आत्महत्या करने की बजाए किसी विधायक को काट डालो

पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने दिया सनसनीखेज बयान

* बच्चू के बयान को लेकर गरमाई राजनीति
बुलढाणा/दि.20 – प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता व पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू ने बुलढाणा जिले के पातूर्डा गांव में आयोजित राज्यव्यापी किसान अधिकार परिषद में अपने संबोधन के दौरान किसानों से आवाहन किया कि, किसानों ने खुद आत्महत्या करने की बजाए किसी विधायक को काट डालना चाहिए. अगर राज्य में रोज 12 से 13 किसानों द्वारा आत्महत्याएं की जा रही है और इसके बावजूद सरकार की नींद नहीं खुल रही है, तो ऐसे में एक-दो विधायकों को काट डालने में कोई हरकत नहीं है.
पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि, ऐन दीपावली वाले दिन हम सभी को अपने दुखों व समस्याओं के बारे में परिषद लेनी पड रही है, चूंकि हम सभी ने विचारों की लडाई छोडकर जाति व धर्म की लडाई करनी शुरु कर दी है. जिसके चलते आज किसान पीछे रह गए. ऐसे में जाति-धर्म व रंगों की लडाई छोडकर हम सभी को किसानों के तौर पर एकजुट होना होगा और अपने अधिकारों के लिए सरकार से संघर्ष करना होगा. जिसके लिए जरुरत पडने पर खुद आत्महत्या करने की बजाए किसी विधायक को काट डालना चाहिए.
* औरंगजेब मुफ्त में बदनाम, संभाजी महाराज को अपनों ने ही मारा
किसी विधायक को काट डालने का सनसनीखेज बयान देनेवाले पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने इसी परिषद में यह भी कहा कि, वतनदारी बंद किए जाने की वजह से छत्रपति संभाजी महाराज की हत्या खुद उनके ससुर ने करवाई थी और इसे लेकर बादशाह औरंगजेब का नाम बिना वजह व मुफ्त में बदनाम हो गया है. बच्चू कडू ने कहा कि, छत्रपति संभाजी महाराज के समय स्वराज्य में वतनदारी पद्धति को बंद किया गया था. क्योंकि इस वतनदारी के जरिए ही निजामशाही व आदिलशाही का काम चला करता था. जिस गांव में जिस जातिवालों की स्थिति मजबूत हुआ करती थी, उसी जाति का कोई व्यक्ति वतनदार हुआ करता था. जो आस-पास के 20 गांवों को लूटा करता था. उस समय यदि खेत में 4 क्विंटल कपास की पैदावार होती थी, तो उसमें से 2 क्विंटल कपास वतनदार के हवाले करनी पडती थी और ऐसा नहीं करने पर वतनदार द्वारा घर की महिलाओं व बच्चियों को उठा लिया जाता था. ये वतनदार पाटिल, देशमुख, कुलकर्णी व देशपांडे जैसे हमारे अपने लोग ही हुआ करते थे. ऐसे में छत्रपति संभाजी महाराज ने इस वतनदारी पद्धति को ही बंद कर दिया था. जिससे नाराज होकर वतनदारी का काम संभालनेवाले छत्रपति संभाजी महाराज के ससुरालवालों ने ही उनकी हत्या करवाई थी. परंतु इसके लिए मुगल बादशाह औरंगजेब का नाम मुफ्त में बदनाम हो गया. बच्चू कडू के इस बयान और दावे को लेकर भी अब नया विवाद पैदा होने की पूरी संभावना है.
* भाजपावालों की कितनी लडकियों ने किया मुस्लिमों से विवाह
लव-जिहाद को लेकर भाजपा नेत्री साध्वी प्रज्ञा सिंह द्वारा दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बच्चू कडू ने कहा कि, भाजपा के कितने नेताओं के बेटियों ने मुस्लिमों के साथ विवाह किया है, इसे भी देखा जाना चाहिए और उन लडकियों को दोषी ठहराने की बजाए उनके माता-पिता को ही दोषी ठहराना चाहिए. बच्चू कडू के मुताबिक भाजपा के नेताओं द्वारा इस तरह के बयान जारी करते हुए समाज में तनाव निर्माण करने का काम किया जाता है. यदि कोई युवती अपनी इच्छा से किसी अन्य धर्म के युवक के साथ विवाह करती है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है. क्योंकि प्रेम कभी भी जाति व धर्म देखकर नहीं किया जाता. साथ ही ऐसी घटनाओं को लेकर हात-पैर तोडने की भाषा का प्रयोग करना हिंदू धर्म नहीं है. क्योंकि हिंदू धर्म में ऐसी बातों के लिए कोई स्थान नहीं है.
* मुझे भी किसानों ने ही हराया
अपने संबोधन में पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, दिवंगत किसान नेता शरद जोशी ने किसानों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था. उनकी जाति क्या थी? यह महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन वे खुद खेती-किसानी करते थे, यह ज्यादा जरुरी है. परंतु अंत में किसान नेता शरद जोशी का सबकुछ बर्बाद हो गया. उनकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली और शरद जोशी को हिंगणघाट में किसानों ने ही चुनाव में पराजित किया. ठीक उसी तरह खुद उन्हें भी अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र में किसानों ने ही पराजित किया और किसी जमाने में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को भी किसानों ने ही वोट नहीं दिए थे.
* राजनेताओं ने किया बच्चू के बयानों का निषेध
पूर्व मंत्री बच्चू कडू द्वारा दिए गए इस बयान पर अब राजनीतिक क्षेत्र से ही तीव्र प्रतिक्रिया उमटने लगी है तथा शरद पवार गुट वाले राकांपा के विधायक रोहित पवार, भाजपा विधायक प्रवीण दरेकर और राज्य के कृषिमंत्री दत्तात्रय भरणे सहित कई नेताओं ने पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू के बयान पर अपनी नाराजगी जताते हुए उनके इस बयान का निषेध किया है.
भाजपा विधायक प्रवीण दरेकर ने कहा कि, बच्चू कडू जैसे नेता से इस तरह के बचकाने बयानों की उम्मीद नहीं की जा सकती. बच्चू कडू ने सामाजिक कामों की ओर ध्यान देना चाहिए अन्यथा उनका नाम विवाद व तनाव पैदा करनेवाले लोगों में गिना जाएगा. साथ ही हम उम्मीद करते है कि, ‘काट दो, मार दो’ जैसे प्रकार उनके साथ न हो.

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