उनकी तो पत्नी ही उनके अपने संगठन में नहीं
दीपावली पर बच्चू कडू ने फोडा राजनीतिक बम

* राणा दंपति पर जमकर साधा निशाना
अमरावती/दि.22 – दीपावली पर अमरावती में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप व आलोचनाओं की लडी फुटनी शुरु हो गई है. जिसके तहत प्रहार जनशक्ति पार्टी के मुखिया व पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने राजनीतिक बम फोडते हुए युवा स्वाभिमान पार्टी के नेता व विधायक रवि राणा तथा भाजपा नेत्री व पूर्व सांसद नवनीत राणा पर जमकर निशाना साधा है. पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, उद्धव ठाकरे व राज ठाकरे जैसे चचेरे भाईयों के एक साथ आने को लेकर टिप्पणी करनेवाले और बात-बात में दूसरों की हैसियत निकालनेवाले राणा दंपति ने खुद अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए. क्योंकि विधायक रवि राणा की राजनीतिक पार्टी में खुद उनकी पत्नी नवनीत राणा ही शामिल नहीं है. जिन्होंने अपने राजनीतिक फायदे के लिए कभी कांग्रेस व राकांपा का समर्थन हासिल किया था और वे इस समय भाजपा में शामिल होकर अपना राजनीतिक स्वार्थ पूरा कर रही है. ऐसे लोगों ने दूसरों पर राजनीतिक स्वार्थ को लेकर आरोप नहीं लगाने चाहिए. क्योंकि ऐसे लोगों का कोई मानसम्मान या स्वाभिमान नहीं होता.
उल्लेखनीय है कि, राणा दंपति ने गत रोज अपने आवास पर आयोजित दीपावली मिलन कार्यक्रम के दौरान पूर्व सांसद नवनीत राणा सहित विधायक रवि राणा ने प्रहार पार्टी के मुखिया व पूर्व मंत्री बच्चू कडू को लेकर निशाना साधा था. जिस पर पलटवार करते हुए पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने कहा कि, दीपावली वाले दिन लक्ष्मीपूजन और भगवान श्रीराम का स्मरण छोडकर राणा दंपति द्वारा उन्हें याद किया जा रहा था, यह भी अपने-आप में बेहद कमाल वाली बात है. इसके साथ ही बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, राणा दंपति को उपर से देवेंद्र फडणवीस द्वारा जो कार्यक्रम दिया जाता है, उसी कार्यक्रम के मुताबिक राणा दंपति द्वारा डफली बजाते हुए दूसरे नेताओं पर निशाना साधा जाता है. लेकिन राणा दंपति ने यह नहीं भुलना चाहिए कि, उन्होंने किसी समय जिस भाजपा व नरेंद्र मोदी को गालियां देते हुए अपनी राजनीति शुरु की थी, आज उन्हें उसी भाजपा व मोदी का गुणगान भी करना पड रहा है. ऐसे में राणा दंपति ने अपने दायरे में रहना चाहिए. क्योंकि हम अपने दम पर लडनेवाले लोग है और विधायक बनने या अपनी राजनीति चलाने के लिए किसी और की ताकत का सहारा नहीं लेते.
इसके साथ ही पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, एक-एक थैली किराणा बाटने से दिव्यांगों, किसानों व मजदूरों की समस्याएं खत्म नहीं होगी, बल्कि उनके जीवन की समस्याओं को खत्म करने के लिए दूरगामी नीतियां बनानी पडती है. साथ ही साथ पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने यह भी कहा कि, एक बार पूरा हिसाब-किताब करने के लिए आंदोलन होने के बाद आराम से लेकर देखना व सोचना पडेगा. ऐसे में अब बच्चू कडू की इस बात के कई अर्थ निकाले जा रहे है.





