‘उस’ थार का पंजीयन अमरावती में, रॉयल्टी वसूली के लिए कौन कर रहा प्रयोग
पुलिस और आरटीओ द्वारा कब दिया जाएगा ध्यान

अमरावती /दि.19 – मध्य प्रदेश की कन्हान नदी के पात्र से बडे पैमाने पर अमरावती में रेत की अवैध ढुलाई का काम हो रहा है. जिसमें रेत तस्करों से रॉयल्टी वसूली हेतु काले रंग के थार वाहन का प्रयोग किया जा रहा है. केंद्रस्तरिय बीएच सीरिज के इस वाहन को बिना दिक्कत एक राज्य से दूसरे राज्य में आने-जाने हेतु आरटीओ द्वारा लाइसेंस दिया गया है. जो मूलत: अमरावती आरटीओ के जरिए पंजीकृत हुआ है. ऐसे में अब यह सवाल जोर पकड रहा है कि, आखिर इस वाहन की आरटीओ व पुलिस द्वारा जांच-पडताल कब की जाएगी.
बता दें कि, इन दिनों अमरावती रेत तस्करी का मुख्य केंद्र बन गया है और यहां पर रोजाना रेत तस्करी के जरिए लाखों रुपयों का व्यवसाय भी होता है. मध्य प्रदेश की कन्हान नदी से अमरावती सहित परतवाडा, चांदुर बाजार, तिवसा, चांदुर रेलवे व धामणगांव रेलवे में रोजाना 100 से 150 डंपरों व बडे-बडे ट्रकों के जरिए अवैध रुप से रेती की ढुलाई की जाती है. परंतु राज्य की सीमा पर स्थित चेक पोस्ट से होकर गुजरते हुए वाहनों के जरिए क्षमता से अधिक रेत की ढुलाई करने के बावजूद एक भी रेत तस्कर पर कार्रवाई का नहीं होना, अपने-आप में चिंता का विषय है. रेत की अवैध ढुलाई के मामले को लेकर राजस्व, पुलिस व आरटीओ जैसे महकमे जिम्मेदार है, यह सभी को पता है. जिला प्रशासन द्वारा झिरो रॉयल्टी बंद कर दिए जाने के बावजूद रेत की अवैध ढुलाई जमकर चल रही है. जिसे रोकने की चुनौती प्रशासन के सामने बनी हुई है.
* ‘उस’ वाहन को कब खोजा जाएगा
मध्य प्रदेश के कन्हान नदी स्थित रेती घाट से अमरावती के बीच हमेशा ही यात्रा करनेवाला बीएच सीरिज का वाहन क्रमांक 23-बीएच/4061-एफ वाहन अमरावती में पंजीकृत रहने की जानकारी आरटीओ कार्यालय से दी गई. परंतु केंद्रस्तरिय बीएच सीरिज का यह वाहन रेती रॉयल्टी के काम हेतु प्रयुक्त होने की जानकारी सामने आई है.
* रातभर दौडती रहती है काले रंग की थार
रेत तस्करी का काम रात के समय ही चलता है और जैसे ही राजस्व, पुलिस व आरटीओ के अधिकारी सो जाते है, वैसे ही रात 1 से तडके 5 बजे तक रेत तस्करों का नेटवर्क सक्रिय हो जाता है. रेत तस्करी के जरिए प्रशासन को मिलनेवाली रकम दलालों के मार्फत संबंधित अधिकारियों तक पहुंचानेवाली टीम काम करती है. परंतु इसके बावजूद विगत कुछ महिनों से कन्हान के रेती घाट से लेकर अमरावती के बीच रात-रात भर गश्त लगानेवाला वाहन किसी भी पुलिस अथवा आरटीओ के अधिकारी को दिखाई नहीं दिया, यह अपने-आप में हैरतवाली बात है.





