निर्वाचन आयोग के आदेश से पहले ही नप चुनाव की तैयारी

राजनीतिक दलों ने शुरु की मोर्चेबंदी, चुनावी स्थिति का किया जा रहा आकलन

मुंबई/दि.22 – स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने अभी तक कोई आधिकारिक चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया है, लेकिन विभिन्न राजनीतिक दलों ने यह मानकर तैयारी शुरू कर दी है कि सबसे पहले नगरपालिका चुनाव होने वाले हैं. भाजपा समेत कई दलों की बैठकों का सिलसिला लगातार जारी है और वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं को नगरपालिका चुनाव की तैयारी में जुट जाने के लिए कह रहे हैं. भाजपा कार्यकर्ताओं के अनुसार, उन्हें पहले ही बताया गया है कि जिला परिषद चुनाव पहले नहीं होंगे. हालांकि आयोग ने अब तक यह निश्चय नहीं किया है कि पहले नगरपालिका चुनाव होंगे या जिला परिषद के – लेकिन इस निर्णय को लेकर आंतरिक स्तर पर परीक्षण शुरू हो चुका है.
सूत्रों के अनुसार आयोग ने इस विषय पर विभिन्न जिलाधिकारियों से राय मांगना शुरू कर दिया है. हाल की अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण ग्रामीण इलाकों में काफी नुकसान हुआ है. ऐसी स्थिति में वहाँ जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव तुरंत करवाना संभव नहीं है. इसी वजह से आयोग के पास पहले नगरपालिका चुनाव कराने का विकल्प प्राथमिकता में है. चुनाव शेड्यूल जारी करने से पहले मतदाता सूची, आरक्षण निर्धारण आदि जैसी पूर्व-तैयारियाँ नगरपालिका और जिला परिषद – दोनों के लिए एक साथ की जा रही हैं.
* परिणाम एक साथ या अलग-अलग?
अगर नगरपालिका चुनाव पहले होते हैं, तो यह प्रश्न उठेगा कि मतदान के दो दिन बाद तुरंत मतगणना कर परिणाम घोषित किया जाए, या फिर जिला परिषद व महापालिका चुनाव होने के बाद सभी चुनावों के परिणाम एक साथ घोषित किए जाएँ, क्योंकि यदि पहले हुए चुनाव का परिणाम तुरंत घोषित कर दिया गया, तो उसके प्रभाव से अगली चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है, इस पर आपत्ति उठने की संभावना है. इसलिए राज्य चुनाव आयोग इस पर क्या निर्णय लेता है, इस पर सभी की नज़र बनी हुई है.
* नवंबर के पहले सप्ताह में घोषणा संभावित
ऐसा अनुमान है कि नगरपालिका चुनावों की घोषणा नवंबर के पहले सप्ताह में की जाएगी. इसके तुरंत बाद जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव कराए जाएँगे, और अंत में जनवरी के अंतिम सप्ताह तक महापालिका चुनाव होने की संभावना है.
* इस वजह से नप चुनाव पहले कराना लाभदायक
राज्य सरकार द्वारा घोषित बाढ़ राहत पैकेज की मदद प्रभावित किसानों तक पहुँचने में अभी लगभग 20 दिन और लगेंगे. यदि आचार संहिता लगने से पहले यह सहायता पहुँचानी है, तो पहले नगरपालिका चुनाव कराना सत्तारूढ़ महायुती के लिए अधिक लाभकारी होगा. अगर मदद ग्रामीण क्षेत्रों तक पूरी तरह पहुँचने से पहले ही जिला परिषद व पंचायत समिति चुनाव कराए गए, तो ग्रामीण मतदाताओं की नाराजगी का असर महायुती को चुनाव में नुकसान पहुँचा सकता है.

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