेकर अंजनगांव सुर्जी में सर्वाधिक गडबडियां रहने की जानकारी है. पता चला है कि, अंजनगांव सुर्जी तहसील अंतर्गत मतदाता सूची में सर्वाधिक गडबडियां हुई. इस तहसील में टाकरखेडा मोरे, अहमदपुर, धनेगांव, रौंदलपुर, पोही, रत्नापुर (पोही), जवला बु., जवला खुर्द, औरंगपुर, सैदापुर, डोंगरगांव (तुरखेड), मलकापुर बु., अडगांव खाडे, नवापुर, मासमापुर, मूर्तिजापुर, घोंगडा, हसनापुर, पारडी, शिरजगांव, कारला, निमखेड आड, जवर्डी व धुलकी आदि गांवों के नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल ही नहीं है. ऐसा ही मामला दर्यापुर तहसील क्षेत्र से भी सामने आया है. इस तहसील में जिला परिषद के येवदा, खल्लार, थिलोरी व पिंपलोद ऐसे चार गट यानि निर्वाचन क्षेत्र है. जिसमें से कई निर्वाचन क्षेत्रों के गांव के गांव मतदाता सूची से गायब है. इसके अलावा मोर्शी तहसील के हिवरखेड, पिंपलखुटा (मोठा), अंबाडा, नेरपिंगलाई व रिद्धपुर, वरुड तहसील के पुसला, बेनोडा, जरुड, आमनेर व लोणी निर्वाचन क्षेत्रों के कई गांव के गांव ही मतदाता सूचियों से गायब है. ऐसी ही स्थिति धामणगांव रेलवे तहसील अंतर्गत भी कई गांवों के साथ देखी जा रही है.
इसके अलावा अमरावती तहसील के कई गांवों के नागरिकों के नाम दूसरे गांवों में दर्शाए गए है. साथ ही भातकुली तहसील में विवाह के पश्चात अपनी ससुराल जाकर रहनेवाली कई विवाहिताओं के नाम अब भी पुरानी मतदाता सूचियों में ही दिखाई दे रहे है. जिसे लेकर निर्वाचन विभाग के पास बडे पैमाने पर शिकायते प्राप्त हुई है. इन सभी शिकायतों पर सुनवाई के बाद अब 27 अक्तूबर को अंतिम मतदाता सूची घोषित की जाएगी. जिसके साथ ही संबंधित मतदाताओं के मतदान केंद्रों की सूची भी जारी की जाएगी.

* क्या कहता है निर्वाचन आयोग
जिला परिषद व पंचायत समितियों की मतदाता सूचियां तैयार करते समय विधानसभा की मतदाता सूची को आधार मानते हुए इसमें रहनेवाले मतदाताओं के नाम व पतों को ही कायम रखा जाएगा. इन मतदाता सूचियों में नए नामों का समावेश करने, मृत अथवा स्थलांतरित नामों को काटने तथा नाम व पते में दुरुस्ती करने जैसे काम राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नहीं किए जाएंगे. मतदाता सूचियों का विभाजन करते समय होनेवाली क्लरीकल गल्तियों, मतदाता का निर्वाचन क्षेत्र या निर्वाचक गण बदलने, विधानसभा की सूची में नाम रहने के बावजूद प्रभाग की सूची में नाम नहीं रहने आदि को लेकर दुरुस्तीयां की जाएंगी.

* आयोग के पास भी शिकायते दर्ज
जिला परिषद, पंचायत समिति, नगर पालिका व नगर पंचायत के चुनाव हेतु आधारभूत रहनेवाली 1 जुलाई की विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची सदोष रहने की बात सभी प्रमुख विपक्षी दलों द्वारा कही गई है. जिसे लेकर गत रोज ही कांग्रेस, राकांपा (शरद पवार), शिवसेना उबाठा व मनसे सहित अन्य विपक्षी दलों के प्रतिनिधि मंडल ने राज्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश वाघमारे से भेंट की और मतदाता सूचियों में रहनेवाली त्रुटियों को दूर करते हुए निर्वाचन प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शक बनाने हेतु निवेदन दिया.

* मतदाता सूची की दुरुस्ती का काम शुरु
मतदाता सूचियों में से कुछ नामों अथवा गांवों से गायब होने की बात नई मतदाता सूची तैयार करते समय अक्सर ही होती है. इसे गलती नहीं कहा जा सकता. विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची को विभाजित करते समय महानगर पालिका, नगर पालिका व नगर पंचायत के क्षेत्रों को अलग करना पडता है. चूंकि कई गांव अब ग्राम पंचायत क्षेत्र की बजाए नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्रो में शामिल हो गए है, तो इसका भी अवलोकन करना पडता है. इसे राजस्व महकमे की क्लरीकल चूक नहीं बल्कि नजरचूक कहा जा सकता है, जिसे दुरुस्त करने का काम शुरु कर दिया गया है.
– ज्ञानेश्वर घ्यार
उपजिलाधीश (निर्वाचन)

* अब चुनाव की तारीखों की प्रतीक्षा
अमरावती जिला परिषद में 59 निर्वाचन क्षेत्र है. वहीं जिले की 14 पंचायत समिति के निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या 118 है. इन सभी निर्वाचन क्षेत्रों की रचना इससे पहले ही घोषित हो चुकी है और निर्वाचन क्षेत्रों के आरक्षण का ड्रॉ भी निकाला जा चुका है. साथ ही इस समय मतदाता सूची को लेकर प्रक्रिया चल रही है, जो 27 अक्तूबर को पूरी होगी. वहीं अब केवल चुनाव की तारीखों को लेकर घोषणा होना बाकी है और आगामी समय में इसका भी खुलासा हो जाएगा. जिसे लेकर बडी बेसब्री के साथ इंतजार किया जा रहा है.

* पालिका आरक्षण के ड्रॉ पर भी 9 आपत्तियां
जहां एक ओर जिला परिषद व पंचायत समिति की मतदाता सूचियों को लेकर जिलेभर से 7 आक्षेप दायर हुए है, वहीं 10 नगर परिषदों व 2 नगर पंचायतों के लिए विगत 8 अक्तूबर को निकाले गए प्रभागनिहाय आरक्षण के ड्रॉ को लेकर 14 अक्तूबर की अंतिम तिथि तक 9 आपत्तियों व आक्षेप दर्ज हुए. जिसमें अचलपुर से सर्वाधिक 5 तथा दर्यापुर से 2 और नांदगांव खंडेश्वर व धारणी तहसील से 1-1 आपत्ति व आक्षेप दर्ज हुए है. इन सभी आपत्तियों व आक्षेपों पर अब तहसील स्तर पर सुनवाई होगी.

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