अब तैयारी लक्ष्मीपूजन की
गेंदे की बहुतायत, रेट गिरे

* शहरवासियों का फायदा
* किसानों को कम मिले रेट , रो पडे कई
अमरावती/दि.20 – किसानों को पहले प्रकृति ने मारा और अब मार्केट का ढर्रा उनका भट्टा बैठा रहा है. फूलों का उत्पादन करनेवाले किसानों के लिए भी यह दिवाली अच्छी नहीं कह सकते. पिछले दो दिनों से जारी गेंदे की भरपूर आवक के कारण रेट इतने गिर गये कि उनके माल लाने का भाडा भी वसूल नहीं हो पाया. अमरावती मंडल को फूल मार्केट के सूत्रों ने बताया कि आज सबेरे माल मिट्टी मोल बेचते हुए कई किसानों की आंखों में आंसू आ गये थे. कई ने अपना माल व्यापारियों के भरोसे छोड वे मार्केट से बाहर रूआंसे होकर चले गये थे.
भरपूर आवक, 300 से अधिक गाडियां
फूल मार्केट के होलसेलर्स ने अमरावती मंडल से चर्चा मेें बताया कि गेंदा की दशहरा दिवाली पर डिमांड रहती है. ऐसे में इस दिवाली अन्य फसलों से निराश हुए किसानों को गेंदे से आशाएं थी. किंतु अमरावती में लगातार 10, 15, 20 क्विंटल दोनाेंं किस्म का गेंदा लेकर आ रही गाडियों की भरमार रही. एक ही रात में 300 से अधिक वाहन यहां फूल मंडी पहुंचे थे. जिसके कारण अधिक सप्लाई, कम रेट का अर्थशास्त्र का फार्मूला फूलों पर लागू हो गया.
10, 20 और 30 रूपए किलो
गेंंदा केसरी और पीले कलर में आता है. फूल की साइज पर मार्केट में रेट तय होते हैं. ऐसे में टनों माल लदी सैकडों गाडियां हिंगोलीा, वाशिम, रिसोड और अमरावती जिले के सभी तरफ से जब यहां फूल मंडी पहुंचने लगी तो रेट गिरते चले गये. 10 और 20 रूपए किलो में फूल उत्पादकों को अपना माल व्यापारियों के हवाले कर वापसी की राह लेनी पडी. फलस्वरूप कई किसान निराश हो गये थे. सूत्रों की माने तो फूल मंडी में ही रोने लगे थे. उनका वाहन का किराया भी वसूल नहीं हो पाया था.
दो माह का समय, भरपूर उत्पादन
जानकारों ने अमरावती मंडल को बताया कि 60 दिनों में गेंदे का पौधा पनप जाता है और फूल आने लगते हैं. पानी की मात्रा भी कम लगती है. ऐसे में किसानों का रूझान बढने लगा था. इसीलिए मार्केट में डिमांड तो भरपूर है. किंतु एक साथ काफी प्रमाण में माल आ जाने से अपेक्षित रेट फूल उत्पादकों को नहीं मिल पाए.
डीप फ्रीजर, कोल्ड स्टोरेज चाहिए
फल और फूल लंबे समय तक ताजा रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता होती है. उसकी कमी समस्त पश्चिम विदर्भ में देखी जा रही है. डीप फ्रीजर रहने पर भी उसकी क्षमता सीमित हो जाती है. कोल्ड स्टोरेज ही किसानों को अपेक्षित दाम दिलाने में सहायक रह सकते हैं. वाशिम जिले के लिए कोल्ड स्टोरेज की सरकारी योजनाएं एमआयडीसी और उद्योग केन्द्र के माध्यम से उपलब्ध हैं. जिनका किसानों को लाभ लेना चाहिए.
अन्य फूलों की डिमांड, अच्छे दाम
थोक विक्रेता पंकज बिजवे ने बताया कि शेवंती और गुलाब सहित अन्य फूलों की दिवाली के अवसर पर भरपूर डिमांड देखी गई. शेवंती 250 रूपए किलो तो गुलाब 500 रूपए किलो तक थोक में बेचे गये. जिससे गुलाब उत्पादकों के चेहरे गुलाबी हो गये थे. वहीं वंदनवार बनाने के लिए आवश्यक आयटम्स की खरीदी खास से लेकर आम लोगों ने जमकर की.
खूब बने वंदनवार
गेंदे के सस्ते होेने से एक ही समय दोनों चित्र बाजार में दिखाई दिए. सस्ता गेंदा किलो के रेट पर सामान्य लोगों ने भी खूब खरीदा. शहर के प्रत्येक एरिया में दर्जनभर से अधिक दुकाने गेंदे की सजी थी. जिससे घरों, प्रतिष्ठानों, दुकानोें को गेंदे की वंदनवार से चाव से सजाने की होड मची थी. महिलाओं ने फूलों की रंगोली भी घर आंगन में रूचिपूर्ण सजाई.





