जानवरों से इंसानों में हो सकता है मंकीपॉक्स का संक्रमण

अमरावती /दि.22 – पूरी दुनिया में तेजी से फैल रही मंकीपाक्स यानि एम-पॉक्स नामक बीमारी का राज्य में पहला मरीज धुलिया जिले में पाया गया. जिसके चलते स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. यह बीमारी अपने-आप में बेहद दुर्लभ है. जिसका संक्रमण जानवरों से इंसानों में फैलता है.
* कैसे होता है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स यह वायरस के चलते होनेवाली संसर्गजन्य बीमारी है, जो स्मॉलपॉक्स यानि देवी की बीमारी वाले वायरस के ही परिवार से संबंधित वायरस है, परंतु वह स्मालपॉक्स के बराबर गंभीर व खतरनाक नहीं है. वर्ष 1958 में पहली बार इस वायरस का संक्रमण बंदरों में पाया गया था. जिसके चलते इस वायरस का नाम मंकीपॉक्स यानि एम-पॉक्स पड गया.

* क्या है लक्षण?
इस बीमारी में पहले बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द व थकान जैसी तकलिफे होती है. जिसे बाद शरीर में लिम्फ यानि गठाने बनकर सुजन आने लगती है. यह इस बीमारी की विशेषता है. साथ ही बुखार आने के बाद एक-दो दिन में त्वचा पर फुंसियां भी आने लगती है.

* दुनियाभर में बीमारी का संक्रमण
मंकीपॉक्स का संक्रमण मुख्य तौर पर मध्य व पश्चिम अफ्रिका में पाया जाता है. वहीं वर्ष 2020 के बाद यह बीमारी दुनिया के अन्य कई देशों में भी बडी तेजी के साथ फैली. जिसके चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ ने इसे वैश्विक स्वास्थ्य खतरा घोषित किया.

* बंदर बुखार से अलग बीमारी
खास बात यह है कि, देश के कर्नाटक राज्य में बंदर बुखार नामक बीमारी के लक्षण पाए जाते है, जो फ्लैवी नामक एक अलग वायरस से होती है और वह बीमारी मंकीपॉक्स के संक्रमण से पूरी तरह अलग होती है.

* मरीज को सबसे अलग रखना जरुरी
मंकीपॉक्स के संक्रमण की चपेट में रहनेवाले मरीज सहित संदेहित व्यक्तियों को तत्काल सबसे अलग क्वॉरनटाइन कक्ष में रखना बेहद जरुरी होता है. फुंसियों पर आई पपडियों के झडकर नीचे गिरने तक मरीज को सबसे अलग रखे जाने पर अन्य लोगों के संक्रमित होने का खतरा कम होता है.

* कैसे फैलता है संक्रमण?
संक्रमित व्यक्ति की त्वचा पर रहनेवाली फुंसियों से निकलनेवाले द्रव्य एवं श्वासोच्छास के चलते शरीर से बाहर निकलनेवाले कणों के सीधे संपर्क में आने की वजह से यह संक्रमण फैलता है. साथ ही संक्रमित व्यक्ति द्वारा प्रयोग में लाए गए कपडे, बिस्तर, चादर व अन्य वस्तुओं का स्पर्श करने पर भी इस बीमारी का संक्रमण हो सकता है.

* क्या सतर्कता जरुरी?
बार-बार साबून से हाथ धोना व मास्क का प्रयोग करना जरुरी होता है. इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क में आना टाला जाना चाहिए. साथ ही मृत एवं बीमार प्राणियों विशेषकर चुहें व बंदरों के साथ संपर्क में आना भी टालना चाहिए.

* जिले में कहीं पर भी इस समय मंकीपॉक्स का कोई मरीज नहीं पाया गया है. ऐसे में इस बीमारी को लेकर बिल्कुल भी घबराना नहीं चाहिए, बल्कि सावधानी व सतर्कता बरतते हुए सभी लोगों ने स्वच्छता संबंधी नियमों का पालन करना चाहिए. साथ ही बुखार एवं शरीर पर फुंसी जैसे लक्षण दिखाई देते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क साधना चाहिए, ताकि इस बीमारी पर नियंत्रण हासिल किया जा सके.
– डॉ. सुरेश आसोले
जिला स्वास्थ्य अधिकारी,
जिला परिषद, अमरावती.

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