महामंडल द्बारा लाखों रूपए खर्च करने के बावजूद यात्रियों की असुविधा

लालपरी के अ‍ॅप को लेकर यात्रियों में निराशा

अमरावती/ दि. 25 – एसटी महामंडल द्बारा यात्रियों की सुविधा के लिए ‘आपली एसटी’ यह मोबाइल अ‍ॅप विकसित किया गया है. इस अ‍ॅप के माध्यम से यात्रियों को बस का लोकेशन, निकट का बस डिपो, समय, सेवा नंबर, टिकट आरक्षण आदि सभी जानकारी एक क्लीक पर उपलब्ध हो, ऐसी संकल्पना थी. दशहरे के अवसर पर इस अ‍ॅप का लोकापर्ण किया. प्रत्यक्ष में इस अ‍ॅप का इस्तेमाल काफी मर्यादित होता दिखाई दे रहा है. विशेषता एसटी से सफर करनेवाले लाखों आम यात्रियों द्बारा इस अ‍ॅप का ज्यादा इस्तेमाल न किए जाने से यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड रहा है.
इस अ‍ॅप में बस का सीधा लोकेशन देखने की सुविधा केवल आरक्षित टिकट धारकों को ही दी जाती है. इस कारण जो यात्री पहले से आरक्षण करता है. उसे ही उसकी बस का नंबर डालने पर उसका लोकेशन दिखाई देता है. लेकिन एसटी के यात्रियों में से केवल डेढ से दो प्रतिशत यात्री ही आरक्षण करते हैं. शेष 98 प्रतिशत यात्री सीधे डिपो पर जाकर टिकट निकालते हैं. इस कारण बस के सीधे लोकेशन जैसी महत्व की सेवा आम यात्रियों को नहीं मिलती.

तकनीक चरमराने से सिर दर्द
‘आपली एसटी’ अ‍ॅप इस्तेमाल करनेवालों द्बारा लगातार शिकायतें आ रही है. कुछ बस डिपो पर पहुंचने के बावजूद अ‍ॅप पर उसका लोकेशन अपडेट नहीं होता. कुछ समय अ‍ॅप बंद रहता है. जानकारी जल्द नहीं मिलती तथा बस नंबर तलाशने के लिए भी अ‍ॅप में सुलभ पर्याय नहीं है. शिकायत देने के लिए स्वतंत्र पर्याय नहीं रहने से परेशानी होने पर यात्रियों को समाधानकारक मार्ग नहीं मिलता.

7 वर्ष होने पर भी अ‍ॅप अधूरा
वर्ष 2018- 19 में एसटी महामंडल ने एक निजी कंपनी को विकल ट्रैकिंग सिस्टीम बैठाने का ठेेका दिया. इसके लिए 32 करोड 55 लाख रूपए का आर्थिक प्रावधान किया. अब तक इसमें से 13 करोड 32 लाख रूपए खर्च किए गये है. कुछ बसेसे में विकल ट्रैकिंग सिस्टीम और कुछ प्रमुख स्थानकों पर पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टीम स्क्रीन लगाई गई है. इस प्रणाली पर आधारित अ‍ॅप शुरू होने के लिए 7 साल लग गये. फिर भी वह अब तक अधूरा रहता दिखाई दे रहा है.

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