मोर्शी में केवाईसी के नाम पर 3 महिला के साथ 1.33 लाख रुपए की जालसाजी

मोर्शी/दि.16 – ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ऋण लेने की प्रथा बढ़ती जा रही है. इसी का फायदा उठाकर कुछ स्वार्थी लोग महिलाओं को आर्थिक रूप से ठगने में लगे हैं. ऐसा ही एक ताजा मामला मोर्शी शहर में सामने आया है. एक वित्तीय कंपनी (फाइनेंस कंपनी) की युवती ने तीन महिलाओं को केवाईसी करवाने का बहाना बनाकर उनके अंगूठे के निशान और हस्ताक्षर लिए, और उनके नाम पर कुल 1 लाख 33 हजार रुपये का कर्ज निकाल लिया. इस संबंध में पीड़ित महिलाओं ने मोर्शी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है.
इस संदर्भ में दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक वार्ड क्रमांक 14 की सुनीता हटवार पिछले दस वर्षों से दुग्ध व्यवसाय के लिए फाइनेंस कंपनी से भैंस खरीदने हेतु कई बार कर्ज ले चुकी थीं. 4 जून 2025 को उन्होंने 73,514 रुपये का कर्ज लिया था, जिसका वे नियमित रूप से हर हफ्ते 920 रुपये की किस्त चुकाती थीं. एक युवती नियमित रूप से उनके घर आकर किस्त की राशि वसूल करती और कंपनी में जमा करती थी. इसी बीच 19 फरवरी 2025 को उस युवती ने सुनीता हटवार को यह कहकर कार्यालय बुलाया कि केवाईसी अपडेट करनी है. वहां उसने उनका अंगूठा और रजिस्टर पर हस्ताक्षर लिए. कुछ दिनों बाद जब वसूली अधिकारी उनके पास आए तो उन्होंने बताया कि उनके नाम पर 48,236 रुपये का नया कर्ज बकाया है और 600 रुपये की किस्त बाकी है. सुनीता ने जब कहा कि उन्होंने ऐसा कोई कर्ज लिया ही नहीं, तो वसूली अधिकारी ने उनके अंगूठे के निशान और हस्ताक्षर दिखाए. इससे सुनीता को समझ में आया कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है.
यही नहीं, इसी तरह की ठगी सिमरन परवीन शेख जमीर (35,000) और वंदना मारोतराव समरीत (48,000) के साथ भी हुई है. तीनों महिलाओं सुनीता हटवार, सिमरन शेख और वंदना समरीत ने मोर्शी पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत देकर न्याय की मांग की है. बताया जा रहा है कि इस ठगी में संबंधित युवती के साथ कंपनी का एक कर्मचारी भी शामिल हो सकता है. पुलिस ने उसे पूछताछ के लिए थाने में बुलाया है. पुलिस का कहना है कि यदि मामले की गहन जांच की गई तो और भी महिलाओं के साथ हुई जालसाजी के मामले सामने आ सकते हैं.





