विद्यार्थियों, सोशल मीडिया के चक्कर में मत पडो!

पुलिस विभाग के अधिकारियों ने किया मार्गदर्शन

* साइबर जागरूकता अभियान
* ग्रामीण पुलिस द्वारा स्कूलों और कॉलेजों में कार्यशालाएं
अमरावती/दि.19 – गृह मंत्रालय और आय 4 सी के नेतृत्व में, अक्टूबर 2025 को साइबर जागरूकता माह के रूप में मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य नागरिकों को साइबर स्वच्छता, धोखाधड़ी की रोकथाम और सुरक्षित डिजिटल प्रथाओं के बारे में तकनीकी और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है. इस पहल के तहत, स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों में कार्यशालाएं आयोजित करके व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी के बारे में साइबर जागरूकता पैदा की जा रही है. इसी कड़ी में, पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद के मार्गदर्शन में साइबर पुलिस स्टेशन के अधिकारी और कर्मचारियों ने वरुड, मोर्शी, कुर्‍हा, चांदूर रेलवे, लोणी और तिवसा में स्कूलों और कॉलेजों में साइबर जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित की गईं. इसमें डिजिटल अटॅक फ्रॉड, शेयर मार्केट फ्रॉड, टास्क फ्रॉड, ऑनलाइन जॉब कन्सल्टंसी और सोशल मीडिया पर होने वाले अन्य अपराध और उनकी रोकथाम शामिल हैं.
इस समय सुधारात्मक उपायों के बारे में जानकारी दी गई. कार्यशालाएं तालुका स्तर पर और ग्रामीण पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के अन्य स्कूलों और कॉलेजों में भी आयोजित की जाएंगी. साइबर पुलिस स्टेशन के अधीक्षक अजीत कुमार राठोड और उनके अधिकारियों की टीम साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों का दौरा कर रही है.
* अजनबियों से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें
अजनबियों के फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें, अपनी निजी जानकारी, फोटो और अन्य चीजें सोशल मीडिया पर प्रसारित या साझा न करें. ऑनलाइन मिलने वाले लोगों पर पूरी तरह भरोसा न करें. सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते समय किसी की धार्मिक या जातीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले टेक्स्ट, वीडियो क्लिप, अश्लील फोटो पोस्ट या फॉरवर्ड न करें. डिजिटल अरेस्ट का शिकार न बनें, टास्क फ्रॉड एक ऑनलाइन धोखाधड़ी है, जहाँ स्कैमर्स आपको घर बैठे व्हाट्सएप, टेलीग्राम या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आसान काम करने के बदले मोटी कमाई का लालच देते हैं. इसके झांसे में न आएं, ऐसी अपील शहर पुलिस आयुक्तालय के साइबर पुलिस ने की है.

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