बिल 12.50 करोड के, निधि आई 3.63 करोड
भुगतान करते समय आएंगी दिक्कते

* जलजीवन मिशन के कामों को राज्य की निधि प्राप्त
* केंद्र के हिस्से की प्रतिक्षा
अमरावती /दि.22 – प्रलंबित बिलो की भारी शिकायते आने के बाद आखिरकार दिवाली के मुहाने पर जलजीवन मिशन के जलापूर्ति योजनाओ के किए गए कामो के लिए बिलो के बदले राज्य शासन के हिस्से वाली निधि प्राप्त हुई हेै. जिले में जलजीवन मिशन के लगभग 12 करोड 50 लाख 2 हजार रूपए के बीच प्रलंबित होने के चलते शासन की ओर से केवल 3.63 करोड की निधि मिली हैं. ऐसे में बिल अधिक और निधि कम इसके कारण बिलो का भुकतान कैसे किया जाए ऐसा प्रश्न जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के समक्ष निर्माण हो रहा हैं. दूसरी ओर निधि प्राप्त होने के कारण विभाग में ठेकेदारो के बिल निकाल ने की गडबड बढ गई हैं.
गत आर्थिक वर्ष में केंद्र व राज्य शासन का हिस्सा मिलाकर 13 करोड रूपए जलजीवन मिशन के कामों के लिए मिले थे. निधि प्राप्त नहीं होने के कारण ठेकेदारो ने जलजीवन मिशन के काम बंद करते हुए आंदोलन भी किए. बिल प्रलंबित रहने के कारण ठेकेदारोे ने आत्मदहन आंदोलन करने की चेतावनी देकर शासन का ध्यान आकर्षित किया था. जलजीवन मिशन के लिए केंद्र सरकार ने कितनी निधि दी व राज्य शासन ने कितनी निधि दी. इस का तालमेल ही नहीं बेैठने के कारण यहं निधि प्रलंबित रहने की चर्चा थी. ऐसा होते हुए भी राज्य सरकार ने जलजीवन मिशन की जलापूर्ति योजनाओं के लिए 1600 करोड की निधि ट्रान्सफर की हैं. इसमें जिला परिषद को केवल 3 करोड 63 लाख की निधि ही प्राप्त हुई जिसके कारण बिल चुकाते समय जलापूर्ति विभाग को दिक्कते आएंगी.
12.50 करोड के बिल प्रलंबित
जलजीवन मिशन का राज्य सरकार का हिस्सा मिल चुका हैं. किंतु केंद्र सरकार की निधि अभी तक भी प्राप्त नहीें हुई हैें. इसमें केंद्र व राज्य सरकार के हिस्सो के अनुसार लगभग 12 करोड 50 लाख के बिल प्रलंबित रहने के चलतें केवल 3.63 करोड की राशि प्राप्त हुई हैं. यह अत्यल्प निधि प्राप्त होने के कारण ठेकेदारो मे रोष व्याप्त हैं.
*बिलो का भुगतान कैसे किया जाए?
जलजीवन के मिशन के कामोें के 12.50 लाख के बिल प्रलंबित है. तथा इसके बदले केवल 3 करोड 63 लाख रूपए की निधि ही प्राप्त हुई है. गत समय संंतोषजनक निधि प्राप्त होने के कारण ठेकेदारो को बिल देने के लिए कोई अडचन नहीें थी. किंतु इस बार निधि की मांग की तुलना में केवल 3.63 करोड की ही निधि प्राप्त होने के कारण बिलो का भुगतान कैसे किया जाए यह प्रश्न निर्माण हुआ हैं. केंद्र सरकार का हिस्सा जल्द से जल्द मिले ऐसी मांग की जा रहीें हैं.





