सिंगल स्क्रीन थिएटर खत्म करने पर तुली सरकार
संजय सुराणा का भयंकर आरोप

* दर्शकों से 5 प्रतिशत लेकर 18 प्रतिशत जीएसटी कैसे भरें?
* सीसीसीए में निर्विरोध चुने गए हैं
अमरावती/दि.27 – सेन्ट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन के महत्वपूर्ण द्विवार्षिक चुनाव में निर्विरोध चुने गए संजय सुराणा ने आरोप लगाया कि, महाराष्ट्र सरकार सिंगल स्क्रीन टॉकीज खत्म करने पर तुली लगती है. उन्होंने राज्य शासन के नानाविध आदेशो और बेसिर-पैर के कानूनों पर अंगुली रखी. थिएटर ओनर्स के हितों में बात करनेवाले सुराणा ने अध्ययन परक होकर कई सवाल उठाएं. उन्होंने अपने एसो. की कार्यप्रणाली पर भी ‘अमरावती मंडल’ से बातचीत दौरान सवाल उठाए. ‘अमरावती मंडल’ के लक्ष्मीकांत खंडेलवाल ने उनके निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा पश्चात वार्तालाप किया.
* कई चुनौतियां व्यवसाय के सामने
जानकारी के विस्फोट और इंटरनेट तथा टीवी चैनलों की भरमार की वजह से पहले ही सिने उद्योग पिछले तीन दशकों से जूझ रहा है. ऐसे में व्यवसाय को टिकाए रखना नामुमकिन हो गया है. संजय सुराणा ने कहा कि, शासन किसी भी स्तर पर सहयोग नहीं कर रहा है. सीसीसीए अंतर्गत पहले 1100 थिएटर्स थे. जो आज घटकर 250 से कम हो गए हैं. स्वयं जामनेर के शालीमार थिएटर के मालिक सुराणा ने सरकार की टैक्स पॉलिसी पर गंभीर प्रश्न उपस्थित किए.
* जीएसटी की रेट समझ से परे
संजय सुराणा ने पॉइंट आऊट किया कि, दर्शकों से थिएटर मालिकों को 5 प्रतिशत जीएसटी लेना कानून सम्मत है, जबकि थिएटर्स पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है. ऐसे में थिएटर ओनर्स उधेडबुन में है कि, दर्शकों से 5 प्रतिशत लेकर सरकार को 18 प्रतिशत टैक्स कहां से दे? सुराणा ने और कडा होते हुए सरकार को अंधी कहा. उन्होंने कहा कि, कॉमनसेन्स की बात है मगर सरकार सुनने को ही तैयार नहीं. रिफंड के लिए आवेदन करने कहती है, जबकि पुराने रिफंड बाकी है.
* 40 करोड का रिफंड बकाया
टॉकीज व्यवसाय में बरसों से रचे-बसे और थिएटर ओनर्स के हित में बात करनेवाले संजय सुराणा ने उदाहरण देकर बताया कि, महाराष्ट्र सरकार ने तानाजी फिल्म टैक्स फ्री किया था. उसका टैक्स शासन से रिफंड किए जाने की लफ्फाजी हुए थी, बरसों बीत गए. आज भी टैक्स रिफंड के 30-40 करोड बकाया होने का दावा सुराणा ने इस बातचीत में किया.
* कोई सुनवाई नहीं
सुराणा ने आक्रामक होते हुए कहा कि, शासन स्तर पर कोई सुनवाई टॉकीज ओनर्स अथवा डिस्ट्रीब्यूटर्स की नहीं हो रही है. टैक्स रिफंड के लिए आवेदन करने में भी बडी दिक्कतें हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि, ऐसा कौनसा बिझनेस है, जिसमें 5 प्रतिशत टैक्स कस्टमर से वसूल कर शासन को 18 प्रतिशत का भुगतान किया जाता है? उन्होंने बारंबार यह विषय उठाते हुए टॉकीज के लाईसेंस रिनिवल का मुद्दा भी ‘अमरावती मंडल’ से चर्चा दौरान उपस्थित किया.
* पांच साल की फीस, हर वर्ष रिनिवल का झंझट
संजय सुराणा अपने प्रदर्शन और सिने व्यवसाय को लेकर खासा अध्ययन करने के साथ विभिन्न स्तरों पर बात रखने के लिए जाने जाते है. उन्होंने टॉकीज के लाईसेंस रिनिवल के विषय में भी सरकार पर प्रश्न उपस्थित किए. शासन ने एक साथ 5 वर्ष के लिए लाईसेंस जारी करने की हामी भरी. 5 वर्ष की फीस एक साथ जमा करवा लेती है, किंतु लाईसेंस के लिए हर बार रिनिवल अर्थात नूतनीकरण के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड रहे हैं. सुराणा ने कहा कि, इस बारे में जिलाधीश से बात करें, तो वे सरकार की ओर से ऐसा आदेश आने का हवाला देते हैं. सुराणा ने कहा कि, 1800 सिंगल स्क्रीन आज घटकर 300 से कम रह गई है.
* टॉकीज की जगह मॉल की अनुमति नहीं
महाराष्ट्र में शासन के निर्णय और आदेश टॉकीज ओनर्स की कमर तोड चुके हैैं. एक के बाद एक धडाधड टॉकीजेस बंद हो रही है. अमरावती में 11 थिएटर्स थे. अब मात्र 2 सिंगल स्क्रीन शुरु है. महाराष्ट्र शासन की बंद पडी टॉकीजेस की जगह मॉल, मार्केट बनाने की अनुमति भी नहीं दी जाती. जिससे टॉकीज ओनर्स परेशान है. तंगहाली तक आ गए हैं. करोडों की जमीन के मालिक कैश क्रंच झेल रहे हैं. संजय सुराणा ने बताया कि, मध्य प्रदेश के जबलपुर में 30 टॉकीज समय के साथ बंद हो गई, किंतु वहां की सरकार ने मार्केट, मॉल, मल्टीफ्लेक्स बनाने की अनुमति प्रदान कर दी. जिससे वहां के टॉकीज ओनर्स राहत पा चुके हैं. एक ही देश में दो प्रकार के कानून कैसे चल रहे हैैं? यह प्रश्न संजय सुराणा ने उपस्थित किया. सुराणा सोशल मीडिया और सभी मंचों पर टॉकीज ओनर्स के साथ-साथ डिस्ट्रीब्यूटर्स के हित में बात करते, आलेख आदि के जरिए बडे सक्रिय हैं. उनके विरुद्ध सीसीसीए के चुनाव में इस बार भी कोई खडा नहीं हुआ. वे निर्विरोध निर्वाचित, घोषित हो गए. उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देनेवालों का तांता लगा था. सुराणा ने अमरावती मंडल के साथ कई प्रश्नों पर जानकारी साझा की.





