दिवाली में मिलावट पर ‘एफडीए’ की नजर

राज्य से 2 करोड रुपए का खाद्य पदार्थ जब्त

* खवा, गाय का घी, खाद्य तेल, दुध, पनीर, बटर, भगर में पाई गई मिलावट
हिंगोली /दि.20 -खाद्य पदार्थ में होनेवाली मिलावट रोकने के लिए अन्न व औषध प्रशासन की तरफ से राज्य में अभियान चलाया जा रहा है. मिलावटी पदार्थ का 2 करोड रुपए का माल जब्त किए जाने की जानकारी इस विभाग ने दी है.
दिवाली का पर्व शुरू हो गया है. इस अवधी में खाद्य पदार्थ में मिलावट करने की संभावना रहती है. यह बात ध्यान में रख अन्न और औषध प्रशासन की तरफ से राज्य में विशेष जांच अभियान चलाया गया. इस अभियान में 353 अन्न आस्थापना की जांच की गई. इसमें से 196 आस्थापनाओं को सुधार की नोटीस दी गई है. इस अभियान में 1 करोड 97 लाख 93 हजार 42 रुपए मूल्य का मिलावटी माल जब्त किया गया है.

* शुध्दता बाबत जागरूकता
खाद्य पदार्थों में मिलावट नागरिकों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है. इसलिए, खाद्य पदार्थ खरीदते समय निर्माता का नाम, उत्पादन तिथि, ’एफएसएसएआय’ लाइसेंस संख्या और शुद्धता की जांच करना आवश्यक है. प्रशासन ने यह भी बताया कि ’त्योहार सुरक्षा’ का असली संकल्प उपभोक्ताओं को शुद्धता के प्रति जागरूक करना है.

* प्रयोगशाला में 54 नमूने
– निरीक्षण के दौरान, त्यौहारी सीजन में व्यापक रूप से खपत होने वाले खावा, मीठा मावा, गाय का घी, खाद्य तेल, दूध, पनीर, मक्खन, वनस्पति घी और भगवार जैसे खाद्य पदार्थों के 654 नमूने विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए.
– इनमें से 216 नमूनों की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है, 190 नमूने मानक गुणवत्ता के पाए गए, 5 निम्न गुणवत्ता के पाए गए, 8 नकली पाए गए तथा 13 असुरक्षित पाए गए.

* संदेह होने पर करें शिकायत
यदि नागरिकों को त्यौहारों के मौसम के दौरान खाद्य पदार्थों में मिलावट के बारे में कोई संदेह है, तो उन्हें टोल-फ्री नंबर 1800222365 पर संपर्क करना चाहिए या निकटतम खाद्य एवं औषधि प्रशासन कार्यालय में शिकायत दर्ज करनी चाहिए.
– सुरेश अन्नपुरे, संयुक्त आयुक्त, खाद्य एवं औषधि प्रशासन.

* अभियान के तहत कारवाई
खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री नरहरि जिरवाल के मार्गदर्शन में ’पर्व महाराष्ट्र का संकल्प अन्न सुरक्षा’ अभियान के तहत पूरे राज्य में यह निरीक्षण अभियान चलाया गया. खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने स्पष्ट किया कि त्यौहारो के मौसम के दौरान बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया गया.

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