दिपावली स्नेह मिलन दिशा-30 का शानदार आयोजन
नागपुर के रेशीम बाग महर्षि व्यास सभागृह मेें डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति व आरएसएस का संयुक्त उपक्रम

* नागपुर के रेशीम बाग महर्षि व्यास सभागृह मेें डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति व आरएसएस का संयुक्त उपक्रम
नागपुर/ दि. 24 – नागपुर के रेशीम बाग स्थित महर्षि व्यास सभागृह में डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सेवा विभाग नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार 22 अक्तूबर को दीपावली स्नेह मिलन दिशा- 30 का आयोजन किया गया था. यह कार्यक्रम 2018 से 2025 तक के दिशा 30 बैच के विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की उपस्थिति में दो सत्रों में सम्पन्न हुआ.
स्वागत समारोह में डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के प्रांत सह-प्रमुख एवं उपाध्यक्ष श्रीधरराव गाडगे, प्रांत सेवा प्रमुख सुनील मेहर, महानगर सेवा प्रमुख हरिनारायण येवले, डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के पदाधिकारीगण, चैतन्य वर्ग के अमोल शेगोकर, विदर्भ प्रांत एवं नागपुर महानगर कार्यकारिणी के सदस्यगण एवं सेवा कार्यकर्ता उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन एवं परिचय हरिनारायण येवले ने किया. विद्यार्थियों ने ’इतनी शक्ति हमें देना दाता’ गीत प्रस्तुत किया. उद्घाटन सत्र में श्रीधरराव गाडगे ने छात्रों और अभिभावकों के समक्ष डॉ. हेडगेवार का जीवनवृत्त संक्षिप्त में प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारत में वर्षों से अनेक महापुरुष अवतरित हुए हैं, जिनके विचार आज भी भारतीयों के मन में स्पष्ट रूप से अंकित हैं. डॉ. हेडगेवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय थी और जब वे बारह वर्ष के थे, उसी दिन प्लेग के कारण उनके माता-पिता का निधन हो गया. ’वंदे मातरम’ का नारा लगाने की सजा के रूप में स्कूल से निकाले जाने के बाद, उन्होंने यवतमाल से ग्यारहवीं से बारहवीं तक की शिक्षा पूरी की. वे कलकत्ता गए और डॉक्टर बने, उन्हें चिकित्सा के पेशे में कभी रुचि नहीं थी. देश आज़ाद क्यों नहीं हुआ? आज़ादी क्यों मिली? दोबारा आज़ादी नहीं मिलेगी. इसी सोच के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई, जो आज एक वटवृक्ष बन गया है. आज शताब्दी वर्ष है. संघ जब किसी को कुछ देता है तो कभी उपकार के रूप में नहीं देता, बल्कि यह चिंतन करता है कि लेने वाला कैसे दाता बने, पारिवारिक और सामाजिक जीवन में वह कैसे आत्मसम्मान के साथ खड़ा हो, जिससे उसका पूर्ण विकास हो सके. दूसरे सत्र में चार समूहों के लिए मार्गदर्शन, अनुभव साझाकरण और चर्चा सत्र आयोजित किए गए. तत्पश्चात, छात्रों को मिठाइयाँ और उपहार वितरित किए गए और दोपहर के भोजन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.





