सेवानिवृत्त शिक्षक अनिल कडू का सेवा कार्य सभी के लिए प्रेरणादायी

सरकारी अस्पताल में ‘एक निवाला मानवता’ का उपक्रम

मोर्शी/दि.22 – दिवाली सिर्फ दीयों और रोशनी का त्योहार नहीं है, बल्कि यह इंसानियत, संवेदनशीलता और दान की रोशनी से दिल को रोशन करने वाला त्योहार है. इस पवित्र मौके पर, 21 अक्टूबर को, सेवा निवृत्त शिक्षक अण्णा ऊर्फ अनिल कडू की संकल्पना ‘एक घास मानवताचा’ उपक्रम को हमेशा की तरह इस साल भी मोर्शी के सरकारी अस्पताल में लागू किया गया. इस अवसर पर फराली चिवडा, केला और नारियल के लड्डू बांटते समय उनके चेहरे पर जो संतोष था, वही उनकी समाज सेवा का असली पुरस्कार है.
इस मौके पर डॉ. श्वेता तट्टे (वंजारी) तथा पीएचसी के कर्मचारियों की मौजूदगी ने भी समाज में मेलजोल और एकता का संदेश दिया. दिवाली के मीठे नाश्ते में अण्णाभाऊ का दिया यह ‘एक निवाला मानवता’ मरीजों के चेहरों पर मुस्कान ले आया और उस पल समाज सेवा के इस दीये की रोशनी सबके दिलों में उतर गई. अखिल महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षक संघ के मोर्शी तहसील अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए उन्होंने शिक्षकों के लिए संघर्ष करने वाले नेता के तौर पर नाम कमाया, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद भी उन्होंने समाज सेवा से मिले ‘जीवनदीप’ को जलाए रखा है. दान सिर्फ देने में नहीं, बल्कि प्यार से दिए गए स्पर्श में होता है… यह अण्णाभाऊ के काम से साफ महसूस होता है. अण्णाभाऊ कडू असल में एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक मूल्य हैं… जो समाज में मानवी भावनाओं को जिंदा रखते हैं. उनकी लगातार समाज सेवा की यात्रा नई पीढी के लिए एक प्रेरणा बन रही है.

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