‘अमरावती मंडल’ का दीपोत्सव विशेषांक प्रकाशित
रविवार 19 अक्तूबर से सभी स्टॉल पर विक्री हेतु होगा उपलब्ध

* एक से बढकर एक साहित्यिक रचनाओं का है विशेषांक में समावेश
* 210 पन्नों वाला बहुरंगी विशेषांक बना है बेहद आकर्षक
* 27 वर्षों से चली आ रही मंडल के दीपोत्सव विशेषांक की परंपरा
अमरावती/दि.17 – पश्चिम विदर्भ क्षेत्र के अग्रणी हिंदी दैनिक ‘अमरावती मंडल’ द्वारा विगत ढाई दशकों से लगातार दीपावली पर्व के निमित्य दीपोत्सव विशेषांक का प्रकाशन किया जा रहा है. जिसका निर्वहन करते हुए दैनिक ‘अमरावती मंडल’ ने इस वर्ष भी देश केे विभिन्न क्षेत्रों से वास्ता रखनेवाले प्रतिष्ठित कवियों व लेखकों के साथ-साथ नवोदित हस्ताक्षरों की ओर से प्राप्त एक से बढकर एक साहित्यिक रचनाओं का समावेश करते हुए दीपोत्सव विशेषांक प्रकाशित किया है, जो पूरी तरह से बनकर तैयार है और इस विशेषांक को आगामी रविवार 19 अक्तूबर से सभी बुक स्टॉल पर विक्री हेतु उपलब्ध करा दिया जाएगा. 210 पन्नों वाला ‘अमरावती मंडल’ का दीपोत्सव विशेषांक-2025 बहुरंगी कलेवर के साथ बेहद आकर्षक बन पडा है. जो साहित्य प्रेमी पाठकों को निश्चित तौर पर पठन संस्कृति के संदर्भ में सुखद अनुभूती का एहसास कराएगा.
बता दें कि, वर्ष 1994 में 29 जून से प्रकाशन प्रारंभ होनेवाले दैनिक अमरावती मंडल के संपादन व प्रबंधन मंडल ने अपनी यात्रा के शुरुआती वर्षों के दौरान ही यह तय किया था कि, पत्रकारिता के नियमित दायित्वों को पूरा करने तथा रोजाना दिनभर के दौरान घटित तमाम तरह की छोटी-बडी घटनाओं की खबरों को संकलित व संपादित करते हुए पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करने के साथ-साथ हिंदी साहित्य के प्रति भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जाए तथा साहित्यकारों को दैनिक ‘अमरावती मंडल’ के जरिए एक सशक्त मंच व माध्यम उपलब्ध कराया जाए, इस सोच के तहत दैनिक ‘अमरावती मंडल’ ने करीब ढाई दशक पहले सीमित संसाधनों के बावजूद दीपोत्सव विशेषांक प्रकाशित करने जैसा ‘शिव धनुष्य’ उठाने वाला निर्णय लिया था. जिसे विगत ढाई वषोर्र्ं के दौरान देशभर के साहित्यकारों सहित साहित्य प्रेमी पाठकों की ओर से जबरदस्त प्रतिसाद भी मिला. विशेष उल्लेखनीय यह भी रहा कि, दैनिक ‘अमरावती मंडल’ के दीपोत्सव विशेषांकों को कई साहित्यिक मंचों पर सराहना भी प्राप्त हुई. साथ ही साथ दैनिक अमरावती मंडल के कई दीपोत्सव विशेषांक विभिन्न स्तरों पर पुरस्कृत भी हुए. इन सबके साथ ही सबसे बडी बात यह भी रही कि, जिस तरह अमरावती शहर व जिले सहित संभाग के पाठकों को रोजाना शाम ‘अमरावती मंडल’ का अंक मिलने की बडी बेसब्री के साथ प्रतीक्षा रहती है और ‘अमरावती मंडल’ अब प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की जरुरत व आदत बन गया है. ठीक उसी तरह ‘अमरावती मंडल’ के दीपोत्सव विशेषांक की भी पाठकों को प्रति वर्ष दीपावली का पर्व आते-आते प्रतीक्षा होनी शुरु हो जाती है. जिसे लेकर कई साहित्यकारों व पाठकों द्वारा खुद होकर ‘अमरावती मंडल’ से संपर्क साधते हुए जानकारी प्राप्त की जाती है.
विगत ढाई दशकों से चली आ रही इसी श्रृंखला को आगे बढाते हुए दैनिक ‘अमरावती मंडल’ ने इस वर्ष भी अपने पाठकों की रुचि व पसंद को ध्यान में रखते हुए देशभर के विभिन्न इलाकों से वास्ता रखनेवाले लेखकों, कवियों, व्यंग्यकारों व कहानीकारों की ओर से भेजी गई एक से बढकर एक रचनाओं का समावेश करते हुए दीपोत्सव विशेषांक-2025 को तैयार किया है. जिसका प्रकाशन संबंधि काम पूरा हो चुका है और बहुरंगी कलेवर के साथ 210 पन्नों वाला यह विशेषांक बेहद सुंदर व आकर्षक भी बना है. साथ ही अब इस विशेषांक को आगामी रविवार 19 अक्तूबर से सभी बुक स्टॉल पर विक्री हेतु उपलब्ध करा दिया जाएगा.
* इन हस्ताक्षरों की रचनाओं का है समावेश
दैनिक ‘अमरावती मंडल’ द्वारा इस वर्ष प्रकाशित दीपोत्सव विशेषांक में देश के अलग-अलग राज्यों से वास्ता रखनेवाले जिन लेखकों, कथाकारों, कवियों व हास्य-व्यंग्य रचनाकारों का समावेश किया गया है. उनमें डॉ. प्रियंका सौरभ, चंद्रकांता शर्मा, अमरपालसिंह वर्मा, डॉ. लोकेंद्रसिंह कोट, आशीष दशोत्तर, इंदू सिन्हा, भगवान वैद्य ‘प्रखर’, संतोष मोहन्ती दीप, रंगनाथ द्विवेदी, रामसजीवन दुबे, डॉ. रंजना जयस्वाल, राजेंद्रकुमार सिंह, प्रमोद भार्गव, सिराज फारुकी, महेश केसरी, अ. रज्जाक दिल, पुरन सरमा, गोविंद सेन, राजेंद्र निशेष, राजीव नामदेव, सोनाली करमरकर, हरीराम बाजपेयी, डॉ. सुरेश मिश्रा, प्रमोद तिवारी, मनोहरसिंह चौहान, कृष्णचंद्र महादेवीया, लालबहादुर श्रीवास्तव, अशोक अंजूम, डॉ. भूपेंद्र सोनी, अशोक आनंद, रंजना ठाकुर व रमेशचंद्र भट जैसे एक से बढकर एक हस्ताक्षर शामिल है. खास बात यह है कि, इसमें से कई रचनाकार दैनिक ‘अमरावती मंडल’ द्वारा दीपोत्सव विशेषांक की परंपरा शुरु किए जाने के समय से ही अमरावती मंडल के साथ जुडे हुए है और ढाई दशक पहले जिन नवोदित हस्ताक्षरों को अमरावती मंडल ने अपने विशेषांकों में शामिल करना शुरु किया था, उसमें से कई हस्ताक्षरों का आज देश के प्रतिष्ठित हस्ताक्षरों में समावेश हो गया है, यह भी दीपोत्सव विशेषांक की परंपरा को लेकर चलनेवाले दैनिक अमरावती मंडल की सफलता है.





